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    Jharkhand में महंगी हो सकती है बिजली, टैरिफ रिव्यू याचिका पर सुनवाई के बाद आएगा फैसला

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 01:34 AM (IST)

    झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने झारखंड राज्य विद्युत विनियामक आयोग (जेएसईआरसी) द्वारा 30 अप्रैल को जारी टैरिफ आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है। आयोग ने इस याचिका पर 10 अक्टूबर तक सुनवाई तय की है जिसमें जेबीवीएनएल का पक्ष सुना जाएगा और इसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।

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    बिजली टैरिफ रिव्यू याचिका पर अक्टूबर में होगी सुनवाई।

    राज्य ब्यूरो, रांची।  झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने झारखंड राज्य विद्युत विनियामक आयोग (जेएसईआरसी) द्वारा 30 अप्रैल को जारी टैरिफ आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है।

    यह याचिका वित्तीय वर्ष 2023-24 के ट्रू-अप, 2024-25 की वार्षिक प्रदर्शन समीक्षा (एपीआर) और 2025-26 की वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) व टैरिफ निर्धारण से संबंधित है।

    आयोग ने इस याचिका पर 10 अक्टूबर तक सुनवाई तय की है, जिसमें जेबीवीएनएल का पक्ष सुना जाएगा और इसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।

    फिलहाल, एक मई से लागू टैरिफ दरें प्रभावी हैं। 30 अप्रैल को जेएसईआरसी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए टैरिफ दरों की घोषणा की थी। इसमें शहरी उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट 20 पैसे और ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट 40 पैसे की वृद्धि की गई थी।

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    कुल मिलाकर बिजली टैरिफ में 6.34% की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई, जो एक मई 2025 से लागू है। हालांकि, जेबीवीएनएल ने 40.02% टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव दिया था, जिसे आयोग ने अस्वीकार कर केवल 6.34% वृद्धि को मंजूरी दी।

    जेबीवीएनएल ने प्रति यूनिट आठ रुपये की दर की मांग की थी, जबकि आयोग ने 6.85 रुपये प्रति यूनिट की दर स्वीकृत की। इस निर्णय से असंतुष्ट होकर जेबीवीएनएल ने पुनर्विचार याचिका दायर की है।

    जेबीवीएनएल ने अपनी याचिका में आयोग से विभिन्न बिंदुओं पर पुनर्विचार कर संशोधित आदेश जारी करने की मांग की है। निगम का तर्क है कि प्रस्तावित संशोधन न केवल उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करेंगे, बल्कि उपभोक्ताओं को पारदर्शी और न्यायसंगत दरों का लाभ भी प्रदान करेंगे।

    निगम ने दावा किया है कि मौजूदा टैरिफ दरें उनकी परिचालन लागत और वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में अपर्याप्त हैं। आयोग द्वारा सुनवाई के बाद यह तय होगा कि टैरिफ दरों में कोई बदलाव होगा या मौजूदा दरें बरकरार रहेंगी।

    उपभोक्ताओं और निगम, दोनों के लिए यह सुनवाई महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका असर बिजली की लागत और निगम की वित्तीय स्थिरता पर पड़ेगा।

    फिलहाल, उपभोक्ताओं को मौजूदा टैरिफ दरों के अनुसार बिजली बिल का भुगतान करना होगा। इस मामले में आयोग का अंतिम फैसला उपभोक्ताओं और बिजली वितरण निगम के बीच संतुलन स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

    आयोग की 25 अगस्त को सार्वजनिक सुनवाई

    राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) ने विद्युत अधिनियम 2003 के तहत नए ड्राफ्ट नियमों पर सार्वजनिक सुनवाई की तारीख घोषित की है।

    आयोग 25 अगस्त को ड्राफ्ट जेएसईआरसी (टर्म्स एंड कंडीशंस फार डिटरमिनेशन आफ जेनेरेशन टैरिफ) रेगुलेशंस, 2025 और ड्राफ्ट जेएसईआरसी (टर्म्स एंड कंडीशंस फार डिटरमिनेशन आफ ट्रांसमिशन टैरिफ) रेगुलेशंस, 2025 पर सुनवाई करेगा।

    जेनेरेशन टैरिफ पर चर्चा दोपहर 12:30 बजे से और ट्रांसमिशन टैरिफ पर 1:30 बजे से शुरू होगी। आयोग हर पांच साल में इस प्रक्रिया को दोहराता है, जिसमें नए नियम बनाए जाते हैं और पुराने नियमों को आवश्यकतानुसार लागू रखा जाता है।

    जेएसईआरसी ने सभी हितधारकों, उपभोक्ताओं और विशेषज्ञों से अपील की है कि वे इस जनसुनवाई में शामिल होकर अपने सुझाव और आपत्तियां प्रस्तुत करें। यह सुनवाई बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन टैरिफ निर्धारण में पारदर्शिता और जन सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।