Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शराब घोटाला: निलंबित IAS विनय चौबे और अन्य पर ED का बड़ा एक्शन, PMLA के तहत केस दर्ज

    By DILIP KUMAREdited By: Chandan Sharma
    Updated: Wed, 03 Dec 2025 05:35 PM (IST)

    Jharkhand Liquor Scam निलंबित आईएएस विनय कुमार चौबे और अन्य के खिलाफ ईडी ने शराब घोटाला मामले में पीएमएलए के तहत केस दर्ज किया है। यह कार्रवाई एसीबी द ...और पढ़ें

    Hero Image

    एसीबी में दर्ज शराब घोटाला में ईडी ने पीएमएलए के तहत किया केस। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जागरण रांची। निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे व अन्य के विरुद्ध शराब घोटाला मामले में एसीबी थाना रांची में 20 मई 2025 को दर्ज कांड संख्या 09/2025 के आधार पर ईडी ने पीएमएलए के तहत केस दर्ज कर लिया है। ईडी ने 28 नवंबर को इंफोर्समेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआइआर) 10/2025 में सभी आरोपितों के विरुद्ध पीएमएलए के तहत केस किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब इस केस में पूर्व में एसीबी के हाथों गिरफ्तार (वर्तमान में चार्जशीट नहीं होने पर जमानत पर निकले सभी आरोपितों) से ईडी भी पूछताछ करेगी। इसके लिए ईडी पीएमएलए कोर्ट से अनुमति लेगी।

    राज्य में शराब घोटाला केस में एसीबी के रांची थाना में 20 मई को दर्ज कांड संख्या 09/2025 में एसीबी ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व सचिव आइएएस विनय कुमार चौबे, तत्कालीन संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह व अन्य को आरोपित बनाया था।

    उसी दिन एसीबी ने विनय कुमार चौबे व गजेंद्र सिंह के अलावा एक निजी प्लेसमेंट एजेंसी के स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा था। गिरफ्तारी के वक्त विनय कुमार चौबे पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव थे। गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।

    मई 2022 में राज्य में लागू उत्पाद नीति के दौरान शराब घोटाला हुआ था। तब विनय कुमार चौबे उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव के अलावा झारखंड राज्य बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड के आयुक्त सह प्रबंध निदेशक भी थे। उस वक्त दूसरे आरोपित गजेंद्र सिंह संयुक्त आयुक्त उत्पाद थे। दोनों आरोपितों पर पद का दुरुपयोग कर प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया एवं प्रविधान का समुचित अनुपालन किए बगैर साजिश रचने का आरोप है।

    एसीबी ने जांच में पाया कि एक साजिश के तहत जालसाजी कर दोनों ने झारखंड सरकार को 38 करोड़ का नुकसान पहुंचाया। ईडी ने पीएमएलए के तहत केस दर्ज कर इसकी जानकारी अदालत को दे दी है। 

    मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी से अनुमति के बाद एसीबी ने दर्ज की थी प्राथमिकी

    राज्य में शराब घोटाला मामले में एसीबी झारखंड ने प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी। पीई में एसीबी को यह सबूत मिले कि उत्पाद विभाग में नियमों को ताक पर रखकर प्लेसमेंट एजेंसियों का चयन हुआ और उन्हें अनैतिक लाभ पहुंचाया गया।

    इससे झारखंड सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा। इसके बाद ही एसीबी ने मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग से अनुमति लेकर 20 मई 2025 को एसीबी रांची थाना कांड संख्या 09/2025 में प्राथमिकी दर्ज की थी।