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    Ranchi News: जमीन घोटाले में ED का खुलासा, जमीन माफिया कमलेश को लेकर कोर्ट में क्या-क्या बताया?

    Updated: Sat, 27 Jul 2024 07:55 PM (IST)

    Land Scam Case जमीन घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग के तहत प्रवर्तन निदेशालय की टीम लगातार जांच कर रही है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे परत दर परत मामला उजागर होता जा रहा है। इसी बीच जमीन माफिया कमलेश को ईडी ने जमीन घोटाले में गिरफ्तार किया और पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

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    पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया जमीन माफिया कमलेश। फोटो- जागरण

    राज्य ब्यूरो, रांची। Land Scam Case जमीन घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने जमीन माफिया कमलेश कुमार उर्फ कमलेश कुमार सिंह को शनिवार को रांची स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया। कोर्ट के आदेश पर उसे आठ अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भेज दिया गया है।

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    ईडी ने कोर्ट में आवेदन देकर कमलेश को रिमांड पर दस दिनों तक पूछताछ की अनुमति मांगी है। रिमांड आवेदन पर सोमवार को सुनवाई होगी। ईडी ने रिमांड आवेदन में बताया है कि आरोपित कमलेश कुमार फर्जीवाड़ा कर जमीन पर कब्जा करने, खरीद-बिक्री करने का आदतन अपराधी रहा है।

    ईडी के अनुसार, वह और उसके सहयोगियों ने कांके में 300 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा किया और करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। इनमें से आरोपितों ने 140 एकड़ जमीन से संबंधित आनलाइन म्यूटेशन दस्तावेज को मिटाने की कोशिश की, जिसे ईडी ने रीकवर कर लिया है।

    ईडी ने जमीन घोटाले में किया नया ईसीआइआर

    2023 में दर्ज ईसीआइआर में ईडी ने छानबीन में कमलेश के विरुद्ध पर्याप्त सबूत एकत्रित किया। गोंदा और कांके थाने में अवैध तरीके से जमीन पर कब्जा और जालसाजी मामले में दर्ज अलग-अलग चार कांडों को जोड़कर ईडी ने जमीन घोटाला मामले में नया ईसीआइआर किया है।

    कमलेश को ईडी ने शुक्रवार को छठे समन पर पूछताछ के लिए बुलाया था, जहां पूछताछ के बाद रात करीब आठ बजे उसे गिरफ्तार कर लिया था।

    ऑनलाइन दस्तावेज नष्ट करने की हुई कोशिश

    ईडी ने कोर्ट में दिए रिमांड आवेदन में बताया है कि जमीन माफिया कमलेश ने अंचल कार्यालय की मिलीभगत से फर्जीवाड़ा कर म्यूटेशन किए गए आनलाइन दस्तावेज को मिटाने की कोशिश की थी। ईडी ने दस जुलाई व 11 जुलाई को कांके अंचल कार्यालय व प्रोजेक्ट भवन स्थित परियोजना प्रबंधन इकाई में सर्वे किया था।

    यहां छानबीन में पता चला कि 21 जून को कमलेश कुमार ने अंचल कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध तरीके से कब्जे में ली गई जमीन के आनलाइन म्यूटेशन को मिटाया था। यह उस दिन किया, जिस दिन उसके ठिकाने पर ईडी छापेमारी कर रही थी। ईडी ने एनआइसी सर्वर से मिटाए हुए 20 रिकार्ड को रीकवर कर लिया था।

    ये ऑनलाइन दस्तावेज कांके मौजा के 140 एकड़ जमीन से संबंधित थे, जिसपर कमलेश व उसके सहयोगियों ने कांके अंचल के सहयोग से अवैध तरीके से जाली कागजात के आधार पर कब्जा किया था। ईडी ने कोर्ट को जानकारी दी है कि कमलेश का यह कृत्य साबित करता है कि वह जालसाजी कर मनी लांड्रिंग में लिप्त था।

    20 हजार 436 रुपये मूल्य के 500 रुपये के मिले थे पुराने नोट

    ईडी ने 2023 में जमीन घोटाले में दर्ज ईसीआइआर मामले में ही 21 जून 2024 को कमलेश के दो ठिकानों पर छापेमारी की थी। इनमें उसके किराये के फ्लैट कांके रोड के एस्टर ग्रीन अपार्टमेंट के सी ब्लाक स्थित फ्लैट नंबर 603 व चेशायर होम रोड में सुरेंद्र नाथ सेंटेनरी स्कूल के समीप दीपाटोली स्थित आवासीय परिसर शामिल था।

    यहां कांके रोड स्थित किराए के फ्लैट से एक करोड़ दो लाख 18 हजार रुपये नकद मिले थे, जिनमें 20 हजार 436 रुपये मूल्य के पुराने 500 रुपये के नोट भी मिले। इसके अलावा 100 कारतूस बरामद हुए थे। इस मामले में कांके थाने में आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी। बरामद रुपये भी अवैध जमीन कारोबार से ही संबंधित थे।

    ईडी को छापेमारी में बहुत से डीड मिले हैं, जिनमें कइयों में कमलेश कुमार सीधे तौर पर शामिल है। कुछ में वह या तो पहचानकर्ता है, गवाह है या पावर आफ अटार्नी लिया हुआ है। इन दस्तावेजों को ईडी ने अनुसंधान के दौरान जांचा है।इसमें पता चला है कि कमलेश कुमार व अन्य ने मिलकर जमीन के इस अवैध कारोबार से करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है।

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