तीन बार विधायक रह चुके लोकनाथ खुद खेतों में करते हैं धनरोपनी, पत्नी बेचती है सब्जी
सादगी और ईमानदारी के लिए मशहूर हैं झारखंड के बड़कागांव के पूर्व विधायक लोकनाथ महतो
उमेश दांगी, बड़कागांव (हजारीबाग)
: झारखंड की माटी वीर सपूतों की माटी रही है। यहां ऐसे राजनेताओं की भी कमी नहीं जिन्होंने अपनी सादगी और ईमानदारी से लोगों के मन पर गहरी छाप छोड़ी। इसी कड़ी में शुमार हजारीबाग जिले के बड़कागांव के पूर्व विधायक लोकनाथ महतो से भी आज के राजनेताओं को सबक लेनी चाहिए। लोकनाथ महतो ने गांधी-लोहिया की आदर्श राजनीति को आज भी जिंदा रखा है। तीन बार रह चुके हैं विधायक लोकनाथ 1995 से 2010 तक लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं। खास बात यह है कि राजयोग होने के बावजूद लोकनाथ ने कभी राजसी ठाट को पसंद नहीं किया। गांव के गंवई अंदाज, खालिस देसी मिजाज और खेती-गृहस्थी में रमी अपनी जिंदगानी पर उन्होंने कभी किसी दूसरी पहचान को हावी नहीं होने दिया। सरल-सहज लोकनाथ ने विधायक रहने के दौरान भी हमेशा विलासिता भरी जीवनशैली से दूर रहे। उनका कहना है कि राजनीति सेवा का क्षेत्र है विधायकी या कोई भी पद सिर्फ सेवा के लिए है, रौब गांठने के लिए नहीं। लोकतंत्र में सभी लोकसेवक हैं।
उनका यही अंदाज उन्हें दूसरे नेताओं की कतार से अलग खड़ा करता है। वो जब विधायक थे तब भी उनकी पत्नी सब्जी बेचा करती थी। खेती से जुड़े लोकनाथ कभी भी अपने खेतों में मेहनत करते देखे जा सकते हैं। इन दिनों भी वह खुद हल चलाकर धनरोपनी कार्य करने में मगन हैं। आज के दौरे में जब छोटे-छोटे पदों पर आसीन लोग या छोटे नेता भी थोड़ा भी सफलता से सत्ता के मद में चूर हो जा रहे हैं, कई तो सत्ता और गरिमामयी पदों को भी भ्रष्टाचार का जरिया बना बैठते हैं, ऐसे में लोकनाथ उन्हें सही राह दिखाते प्रतीत होते हैं।
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2005 में मिला था झारखंड के सर्वश्रेष्ठ विधायक का खिताब सन 2005 में लोकनाथ को झारखंड के सर्वश्रेष्ठ विधायक का खिताब मिला था। लोकनाथ आज भी अपने पुश्तैनी कार्य (खेती-बारी) को काफी अहमियत देते हैं। पत्नी मोलनी देवी व अन्य परिजन उनका इस काम में सहयोग करते हैं।
बड़कागांव में बीते सप्ताह से लगातार हो रही वर्षा के बाद धनरोपनी का कार्य जोरों पर है। सभी किसान और मजदूर अपने-अपने खेतों में कृषि कार्य में लगे हुए हैं तथा मजदूर भी एक-दूसरे के सहयोग करने के लिए खेतों में डटे हुए हैं। वही बड़कागांव के पूर्व विधायक लोकनाथ महतो भी कहीं पीछे नहीं दिखे और अपने परिजनों के साथ खेतों में जाकर काम करते देखे जा रहे है। वह धनरोपनी करती महिलाओं को धान का बिछड़ा अपने हाथों से पहुंचा रहे हैं। साथ ही समय-समय पर धान रोपने की विधि के बारे में भी अपना निर्देश देते देखे गए।
बड़कागांव प्रखंड के दोहरवा के अपने खेत में पहुंचकर धनरोपनी करवाते हुए पूर्व विधायक लोकनाथ महतो से बात करने पर बताया कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है और हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है। इसलिए आज के समय में खेती को बढ़ावा देना अति जरूरी है। समुचित खेती से भारत में अनाज का संकट कभी पैदा नहीं हो सकता। पूर्व विधायक ने बताया कि किसानों का उत्साह बढ़ाने के लिए तथा खेती कार्य को बेहतर तरीके से करने के लिए साथ में होना आवश्यक है। खेती-बाड़ी करना मेरा निजी और पारिवारिक दायित्व है। इसे कभी भी मैं नजरअंदाज नहीं कर सकता हूं। धानरोपने के कार्य में पूर्व विधायक लोकनाथ महतो के साथ साथ पत्नी मोलनी देवी,उनके बड़े पुत्र उपेंद्र कुमार सहित अन्य परिजन शामिल रहते हैं।
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