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    Jharkhand: ई-कामर्स साइट पर भी लगाया जाए 5 प्रतिशत का अतिरिक्त कर

    By Vikram GiriEdited By:
    Updated: Fri, 05 Feb 2021 02:18 PM (IST)

    फेडरेशन आफ आल इंडिया व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम गाड़िया महासचिव दीपेश निराला मीडिया सेल के प्रदेश चेयरमैन संजय सर्राफ एवं कोषाध्यक्ष शैलेंद्र सुमन ने वित्त मंत्री द्वारा 2021 के बजट में विदेशी कंपनियों पर 2 प्रतिशत की दर से समानता शुल्क का प्रावधान किए जाने का स्वागत किया।

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    ई-कामर्स साइट पर भी लगाया जाए 5 प्रतिशत का अतिरिक्त कर। जागरण

    रांची, जासं । फेडरेशन आफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम गाड़िया, महासचिव दीपेश निराला, मीडिया सेल के प्रदेश चेयरमैन संजय सर्राफ एवं कोषाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार सुमन ने केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा 2021 के बजट में विदेशी कंपनियों पर 2 प्रतिशत की दर से समानता शुल्क का प्रावधान किए जाने का स्वागत किया है। साथ ही, इसे बढ़ाकर सभी प्रकार के ई-कामर्स पोर्टल द्वारा बिक्री पर 5 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की मांग की है।

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    फेडरेशन मीडिया सेल के प्रदेश चेयरमैन संजय सर्राफ ने कहा है कि ऐसी अनेकों ई कामर्स कंपनियां सक्रिय है जिनका भारत में कार्यालय नहीं है। ‌इस तरह ई कामर्स पोर्टल दूसरे देशों में स्थित विदेशी कंपनियों द्वारा संचालित किया जा रहे हैं। ये कंपनियां भारत सरकार को किसी भी प्रकार का टैक्स जैसे आयकर या जीएसटी नहीं देती है। लेकिन अच्छा बिजनेस करती है। इसी वजह से भारत सरकार को राजस्व की हानि होती रही है। फैम के राष्ट्रीय महासचिव बीके बंसल ने बजट के पूर्व सुझावों में फेडरेशन की ओर से सरकार से अनुरोध किया था कि सभी प्रकार के ई-कामर्स पोर्टल द्वारा बिक्री पर 5 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क वसूला जाए।

    बढ़ते ई-कामर्स आनलाइन व्यापार से भारत के करोड़ों पारंपरिक खुदरा व्यापारी का भविष्य अपने अस्तित्व को लेकर चिंतित में है। भारत बहुत बड़ा उपभोक्ता बाजार है और इसे विकसित करने में भारत सरकार एक बड़ा निवेश कर रही है। यदि भारत के बाजार में कोई विदेशी कंपनी कारोबार करती है और भारत में ना आयकर देती है और ना ही जीएसटी, तो सरकार को अपने राजस्व की हानि की भरपाई के लिए दो प्रतिशत के स्थान पर कम से कम 5 प्रतिशत समानता शुल्क वसूला जाना चाहिए।

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