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    मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ यौन शोषण की फर्जी प्राथमिकी वायरल, SP ने सबकुछ किया स्पष्ट; जांच में जुटी पुलिस

    रांची में झारखंड सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ यौन शोषण की फर्जी प्राथमिकी वायरल हुई। रांची पुलिस ने जांच की और पत्र को फर्जी बताया। मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस इसके पीछे के लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रही है। हालांकि इस मामले में मंत्री की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

    By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 07 Oct 2024 09:36 AM (IST)
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    झारखंड सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, रांची। राजधानी रांची में रविवार को झारखंड सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता के विरुद्ध यौन शोषण की प्राथमिकी दर्ज होने से संबंधित एक पत्र वायरल हुआ।

    मामले की पड़ताल हुई तो पता चला कि प्राथमिकी का पत्र फर्जी है। रांची पुलिस ने वायरल पत्र को फर्जी बताते हुए कोतवाली थाने में मामला दर्ज कर लिया है।

    रांची के सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने वायरल हो रहे प्राथमिकी आवेदन को लेकर स्पष्ट किया है कि यह पत्र पूरी तरह से झूठा है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से मंत्री बन्ना गुप्ता और रांची पुलिस की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। पुलिस हर बिंदु पर गंभीरता से जांच कर रही है।

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    इसके पीछे जो भी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वाट्सएप पर घूम रहा फर्जी प्राथमिकी पत्र सिटी एसपी कार्यालय को संबोधित है। इसमें पीड़िता के तौर पर पूजा महतो के छद्म नाम का उपयोग किया गया है, जिसका पता तमाड़ थाना क्षेत्र का सलगाडीह गांव बताया गया है।

    आवेदन पत्र पर एसपी कार्यालय से मिलती-जुलती एक फर्जी मुहर

    आवेदन पत्र पर एसपी कार्यालय से मिलती-जुलती एक फर्जी मुहर भी लगी है। पत्र को एसपी कार्यालय में रिसीव दिखाया गया है और रिसीव करने वाले व्यक्ति का नाम प्रभात कुमार लिखा हुआ है।

    पत्र में केस नंबर 158 भी अंकित है। इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि महिला के नाम से कोई आवेदन एसपी कार्यालय में आया ही नहीं है। इसके अलावा आवेदन में उपयोग की गई मुहर भी सिटी एसपी के कार्यालय की नहीं है।

    वहीं, सिटी एसपी के कार्यालय में प्रभात नाम का कोई भी पदाधिकारी या कर्मी भी पदस्थापित नहीं है। कोतवाली थाने में तथाकथित प्रभात और अन्य के विरुद्ध धारा 319 (2), 318 (4), 336 (2), 235, 61 (2) और 66 (ए), आइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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