EPFO के नाम पर फ्रॉड! निरीक्षण के नाम पर रात में पहुंचा सरकारी अधिकारी, डोरंडा थाना में मामला दर्ज
रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र में EPFO के नाम पर फ्रॉड का मामला सामने आया है। एक व्यक्ति निरीक्षण के नाम पर रात में पहुंचा और फ्रॉड किया। पुलिस ने मामल ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, रांची। डोरंडा थाना क्षेत्र में भविष्य निधि (ईपीएफ) से जुड़े एक गंभीर जालसाजी और पद के दुरुपयोग का मामला सामने आया है। इस संबंध में अरुण कुमार के लिखित आवेदन के आधार पर डोरंडा थाना में आरोपित मनोज कुमार राय पर प्राथमिकी दर्ज हुई है।
आरोपित वर्तमान में क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय जमशेदपुर में पदस्थापित हैं। वह सेक्शन सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं। रांची में उनका पता राय इंक्लेव, नियर सरकारी कुआं, चिरौंदी बोड़या, बताया गया है, जबकि स्थायी पता आमबगान, साकची, जमशेदपुर का है।
प्राथमिकी के अनुसार, 4 नवंबर को मेसर्स जैन ट्रेवल्स, द्वारा ईपीएफओ कार्यालय को एक लिखित शिकायत दी गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि मनोज कुमार राय ने 29 अक्टूबर को बिना किसी सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के दोपहर और रात में दो बार प्रतिष्ठान के कार्यालय का दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने मृत सदस्य स्वर्गीय मो रियाज से संबंधित भविष्य निधि, पेंशन और ईडीएलआई दावों को प्रमाणित कराने के लिए दबाव बनाया।
प्रतिष्ठान के लेटरहेड, मुहर और हस्ताक्षरों की जालसाजी का आरोप
शिकायत में यह भी आरोप है कि दावों को पारित कराने के लिए प्रतिष्ठान के लेटरहेड, मुहर और हस्ताक्षरों की जालसाजी की गई। प्रतिष्ठान द्वारा 29 अक्टूबर की वीडियो और ऑडियो फुटेज भी उपलब्ध कराई गई है, जिसे एक पेन ड्राइव के माध्यम से शिकायत के साथ संलग्न किया गया।
30 को इपीएफओ कार्यालय को स्वर्गीय मो रियाज की पत्नी के नाम से इपीएफ , पेंशन और इडीएलआइ से संबंधित दावा आवेदन प्राप्त हुआ। इसमें कई गंभीर विसंगतियां पाई गईं। प्रस्तुत मृत्यु प्रमाणपत्र संदिग्ध पाया गया, जिसमें अंकित क्यूआर कोड कार्यशील नहीं था। इसके अलावा दावा प्रपत्रों पर प्रतिष्ठान के अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर भी फर्जी पाए गए।
जांच के लिए प्रतिष्ठान में गए एक अधिकारी
प्राथमिकी के अनुसार मामले की गंभीरता को देखते हुए एक प्रवर्तन अधिकारी को प्रतिष्ठान में सत्यापन के लिए भेजा गया। जांच के बाद जैन ट्रेवल्स की ओर से 11 नवंबर और 18 नवंबर को स्पष्टीकरण देते हुए स्पष्ट किया गया कि उन्होंने किसी भी दावे का प्रमाणन नहीं किया है और दस्तावेजों पर किए गए हस्ताक्षर, मुहर और लेटरहेड उनके नहीं हैं।
कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज की जांच में यह सामने आया कि मनोज कुमार राय ने ही मृत्यु दावा आवेदन डाक प्राप्ति अनुभाग में प्रस्तुत किया था। आरोप है कि इपीएफओ की राशि निकालने के लिए जाली दस्तावेजों का उपयोग करने का प्रयास किया गया। इन तथ्यों के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कांड का अनुसंधान पुलिस अवर निरीक्षक हरि प्रसाद महतो को सौंपा गया है। पुलिस का कहना है कि सभी साक्ष्यों की गहन जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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