By Shakti Singh Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 23 Dec 2023 02:20 PM (IST)
Ranchi News फर्जी सांसद बन झालदा निवासी नबानी मुखर्जी अपने परिचितों के टिकट कंफर्म कराता था। सीनियर डीसीएम निशांत कुमार को फोन कर बोलता था कि हैलो मैं पुरुलिया सांसद बोल रहा हूं... ऐसे उसने एक बार नहीं बल्कि कई बार फोन कर अपना टिकट कंफर्म कराया था। छानबीन करने पर पता चला कि वह पेशे से ड्राइवर है।
जागरण संवाददाता, रांची। मैं पुरुलिया सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो बोल रहा हूं। मैंने एक टिकट भेजा है, उसे कंफर्म करा दें। यह आवाज किसी सांसद की नहीं थी बल्कि फर्जी सांसद बने झालदा निवासी नबानी मुखर्जी उर्फ बाबू मुखर्जी की है, जो कि सीनियर डीसीएम निशांत कुमार को फोन कर रहा था।
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ऐसे उसने एक बार नहीं बल्कि कई बार फोन कर अपना टिकट कंफर्म कराया था। जब इस पर सीनियर डीसीएम को संदेह हुआ, तो पता चला कि जिस फोन नंबर से सीनियर डीसीएम को फोन आता है। वह नंबर सांसद का नहीं है।
अपने परिचितों के टिकट कंफर्म कराता था चालक
बताया गया कि वह पेशे से ड्राइवर है और इसी तरह फोन कर अपने परिचितों का टिकट कंफर्म कराने का काम करता है। हालांकि रेलवे आरपीएफ द्वारा उससे संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन शुरुआती दौर में उससे संपर्क नहीं हुआ।
उसके बाद जिन लोगों का उसने टिकट कराया था उनसे संपर्क कर उन्हें रेलवे आने के लिए कहा गया। बाबू मुखर्जी कई दिनों तक वह भागता रहा। जब आरपीएफ ने संपर्क साधा, तो वह धौंस दिखाने लगा। कभी मुख्यमंत्री के साथ तो कभी मंत्री के साथ रहने की बात कहने लगा।
निकाली जा रही डिटेल
हालांकि जब उस पर दबाव बनाया गया तब वह आरपीएफ के पास पहुंचा। उसे थाने के सुपुर्द कर दिया गया है। रेलवे ने नबानी मुखर्जी पर प्राथमिकी करायी है। इस मामले में यह भी जांच किया जाएगा कि वह रेलवे के किस-किस अधिकारी से बात करता था। उसका काल डिटेल निकाला जाएगा।
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