Jharkhand liquor scam: IAS विनय चौबे के कार्यकाल के सभी उत्पाद आयुक्तों से ईडी करेगी पूछताछ, समन की चल रही तैयारी
झारखंड में आईएएस विनय चौबे के कार्यकाल के दौरान उत्पाद आयुक्त रहे सभी अधिकारियों से ईडी पूछताछ करेगी। ईडी जल्द ही इन अधिकारियों को समन भेजने की तैयारी ...और पढ़ें

शराब घोटाल में जांच कर रही ईडी अब एक-एक कर पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे के कार्यकाल के सभी आयुक्त उत्पादों को समन करने जा रही है।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand liquor scam राज्य में शराब घोटाला केस में पीएमएल अधिनियम के तहत जांच कर रही ईडी अब एक-एक कर पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे के कार्यकाल के सभी आयुक्त उत्पादों को समन करने जा रही है। सभी आयुक्त उत्पाद से ईडी पूछताछ करेगी।
अगले हफ्ते से ईडी जांच रेस पकड़ने वाली है। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे के कार्यकाल में जो आयुक्त उत्पाद सह झारखंड स्टेट बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रहे, उनमें आइएएस अमीत कुमार, आइएएस कमलेश्वर प्रसाद, आइएएस कर्ण सत्यार्थी व आइएएस अधिकारी फैज अक अहमद मुमताज शामिल हैं।
इन आइएएस अधिकारियेां में पूर्व आयुक्त उत्पाद अमीत कुमार, कर्ण सत्यार्थी व फैज अक अहमद मुमताज से एसीबी झारखंड के अधिकारी भी पूछताछ कर चुके हैं। अब ईडी उपरोक्त सभी अधिकारियों को समन कर पूछताछ के लिए ईडी के रांची स्थित जोनल कार्यालय में बुलाने वाली है।
ईडी ने एसीबी में 20 मई को दर्ज कांड संख्या 09/25 के आधार पर ही 28 नवंबर को पीएमएलए के तहत इंफोर्समेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआइआर) 10/25 दर्ज किया है।
जेल में जाकर कई आरोपितों से पूछताछ कर चुकी है ईडी
ईसीआइआर करने के बाद ईडी ने शराब घोटाले के आरोपित व फर्जी बैंक गारंटी पर राज्य की खुदरा शराब दुकानों में मैनपावर आपूर्ति का ठेका लेने वाली प्लेसमेंट एजेंसी मेसर्स विजन हास्पिटालिटी सर्विसेज एंड कंस्ल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के तीन निदेशकों से जेल में जाकर पूछताछ कर चुकी है। इन निदेशकों में परेश अभेसिंह ठाकोर, विक्रमासिंह अभेसिंह ठाकोर और महेश शिडगे शामिल हैं।
तीनों गुजरात के रहने वाले हैं। इन्हें एसीबी झारखंड की टीम ने शराब घोटाले से संबंधित एसीबी रांची के कांड संख्या 09/2025 में 14 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। अब ईडी इस केस से जुड़े अन्य आरोपितों व संदिग्धों से पूछताछ करेगी।
ईडी ने जिनके विरुद्ध ईसीआइआर किया है उनमें उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव वर्तमान में जमीन घोटाला केस में जेल में बंद निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे, तत्कालीन संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह व अन्य शामिल हैं।
इन अधिकारियों पर मई 2022 में राज्य में लागू उत्पाद नीति के दौरान नियमों को ताक पर रखकर अपने पसंदीदा प्लेसमेंट एजेंसी को राज्य की खुदरा शराब दुकानों में मैनपावर आपूर्ति का ठेका दिया।
इन प्लेसमेंट एजेंसियों में मेसर्स विजन व मेसर्स मार्शन ने फर्जी बैंक गारंटी देकर मैनपावर आपूर्ति का ठेका ले लिया था। इससे विभाग को करीब 38 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचा था।

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