रांची भूमि घोटाले में ED ने विष्णु अग्रवाल को किया गिरफ्तार, फर्जीवाड़ा कर जमीन की खरीद-फरोख्त करने का है आरोप
Ranchi Land Scam News रांची भूमि घोटाले मामले में ईडी ने अब 13वें आरोपी के रूप में न्यूक्लियस मॉल संचालक विष्णु अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने विष्णु अग्रवाल को समन कर सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। शाम करीब चार बजे ईडी कार्यालय पहुंचे विष्णु अग्रवाल को ईडी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया।

राज्य ब्यूरो, रांची: रांची भूमि घोटाले मामले में ईडी ने अब 13वें आरोपी के रूप में न्यूक्लियस मॉल संचालक विष्णु अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने विष्णु अग्रवाल को समन कर सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। शाम करीब चार बजे ईडी कार्यालय पहुंचे विष्णु अग्रवाल को ईडी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। ईडी विष्णु अग्रवाल को मंगलवार को विशेष अदालत में प्रस्तुत करेगी।
ईडी ने विष्णु को पूर्व में 17 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंने बीमारी का हवाला देते हुए ईडी से समय मांगा था। ईडी ने उन्हें दूसरा समन देकर 26 जुलाई को बुलाया, तो उस वक्त विष्णु अग्रवाल ने पूजा-पाठ का हवाला देकर समय मांग लिया था। इसके बाद ईडी ने तीसरा समन देकर उन्हें 31 जुलाई को बुलाया, जहां सुबह 11 बजे के बजाय शाम चार बजे वे ईडी कार्यालय पहुंचे थे।
विष्णु अग्रवाल पर क्या हैं आरोप
विष्णु अग्रवाल पर फर्जीवाड़ा कर रांची में अलग-अलग जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप है। चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर जमीन के असली रैयत का नाम बदलने और जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन करवा लेने के आरोपों की पुष्टि हो चुकी है।
ईडी ने सिरमटोली चौक के पास स्थित सेना के कब्जे वाली एक अन्य जमीन व पुगड़ू की एक जमीन की खरीद-बिक्री मामले में भी विष्णु अग्रवाल के खिलाफ जांच तेज कर दी है।
DC छवि रंजन और विष्णु अग्रवाल के बीच रहे हैं घनिष्ठ रिश्ते
रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन और विष्णु अग्रवाल के बीच घनिष्ठ संबंध रहे हैं। छवि रंजन ने ही नामकुम मौजा के पुगड़ू में खरीद-बिक्री नहीं होने वाली जमीन पर विष्णु अग्रवाल को अवैध कब्जा दिलाया था। इस मामले में जमीन से जुड़े रैयतों व गवाहों का ईडी बयान ले चुकी है।
छवि रंजन के गोवा टूर का खुद किया था भुगतान
ईडी ने सेना के कब्जे वाली जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री मामले में पूर्व में दाखिल आरोप पत्र में इस बात का खुलासा किया था कि विष्णु अग्रवाल ने रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन के सहयोग से फर्जीवाड़ा किया था। उन्होंने इसके एवज में छवि रंजन का गोवा टूर करवाया था।
गोवा में छवि रंजन की होटल ताज फोर्ट अगुआडा में रहने-खाने की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए विष्णु अग्रवाल ने अपने कर्मचारी के माध्यम से दिल्ली के एक ट्रेवेल एजेंट को नकद में भुगतान किया था। ईडी ने विष्णु अग्रवाल के मोबाइल से जब्त डेटा से इसका खुलासा किया था।
मोबाइल से हुआ था चौंकाने वाला खुलासा
विष्णु अग्रवाल के मोबाइल से चौंकाने वाला खुलासा हुआ था। यह भी खुलासा हो चुका है कि रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन के मौखिक आदेश पर चेशायर होम रोड की एक एकड़ विवादित जमीन का म्यूटेशन विष्णु अग्रवाल व उनकी पत्नी अनुश्री अग्रवाल के नाम पर बड़ागाईं के तत्कालीन अंचलाधिकारी मनोज कुमार ने किया था।
कब-कब कौन-कौन हो चुके हैं गिरफ्तार
14 अप्रैल: प्रदीप बागची, अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज खान व भानु प्रताप प्रसाद।
7 मई: रांची के पूर्व उपायुक्त निलंबित आइएएस छवि रंजन।
7 जून: दिलीप कुमार घोष व अमित कुमार अग्रवाल।
3 जुलाई: भरत प्रसाद व राजेश राय।
31 जुलाई: विष्णु अग्रवाल।
रैयत और डीड दोनों फर्जी, भुगतान का भी प्रमाण नहीं
ईडी को पूर्व में अनुसंधान के दौरान यह जानकारी मिल चुकी है कि भूमि घोटाले के जालसाजों के सिंडिकेट में राजेश राय व भरत प्रसाद अहम हिस्सा रहे हैं। रांची के सदर थाना क्षेत्र में गाड़ी मौजा स्थित चेशायर होम रोड की विवादित एक एकड़ जमीन का रैयत फर्जी, डीड भी फर्जी और भुगतान का भी प्रमाण नहीं मिला।
कोर्ट के आदेश के बाद सदर थाने में इस मामले 8 सितंबर 2022 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। भूमि घोटाले में दर्ज ईसीआईआर में ईडी ने उक्त केस को भी जोड़ दिया है। छानबीन में पता चला कि राजेश राय और भरत प्रसाद ने गलत तरीके से चेशायर होम रोड की उक्त एकड़ जमीन पर कब्जा किया। उक्त जमीन का खाता नंबर 37 व प्लॉट नंबर 28 है।
राजेश राय ने अपने सहयोगियों की मदद से एक फर्जी डीड 184/1948 बनाया और उसका पावर आफ अटार्नी गलत तरीके से इम्तियाज अहमद व भरत प्रसाद को दे दिया। राजेश राय से पावर आफ अटार्नी लेने के बाद इम्तियाज अहमद व भरत प्रसाद ने उक्त जमीन को पुनीत भार्गव नामक व्यक्ति को बेच दिया।
एक अन्य आरोपित लखन सिंह ने भी स्वीकार किया है कि छह फरवरी 2021 को पुनीत भार्गव के पक्ष में डीड बना था। डीड में एक करोड़ 78 लाख 55 हजार 800 रुपये में बेचे जाने का जिक्र है। इसमें केवल 25 लाख रुपये ही पुनीत भार्गव ने अपनी कंपनी शिवा फेबकान के खाते से भुगतान किया था।
इसके अलावा, शेष राशि को गलत तरीके से डीड में दिखाया गया है। पुनीत भार्गव ने उक्त जमीन को खरीदने के दो महीने के बाद ही विष्णु अग्रवाल को 1.80 करोड़ रुपये में बेच दी थी। विष्णु अग्रवाल ने एक अप्रैल 2021 को दो सेल डीड से उक्त जमीन खरीदी थी।
गौरतलब है कि ईडी ने गत 14 अप्रैल को इम्तियाज अहमद को भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। उस समय से ही वह जेल में है। पुनीत भार्गव प्रेम प्रकाश का खास सहयोगी है। प्रेम प्रकाश नेताओं व नौकरशाहों का करीबी है, जिसे ईडी ने गत वर्ष अवैध पत्थर खनन मामले में गिरफ्तार किया था। वर्तमान में प्रेम प्रकाश जेल में बंद है।

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