फेक न्यूज भी है Digital Crime, धोखाधड़ी से बचने के लिए लोगों को किया जागरूक
गुमला उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने कहा कि डिजिटल साक्षरता को जन-जागरूकता से जोड़ना समय की आवश्यकता है। जन शिकायतों में कई लोग आनलाइन फ्राड के शिकार होकर आते हैं। उनसे जुड़ी कानूनी प्रक्रिया बहुत जटिल और लंबी होती है। जैसे बीमारियों से बचने के लिए सतर्कता आवश्यक होती है उसी तरह साइबर अपराधों से बचने के लिए भी सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।

जागरण संवाददाता,गुमला । वर्तमान युग में बढ़ते साइबर अपराधों, आनलाइन ठगी, फर्जी वेबसाइट, फेक न्यूज और डिजिटल धोखाधड़ी से आम नागरिकों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से कार्तिक उरांव कालेज के आडिटोरियम में जिला प्रशासन द्वारा डिजिटल रक्षा पाठशाला का आयोजन किया गया।
इस विशेष जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने कहा कि डिजिटल साक्षरता को जन-जागरूकता से जोड़ना समय की आवश्यकता है। जन शिकायतों में कई लोग आनलाइन फ्राड के शिकार होकर आते हैं। उनसे जुड़ी कानूनी प्रक्रिया बहुत जटिल और लंबी होती है।
उन्होंने कहा कि जैसे बीमारियों से बचने के लिए सतर्कता आवश्यक होती है, उसी तरह साइबर अपराधों से बचने के लिए भी सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। बताया कि उन्हें भी एक बार तत्काल टिकट बुकिंग के नाम पर फर्जी लिंक मिला था, जिस पर क्लिक करने से उनका डिवाइस हैक हो सकता था।
उन्होंने कहा कि फेक न्यूज भी एक प्रकार का साइबर अपराध है। यह समाज में भ्रम फैलाता है और कई बार मानसिक व सामाजिक नुकसान पहुंचाता है। पुलिस अधीक्षक हारीस बिन जमा ने बताया कि साइबर अपराधी अब केवल ओटीपी ही नहीं, बल्कि लिंक, वायस सैंपल और फोटो तक का उपयोग कर धोखाधड़ी करते हैं।
उन्होंने कहा कि आपके डेटा की सुरक्षा आपके हाथ में है। कोई भी संदेहास्पद काल, मैसेज या लिंक मिलने पर तुरंत नजदीकी थाना में सूचना दें या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें। डीडीसी दिलेश्वर महतो ने कहा कि पाठशाला सिर्फ जागरूकता का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखने की कोशिश है।
साइबर पीस असिस्टेंट मैनेजर एंड ट्रेनी शुभांगी शिफा ने बताया कि नागरिक साइबर अपराध की शिकायतें सीधे नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर कर सकते हैं। उन्होंने अपने संगठन का संपर्क नंबर 9570000066 भी साझा किया, ताकि जरूरत पड़ने पर लोग सीधे विशेषज्ञों से संपर्क कर सकें।
देशबंधु मिश्रा ने फेक वेबसाइट की पहचान, ओटीपी फ्राड, फर्जी लिंक व फेक मैसेज से कैसे बचें, इस पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे बहुत सारी फर्जी वेबसाइटें मूल वेबसाइटों की हूबहू नकल बनाकर लोगों को ठगने का काम करती हैं।
कार्यक्रम के अंत में आयोजित इंटरैक्टिव सेशन में कई नागरिकों ने अपने साथ हुए साइबर फ्राड के अनुभव साझा किए और विशेषज्ञों से समाधान प्राप्त किया। यह सत्र काफी उपयोगी और संवादात्मक रहा, यहां साइबर क्राइम से जुड़े कई वीडियो का भी फुटेज दिखाते हुए नागरिकों को जागरूक किया गया।
बताया गया कि ओटीपी, पासवर्ड या बैंक संबंधी जानकारी किसी से साझा न करें, चाहे वह स्वयं को बैंक कर्मचारी ही क्यों न बताए। फर्जी काल या व्हाट्सएप मैसेज में लाटरी, इनाम या फ्री आफर की बातों पर विश्वास न करें। फेक न्यूज को आगे न बढ़ाएं। पहले पुष्टि करें।
अपने पासवर्ड को नियमित रूप से बदलें और मजबूत पासवर्ड रखें जिसमें अक्षर, अंक और विशेष चिन्ह हों। मौके पर अपर समाहर्ता शशिंद्र बड़ाइक , डीपीआरओ ललन रजक, जिला खेल पदाधिकारी मनोज कुमार, डीएमएफटी फेलो अविनाश पाठक, राजीव रौशन जिले भर से आए लगभग 1000 से अधिक नागरिक शामिल थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।