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    ECI नेशनल लेवल मास्टर गीता चौबे का बयान, कानूनी प्रक्रिया से होता है SIR में मतदाता सूची से नाम जोड़ना-काटना

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 11:26 PM (IST)

    ईसीआई नेशनल लेवल मास्टर गीता चौबे ने कहा कि एसआईआर में मतदाता सूची से नाम जोड़ना और काटना एक कानूनी प्रक्रिया के तहत होता है। उन्होंने मतदाता सूची में ...और पढ़ें

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    ECI नेशनल मास्टर ट्रेनर गीता चौबे। फोटो जागरण

    संजय कुमार, रांची। भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 324, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के धारा 21 एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 द्वारा प्रदत्त अधिकार के तहत मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराया जा रहा है।

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    आयोग द्वारा प्रत्येक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि एसआईआर के दौरान योग्य नागरिकों का नाम मतदाता सूची में अवश्य दर्ज हो तथा अयोग्य व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में नही रहे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ), जिला निर्वाचन पदाधिकारी (डीईओ) द्वारा यह सुनिश्चित कराया जाए कि निर्वाचन निबंधक पदाधिकारी (ईआरओ) के मार्गदर्शन में संविधान के अनुच्छेद 326 द्वारा निर्धारित योग्यता वाले व्यक्ति ही मतदाता बने।

    जांच में पता चला कि बहुत मतदाता इधर से उधर चले गए, अनेकों ने अपना घर बदल लिया तो कई का निधन हो गया आदि। एसआईआर के तहत बीएलओ गणना प्रपत्र लेकर मतदाताओं से घर-घर जाकर भरवाते हैं। इसके बाद निर्धारित प्रक्रिया अपना कर सूची से अयोग्य व्यक्ति का नाम हटाया जाता है।

    यह कहना है भारत निर्वाचन आयोग की नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर गीता चौबे का। वे सोमवार को दैनिक जागरण कार्यालय में जागरण विमर्श के तहत मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआइआर) क्यों कराया जा रहा है और इसकी क्या प्रक्रिया है से संबंधित विषय पर अपनी बात रख रहीं थी।

    उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग को संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत यह अधिकार दिया गया है कि वह मतदाता सूची को शुद्ध एवं समावेशी बनाने के लिए सघन पुनरीक्षण, संक्षिप्त पुनरीक्षण, कुछ भाग का सघन पुनरीक्षण और संक्षिप्त पुनरीक्षण करा सकता है।

    उन्होंने कहा कि संक्षिप्त पुनरीक्षण समय-समय पर चलाया जाता है। इसमें जिनको मतदाता सूची में नाम जुड़वाना रहता है वे निर्वाचन आयोग की ओर से तय समय में संबंधित बूथ पर जाकर जरूरी प्रमाण पत्र के साथ बीएलओ के पास आवेदन जमा करते हैं।

    एसआईआर का मुख्य उद्देश्य योग्य छूटे नहीं, अयोग्य जुटे नहीं। यह पहले भी होता रहा है। उन्होंने बीएलओ पर दबाव से संबंधित सवाल पर कहा कि एक बीएलओ अपने क्षेत्र से अच्छी तरह परिचित रहते हैं। इसलिए वे अपना दायित्व ठीक से निभाते हैं।