देश के चर्चित घोटाले को उजागर करने वाले ED के पूर्व अपर निदेशक का इस्तीफा, केंद्र ने किया स्वीकार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पूर्व अपर निदेशक कपिल राज जिन्होंने कई घोटालों का खुलासा किया ने इस्तीफा दे दिया है जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी कपिल राज ने दिल्ली शराब घोटाले और झारखंड में मनरेगा घोटाले जैसे कई मामलों की जांच की। उनके नेतृत्व में कई नेताओं और अधिकारियों को जेल भेजा गया और करोड़ों की संपत्ति जब्त की गई।

राज्य ब्यूरो, रांची। देश के चर्चित घोटालों को उजागर करने वाले ईडी के पूर्व अपर निदेशक कपिल राज ने इस्तीफा दे दिया है। केंद्र सरकार ने उनका इस्तीफा भी स्वीकार लिया है। उनका इस्तीफा स्वीकारने संबंधित आदेश भी केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 17 जुलाई को जारी कर दिया है।
भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी कपिल राज कस्टम्स एंड इनडायरेक्ट टैक्सेज (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के अपर आयुक्त थे। वे वर्तमान में दिल्ली जोनल इकाई में जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डायरेक्टोरेट जेनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस) में अपर निदेशक के पद पर कार्यरत थे।
इससे पूर्व कपिल राज आठ साल तक ईडी में प्रतिनियुक्ति पर थे। इस आठ साल के भीतर कपिल राज ने दिल्ली शराब घोटाले का पर्दाफाश किया और वहां के तत्कालीन मंत्री को जेल भेजा, कई अधिकारियों की इसमें संलिप्तता भी पकड़ी।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में उन्हें झारखंड स्थित ईडी के जोनल कार्यालय में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात किया था।
झारखंड में तैनाती के दौरान कपिल राज के नेतृत्व वाली रांची की टीम ने मनरेगा घोटाला पकड़ा, साहिबगंज में 1250 करोड़ का अवैध पत्थर खनन का खुलासा किया। रांची में बड़े पैमाने पर जमीन घोटाला, टेंडर आवंटन में कमीशन घोटाला को भी उजागर किया।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच के क्रम में कपिल राज के नेतृत्व वाली ईडी रांची की टीम ने झारखंड के नेताओं, अधिकारियों सहित दर्जनभर आरोपितों को जेल भेजा था। जेल जाने वालों में इनमें दो आइएएस, एक चीफ इंजीनियर, दो मंत्री शामिल थे।
रांची में पदस्थापन के दौरान ही कपिल राज संयुक्त निदेशक से अपर निदेशक में प्रोन्नत हुए थे। अपने कार्यकाल में उन्होंने करोड़ों की चल-अचल संपत्ति जब्त की थी, जिसमें ईडी की एडजुकेडिंग अथारिटी ने भी मुहर लगाया था।
गत वर्ष दिसंबर 2024 में केंद्र सरकार ने उनकी सेवा ईडी से उनके पैतृक विभाग में वापस कर दी थी। इसके बाद ही उन्हें जीएसटी खुफिया महानिदेशालय में तैनात किया गया था।
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