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    जीवन के लिए पौधे कितने अहम, बता रहे सुरेश साहू

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 11 Aug 2021 06:00 AM (IST)

    सांस है तो जिदगी आक्सीजन है तो जहान है की कहावत को सार्थक कर रहे हैं नगड़ी प्रखंड के पर्यावरण प्रेमी सुरेश साहू। ...और पढ़ें

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    जीवन के लिए पौधे कितने अहम, बता रहे सुरेश साहू

    पिस्कानगड़ी : सांस है तो जिदगी, आक्सीजन है तो जहान है की कहावत को सार्थक कर रहे हैं नगड़ी प्रखंड के ेपर्यावरण प्रेमी सुरेश साहू। जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से पिछले आठ सालों में क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में लगभग 10 हजार पौधे लगाकर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया है। पर्यावरण प्रेमी सुरेश साहू पौधा लगाओ और पौधा बचाओ अभियान के लिए रोज मेहनत करते हैं। पौधों के साथ जीना और पौधों के साथ में रहना इनके दैनिक जीविका का हिस्सा बन गया है। हर दिन वे पौधों के साथ करीब 18 घंटे व्यतीत करते हैं। पौधों के साथ रहना इनकी दिनचर्या बन गई है। सुरेश साहू हैदराबाद के संस्थान राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन से पौधा के विषय में प्रशिक्षित हैं। फिलहाल रोजाना सुरेश साहू रोज दस लोगों को निश्शुल्क पौधा वितरण कर, पौधा के महत्व के विषय में जानकारी बांट रहे हैं।

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    संघर्षो की बदौलत बढ़े आगे, साइकिल मिस्त्री से की थी शुरुआत

    सुरेश साहू का जीवन संघर्षमय रहा है। स्कूल की पढ़ाई के बाद साइकिल मिस्त्री से जीवन-यापन करने वाले सुरेश संघर्षों की बदौलत लगातार आगे बढ़ते रहे। सच्चाई और काम के प्रति लगन से लगातार अपने मुकाम की ओर बढ़ते गए। अब विश्व की सबसे अमूल्य धरोहर पेड़-पौधों को बचाना और उनकी संख्या को बढ़ाना इनका उद्देश्य है। इसी के तहत इन्होंने पौधारोपण के कार्य को निरंतर निखार देकर पौधों को जीवन दे रहे हैं, ताकि आने वाले दिन में यही पौधा भविष्य के लिए जीवनदायिनी आक्सीजन दे सके। सुरेश साहू प्रखंड के कई गांवों में शिविर लगाकर लोगों को पौधों व उसे विकसित करने और इसके संरक्षण के बारे बता रहे हैं।

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    बीजो को एकत्रित कर दे रहे पौधे का रूप

    अब सुरेश साहू आम की गुठली, कटहल के कोवा, जामुन का बीज आदि को एकत्रित कर इन्हें पौधों के रूप में दोबारा जीवन दे रहे हैं। इन्होंने लोगों को पौधा के विषय में जानकारी देने के लिए एक छोटा सा प्रोटेक्शन सेल रखा है। सुरेश साहू का कहना है कि इस कार्य में उनके घर वालों ने बहुत सहयोग किया है और लोगों का भी सहयोग मिल रहा है। फिलहाल उनके पास साढ़े छह एकड़ का विशाल भूखंड है। जिसपर विभिन्न प्रकार के फलदार, छायादार व कीमती वुक्षों के पौधों की नर्सरी भी है।

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    क्या कहते हैं लोग

    समाजसेवी हिदुवा उरांव ने बताया कि सुरेश साहू ग्रामीणों को लगातार पेड़ पौधों के विषय में बताते रहते हैं। उनका यह संघर्ष सराहनीय है। इनके द्वारा पौधों का संरक्षण का लाभ लगातार ग्रामीणो को मिल रहा है। वहीं नगड़ी नयासराय निवासी जमील अंसारी का कहना है कि सुरेश साहू का पौधों के प्रति लगाव पिता पुत्र के समान है। वह पौधा को बचाने के लिए और इसके संरक्षण के लिए क्षेत्र में लोगों को पौधे के प्रति लगाव बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं, जो बहुत ही सराहनीय है।