Bakrid, Eid al-Adha 2020: अकीदत और एहतेराम के साथ अदा की जाएगी ईद-उल-अजहा की नमाज
Bakrid Eid al-Adha 2020 एदार ए शरिया ने कुर्बानी के पर्व बकरीद को लेकर अकीदतमंदों से सादगी के साथ त्योहार मनाने की अपील की है।
रांची, जासं। Bakrid, Eid al-Adha 2020 बाबा रिसालदार दरगाह परिसर डोरंडा में एदार ए शरीया झारखंड के मुफ्तीयाने कराम और जिम्मेदारों की राज्य स्तरीय ऑनलाइन और ऑफलाइन बैठक ईद उल अजहा की नमाज और कुर्बानी को लेकर हुई। इसकी अध्यक्षता मौलाना सैयद शाह अलकमा शिबली ने की और संचालन नाजिमे आला मौलाना मो कुतुबुद्दीन रिज़वी ने की। अनलॉक 2 में ईद उल अजहा की नमाज और कुर्बानी की अदायगी पर नाजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिज़वी ने प्रकाश डाला। ऑफलाइन और ऑनलाइन बैठक में शामिल राज्य स्तरीय तमाम जिम्मेदारों ने विचार विमर्श के बाद बकरीद को लेकर एक गाइडलाइन जारी की।
ईद उल अजहा की नमाज और कुर्बानी दो बड़ी इबादतें हैं, दोनों वाजिब हैं। वर्तमान परिस्थिति में कोरोना से सुरक्षा संबंधित राज्य सरकार की ओर से जारी की गई गाइड लाइन पर अमल करते हुए ईद उल अजहा की नमाज अदा की जाएगी। ईद उल अजहा की नमाज में कुरान की तिलावत , खुत्बा और दुआ छोटी की जाएगी। कुर्बानी के दिनों में भी एक दूसरे से हाथ मिलाने और गले मिलने से परहेज करें। कुर्बानी एक बड़ी इबादत है जो हर मालदार व्यक्ति पर अनिवार्य है।
कुर्बानी के बदले दान या खैरात कर देने से कुर्बानी अदा नहीं होगी। लेकिन कुर्बानी के दिनों में भी गरीब जरूरतमंदों का ख्याल रखें, कुर्बानी पर्दे के साथ करें और उसके बाकी चीजें किसी सुरक्षित स्थान पर गड्ढा खोदकर दफन कर दें। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें और मास्क लगाएं। कुर्बानी के तबर्रुक का एक जगह से दूसरी जगह मत ले जाएं। हर कुर्बानी के बदले मदरसों और दीनी एदारों को कम से कम 500 रुपए अदा करें।
ऑफलाइन बैठक में मौलाना सैयद शाह अलकमा शिबली, मौलाना मो कुतुबुद्दीन रिजवी, कारी अय्युब रिजवी, मौलाना जसीमुद्दीन खान, मौलाना डॉ ताजुद्दीन रिजवी, अकीलुर रहमान, मौलाना दिलदार हुसैन मिस्बाही, मौलाना कलीमुद्दीन मिस्बाही,मौलाना मसउद फरीदी, मौलाना फारुक मिस्बाही,हाफिज अबदुल मोबीन, मौलाना सैयद तिबरानी जबकी अॉन लाईन में मुफ्ती अनवर निजामी मिस्बाही, मुफ्ती एजाज हुसैन मिस्बाही, मुफ्ती फैजुल्लाह मिस्बाही, मुफ्ती रेयाजुद्दीन मिस्बाही, हाजी गुलाम मोइनुद्दीन, एस, एम मोईन, एस खुर्शीद अख्तर,मौलाना हबीब आलम, ईरशाद अहमड, डॉ अताउल्लाह, प्रो ईरशाद खान, मौलाना हाजी अलाउद्दीन कादरी, मो शमसुह होदा, मोबीन शैख सहीत राज्य के हर जिले के नुमाइंदों ने भाग लिया