Jharkhand News: शत्रु संपत्तियां की फिर होगी नीलामी, 12 अगस्त को ऑनलाइन लगेगी बोली
हैदरनगर के मोकरहर कला गाँव में स्थित शत्रु संपत्तियों को 12 अगस्त को फिर से नीलाम किया जाएगा। गृह मंत्रालय के निर्देश पर हो रही इस ई-नीलामी के लिए प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अंचलाधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि पहले भी नीलामी रद्द हो चुकी है। ये संपत्तियां उन लोगों की हैं जो विभाजन के समय पाकिस्तान या चीन चले गए थे।

संवादसूत्र, हैदरनगर (पलामू)। हैदरनगर अंचल क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मोकरहर कला की वर्षों से उपेक्षित पड़ी शत्रु संपत्तियों को एक बार फिर से नीलामी के लिए बाजार में लाया जा रहा है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह ई-नीलामी आगामी 12 अगस्त को आयोजित की जाएगी।
यह वही संपत्तियां हैं, जिनकी पूर्व में भी नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन वह किसी कारणवश बीच में ही रद कर दी गई थी। अब दोबारा इन्हें बिक्री के लिए ऑनलाइन माध्यम से सार्वजनिक बोली में लाया जा रहा है।
अंचलाधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि इस बार नीलामी प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक प्रशासनिक तैयारियां कर ली गई हैं। यह नीलामी सुबह 11:00 बजे से अपराह्न 4:00 बजे तक चलेगी।
यह कार्यवाही शत्रु संपत्ति अभिरक्षक, कोलकाता कार्यालय की देखरेख में संपन्न होगी। प्रस्तावित नीलामी में खेसरा संख्या 476, 598, 629, 676, 1340, 1616, 1617, 1734 तथा 454/2068 शामिल हैं, जो सभी मोकरहर कला गांव, हैदरनगर प्रखंड और जिला पलामू में स्थित हैं।
इन भूमि संपत्तियों का कुल क्षेत्रफल और उनका वर्तमान मूल्यांकन अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन प्रशासन का मानना है कि इनका बाजार मूल्य लाखों में है।
शत्रु संपत्तियां क्या हैं?
बताते चलें कि शत्रु संपत्तियां उन लोगों की मानी जाती हैं जो भारत-पाक विभाजन या 1965 और 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान या चीन जाकर बस गए और उनकी संपत्तियां भारत में छोड़ दी गईं। भारत सरकार इन संपत्तियों को ‘शत्रु संपत्ति’ घोषित कर कब्जे में ले चुकी है। इन्हें अब आम जनता को नीलामी के जरिए बेचा जा रहा है।
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