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    झारखंड में करोड़ों की उगाही का राज खोल रही ED, रडार पर कई बड़े नेता और अधिकारी; अब किसका नंबर?

    Updated: Sun, 12 May 2024 08:29 PM (IST)

    ED Raid In Jharkhand वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद ईडी की जांच का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। ईडी ने अब ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। 14 मई को पूछताछ होनी है। दरअसल आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर के ठिकानों से 38 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे।

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    झारखंड में करोड़ों की उगाही का राज खोल रही ED, रडार पर कई बड़े नेता और अधिकारी (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। ED Raid In Jharkhand ईडी ने ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद जो जांच शुरू की थी उसका दायरा बढ़ता जा रहा है। जांच के दौरान ही ईडी ने राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीए संजीव लाल और संजीव लाल के नौकर जहांगीर के ठिकानों से 38 करोड़ रुपये बरामद किए थे। जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। जांच के घेरे में कई बड़े अधिकारी व नेता आने वाले हैं।

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    इसी कड़ी में मंत्री आलगीर आलम से पूछताछ भी होने जा रही है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, झारखंड ने 11 जनवरी 2020 को कनीय अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा व आलोक रंजन के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में चार्जशीट की थी। इस आधार पर ईडी ने 17 सितंबर 2020 को केस दर्ज किया था।

    इससे पहले 13 नवंबर 2019 को एसीबी जमशेदपुर में जय माता दी इंटरप्राइजेज के ठेकेदार विकास कुमार शर्मा ने सड़क निर्माण विभाग के कनीय अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि सुरेश प्रसाद वर्मा ने उनके लंबित चार लाख 54 हजार 964 रुपये के बकाया भुगतान को जारी करने के एवज में 28 हजार रुपये की रिश्वत मांगी है।

    वीरेंद्र से शुरू जांच का दायरा बढ़ता जा रहा

    एसीबी ने सत्यापन के बाद सुरेश प्रसाद वर्मा को 14 नवंबर 2019 को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। उसी दिन एसीबी ने सुरेश प्रसाद वर्मा की पत्नी पुष्पा वर्मा के आवास पर छापेमारी की थी, जहां से 63 हजार 870 रुपये नकदी, जेवरात, जमीन व बैंक से संबंधित कागजात मिले थे।

    अगले दिन 15 नवंबर 2019 को उसी आवास के पहले तल्ले पर उनके किराएदार आलोक रंजन के आवास पर छापेमारी की थी, जहां से 2.67 करोड़ रुपये नकदी जब्त किए गए थे। तब आलोक रंजन को भी गिरफ्तार किया गया था। एसीबी को छानबीन में बरामद 2.67 करोड़ रुपये नकदी के बारे में सुरेश प्रसाद वर्मा का कोई लिंक नहीं मिला था।

    बाद में सुरेश प्रसाद वर्मा व उनके पारिवारिक सदस्यों ने खुलासा किया कि उक्त राशि वीरेंद्र कुमार राम के हैं। वीरेंद्र कुमार राम व उनकी पत्नी राजकुमारी देवी अक्सर आलोक रंजन के किराए के मकान में आते-जाते रहते थे। बाद में ईडी ने वीरेंद्र राम की सवा सौ करोड़ की संपत्ति का पता लगाया था। इनमें उनकी करोड़ों की संपत्ति को ईडी जब्त कर चुकी है।

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