ED Raids: मंटू के ठिकानों पर ED की रेड से सनसनी, बड़े ब्लैकमेलिंग गिरोह का हो सकता है खुलासा
रांची में ईडी की छापामारी में ब्लैकमेलिंग रैकेट का खुलासा हुआ है जिसके सरगना मंटू सोनी हैं। मंटू सोनी पर एआई तकनीक और साइबर फ्रॉड का इस्तेमाल कर अधिकारियों को ब्लैकमेल करने का आरोप है। उन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाकर अधिकारियों से पैसे वसूले। ईडी की छापेमारी में कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं और मामले की जांच जारी है।

प्रदीप सिंह, रांची। झारखंड में ईडी की ताजा छापामारी ने एक बड़े रैकेट का खुलासा किया है, जिसका मास्टरमाइंड बड़कागांव का मंटू सोनी बताया जा रहा है।
दो दिन पहले हजारीबाग के बड़कागांव में मंटू सोनी के ठिकानों सहित कांग्रेस की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद और उनके करीबियों के घरों पर ईडी ने छापामारी की थी।
ईडी के अनुसार इस कार्रवाई ने न केवल अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को उजागर किया है, बल्कि मंटू सोनी की देखरेख में जारी एक बड़े सिंडिकेट का भी पर्दाफाश किया है, जो अधिकारियों का भयादोहन करता है।
39 वर्षीय मंटू सोनी का असली नाम शनिकांत उर्फ मंटू सोनी है। वह हजारीबाग जिले के बड़कागांव का निवासी है। जांच एजेंसी के अनुसार, मंटू ने कई बड़े अधिकारियों और सफेदपोश लोगों को ब्लैकमेल किया। उसने फर्जी दस्तावेज बनाकर अधिकारियों को डराने और उनसे धन उगाही करने का एक सुनियोजित नेटवर्क स्थापित किया था।
मंटू ने सचिवालय सहित माइंस, ग्रामीण विकास, वन और जल संसाधन जैसे कई विभागों में अपने एजेंटों का जाल बिछा रखा था, जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए अधिकारियों को निशाना बनाते थे। इन अधिकारियों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बदनामी और विभागीय कार्रवाई का डर दिखाकर मोटी रकम वसूली जाती थी।
मंटू के इस रैकेट में कई सहयोगी शामिल हैं, जो अधिकारियों को धमकाने और धन उगाही में उसका साथ देते थे। मंटू सोनी का नाम पहले भी संदिग्ध गतिविधियों में सामने आ चुका है। झारखंड हाईकोर्ट ने मंटू पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
अवैध कोयला ढुलाई और खनन में मामले की जांच में खुलासा
ईडी की कार्रवाई आरकेटीसी ट्रांसपोर्टिंग कंपनी से जुड़े अवैध कोयला ढुलाई और खनन मामले की जांच से शुरू हुई। इस दौरान मंटू सोनी के ठिकानों पर हुई छापामारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद किए गए हैं।
मंटू के नेटवर्क में कई अधिकारी और सफेदपोश लोग शामिल हैं, जिनके नाम जल्द ही सामने आ सकते हैं। उसका नेटवर्क इतना व्यापक है कि उसने विभिन्न विभागों में अपनी पैठ बना रखी है। ईडी अब इस मामले में गहन जांच कर रही है। जिससे उसके और उसके सहयोगियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है।
ईडी जांच में सहयोग करुंगा, मेरे खिलाफ आधारहीन आरोप
ईडी जांच की जद में आए मंटू सोनी का कहना है कि उनके विरुद्ध आधारहीन आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एआई के जरिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करने की बातें गलत है। वैध दस्तावेज के आधार पर उन्होंने शिकायत की है। शिकायत के बाद वन्य जीव के लिए सैकड़ों करोड़ वन विभाग को प्राप्त हुआ है।
बोकारो के तेतुलिया में राज्य सरकार से केंद्र सरकार ने जवाब मांगा है और अवैध खनन का खुलासा हुआ है। भ्रष्ट अधिकारी मेरे विरुद्ध शिकायतें करते हैं। कई शिकायतों पर मैनेज करने का प्रयास किया गया है, जिसकी पुष्टि सीआईडी जांच में हुई है।
हाई कोर्ट का एक लाख रुपये का मेरे विरुद्ध जुर्माना तकनीकी गलती की वजह से हुआ है। ईडी की कार्रवाई किस कारण से हुई है, उसकी जांच ईडी करेगी। उन्होंने कहा कि मैं ईडी को जांच में सहयोग करूंगा। मेरे खिलाफ ईडी कोई आधिकारिक बयान देकर आरोप का खुलासा नहीं किया जा रहा है। मेरे खिलाफ अनर्गल बातें कर साजिश की जा रही है।
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