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    झारखंड में इस हफ्ते खुल जाएगी शराब की दुकानें, नई आबकारी नीति से उत्पाद विभाग को भारी राजस्व की संभावना

    Updated: Mon, 14 Jul 2025 05:08 AM (IST)

    उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को नई उत्पाद नीति 2025 से भारी राजस्व की उम्मीद है जिसके तहत निजी हाथों से शराब की बिक्री होगी। विभाग ने चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित राजस्व लक्ष्य 3585 करोड़ रुपये रखा है। ऑडिट के बाद वास्तविक राजस्व का पता चलेगा। उम्मीद है कि इस सप्ताह तक राज्य में सभी शराब दुकानें खुल जाएंगी।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    दिलीप कुमार, रांची। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को झारखंड सरकार की नई उत्पाद नीति 'झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री हेतु दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली 2025' के अंतर्गत एक सितंबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक बंपर राजस्व हासिल करने की उम्मीद है।

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    इस नियमावली के तहत राज्य में निजी हाथों से शराब की खुदरा बिक्री होगी। निजी हाथों से शराब की खुदरा बिक्री से उत्पाद विभाग को बड़ी उम्मीदें है। यही वजह है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के सिर्फ सात महीने में ही विभाग को 2402 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है।

    इसे देखते हुए विभाग ने 13 जुलाई (रविवार) को नया व संशोधित राजस्व लक्ष्य घोषित किया है। इसके तहत चालू वित्तीय वर्ष में पहले से घोषित राजस्व लक्ष्य जहां 2985 करोड़ रुपये था, उस लक्ष्य को संशोधित करते हुए विभाग ने उसे 3585 करोड़ रुपये कर दिया है।

    चालू वित्तीय वर्ष में 2985 करोड़ का राजस्व लक्ष्य पुरानी उत्पाद नीति के आधार पर रखा गया था। पुरानी उत्पाद नीति 'झारखंड उत्पाद (झारखंड राज्य बिवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से खुदरा उत्पाद दुकानों का संचालन) नियमावली 2022' से 31 अगस्त 2025 तक राज्य में खुदरा शराब दुकानें संचालित होंगी।

    इस पांच महीने में यानी एक अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 तक के लिए विभाग ने 1183 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा है। वित्तीय वर्ष के शेष सात महीने यानी एक सितंबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक के लिए विभाग ने 2402 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा है।

    यह वही अवधि है, जिसमें शराब की खुदरा बिक्री निजी हाथों से होगी। यानी इस सात महीने अवधि में पिछले पांच महीने की तुलना में दोगुने से भी अधिक का राजस्व लक्ष्य रखा गया है।

    ऑडिट व सुनवाई के बाद राजस्व संग्रहण का आंकड़ा होगा स्पष्ट

    राज्य में शराब की खुदरा बिक्री से चालू वित्तीय वर्ष में अब तक कितने का राजस्व आया, यह आंकड़ा अब तक अस्पष्ट है। यह तभी स्पष्ट होगा, जब तक ऑडिट व सुनवाई पूरी नहीं हो जाती। इसमें करीब आठ से दस दिन और लगने की उम्मीद है।

    उत्पाद अधिकारी की मानें तो वर्तमान में हैंडओवर-टेकओवर के बाद बड़ी अनियमितता सामने आई है, जिसपर जिम्मेदार प्लेसमेंट एजेंसियों से हिसाब लिया जा रहा है। झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में आयुक्त उत्पाद की अध्यक्षता में बनी कमेटी हर दिन प्लेसमेंट एजेंसियों के साथ बैठकर हिसाब का मिलान कर रही है।

    प्लेसमेंट एजेंसी अपना तर्क दे रहे हैं, ऑडिट टीम अपना हिसाब दे रही है। कहां हिसाब में, किस वजह से अंतर आ रहा है, उसका मिलान किया जा रहा है। जब तक सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, हिसाब का मिलान पूरा नहीं हो जाता, तब तक राजस्व संग्रहण का फाइनल आंकड़ा स्पष्ट नहीं होगा।

    इस हफ्ते खुल जाएंगी सभी शराब दुकानें

    राज्य में शराब दुकानों की ऑडिटिंग व हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। नई व्यवस्था के तहत झारखंड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के अधीन दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के माध्यम से शराब की खुदरा बिक्री हो रही है।

    उत्पाद अधिकारियों ने यह संभावना जताई है कि इस हफ्ते सभी शराब दुकानें खुल जाएंगी। राज्य में शराब आपूर्ति सामान्य हो जाएगी। शराब दुकान में रखे जाने वाले कर्मियों का जेएसबीसीएल आपराधिक इतिहास व पुराने आरोपों को भी खंगाल रहा है, जिसके चलते इसमें विलंब हो रहा है।

    जिन कर्मियों पर पहले से केस या कोई दाग है, उन्हें दुकान में नहीं रखा जा रहा है। साफ-सुथरी छवि वाले कर्मी ही दुकानों में रखे जा रहे हैं।

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