Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ई ग्रास मुद्रांक व निबंधन शुल्क की नहीं हो रही वापसी, देखें,....ज्यूडिसियल स्टांप सिस्टम का केस स्टडी

    Jharkhand News कभी-कभी जल्दबाजी परेशानी का सबब बन जाती है। जमीन निबंधन प्रक्रिया(Land Registration Process) को सरल और आधुनिक बनाने की हडबड़ी में वैसी ही स्थिति उत्पन्न हो गई है। दरअसल सरकार ने जमीन निबंधन प्रक्रिया को सरल और आधुनिक बनाने के लिए आनलाइन ई-ग्रास(Online E-Grass) व्यवस्था की है।

    By Sanjay KumarEdited By: Updated: Fri, 10 Dec 2021 09:34 AM (IST)
    Hero Image
    ई ग्रास मुद्रांक व निबंधन शुल्क की नहीं हो रही वापसी, देखें,....ज्यूडिसियल स्टांप सिस्टम का केस स्टडी

    चतरा(जुलकर नैन)। Jharkhand News: कभी-कभी जल्दबाजी परेशानी का सबब बन जाती है। जमीन निबंधन प्रक्रिया(Land Registration Process) को सरल और आधुनिक बनाने की हडबड़ी में वैसी ही स्थिति उत्पन्न हो गई है। दरअसल सरकार ने जमीन निबंधन प्रक्रिया को सरल और आधुनिक बनाने के लिए आनलाइन ई-ग्रास(Online E-Grass) व्यवस्था की है। लेकिन इसमें कुछ तकनीकी त्रुटि रह गई। इसका खामियाजा जमीन खरीदने वालों को भुगतान पड़ रहा है। करीब सौ से अधिक ऐसे क्रेता हैं, जो जमीन रजिस्ट्री(land Registry) के लिए ई-ग्रास नन ज्यूडिसियल स्टांप(E-Grass Non Judicial Stamp) और निबंधन शुल्क आनलाइन भुगतान(Registration Fee Online Payment) करने के बाद तकनीकी अड़चन में फंस गए हैैं। भूमि का निबंधन नहीं हुआ। ऐसी हालत में नियमानुसार ई-ग्रास(E-Grass) नन ज्यूडिसियल स्टांप एवं निबंधन शुल्क वापस नहीं किया गया। 50 लाख रुपये से अधिक सरकार(Government) के खजाने में पड़े हुए हैं। संबंधित खरीदार रुपयों की वापसी के लिए कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जब तक साफ्टवेयर में माड्यूल उपलब्ध नहीं होगा, तब तक भुगतान संभव नहीं है:

    राज्य की हेमंत सरकार ने ई-ग्रास नन ज्यूडिसियल स्टांप सिस्टम जुलाई 2020 से शुरू किया। अधिसूचना में सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जमीन निबंधन नहीं होने अथवा तकनीकी समस्या उत्पन्न होने की स्थिति में ई-ग्रास नन ज्यूडिसियल स्टांप एवं निबंधन शुल्क वापस हो जाएगा। परंतु ऐसा नहीं हो रहा है। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि ई-ग्रास अंतर्गत गैर न्यायिक मुद्रांक का लाक एवं निरस्त करने का साफ्टवेयर में माड्यूल उपलब्ध नहीं है। जब तक साफ्टवेयर में माड्यूल उपलब्ध नहीं होगा, तब तक भुगतान संभव नहीं है।

    ज्यूडिसियल स्टांप सिस्टम का केस स्टडी

    • केस स्टडी -1

    नाम -: दिनेश कुमार गुप्ता

    ग्राम -: राजभर, इटखोरी।

    राशि -: 80,000

    आइडी नंबर -: 20210000083024

    जीआरएन नंबर -: 2107162885

    • केस स्टडी -2

    नाम -: वैजंती देवी

    ग्राम -: टीकर-चंगेर, चतरा प्रखंड

    राशि -: 1,20000

    आइडी नंबर -: 20210000001588

    जीआरएन नंबर -: 2103717036

    • केस स्टडी -3

    नाम -: गुलाब यादव

    ग्राम -: चतरा

    राशि -: 62,224

    आइडी नंबर -: 20210000083024

    जीआरएन नंबर -: 2107162885

    निबंधन शुल्क केस स्टडी

    • केस स्टडी-1

    नाम -: शंभू यादव

    ग्राम -: टीकर-चंगेर, चतरा प्रखंड

    राशि -: 93,727

    आइडी नंबर -: 20210000001588

    जीआरएन नंबर -: 2103726365

    • केस स्टडी-2

    नाम -: इंद्रदेव यादव

    ग्राम -: कठौतिया, चतरा प्रखंड

    राशि -: 10,024

    आइडी नंबर -: 20200000105847

    जीआरएन नंबर -: 2003046553

    क्या है ई-ग्रास:

    ई-ग्रास अर्थात गवर्नमेंट रीसिप्ट एकाउंटिंग सिस्टम है। इस पर मैनुअल, नेट बैंकिंग, डेबिट या क्रेडिट कार्ड द्वारा स्टांप पेपर से संबंधित गवर्नमेंट रीसिप्ट्स जमा किया जाता है।

    संबंधी साफ्टवेयर में माड्यूल विकसित नहीं हो पाया है: जिला अवर निबंधक

    चतरा के जिला अवर निबंधक बालेश्वर पटेल का कहना है कि ई-ग्रास के अंतर्गत गैर न्यायिक मुद्रांक के ई-चालान को डिफेक्ट कर लॉक अथवा कैंसल करने संबंधी साफ्टवेयर में माड्यूल विकसित नहीं हो पाया है। इस कारण समस्या उत्पन्न हो रही है। बहुत जल्द इसका निदान हो जाएगा। चूंकि माड्यूल का ट्रायल हो रहा है।

    अन्य जिलों की स्थिति:

    • लोहरदगा, कोडरमा, गुमला, सरायकेला खरसावां एवं लातेहार में ई ग्रास नन ज्युडिशियल स्टांप और निबंधन शुल्क भुगतान संबंधी कोई भी मामला लंबित नहीं है। लोहरदगा के सब रजिस्ट्रार मनोजीत प्रसाद का कहना है कि वर्तमान में किसी भी क्रेता का ई ग्रास नन ज्युडिशियल एवं निबंधन शुल्क लंबित नहीं रखा गया है। मार्च 2021 से पहले दो मामले लंबित थे, जिनका भुगतान कर दिया गया है।
    • पूर्वी सिंहभूम जिला के अवर निबंधक अशोक सिन्हा ने बताया कि यहां तकनीकी गड़बड़ी की समस्या नहीं है।
    • पलामू में नन ज्युडिशियल स्टांप की वापसी के करीब 55 मामले लंबित हैं। शुल्क की वापसी नजारत से होती है। रजिस्ट्री आफिस से निबंधन शुल्क वापसी के चार मामले 91 हजार 159 रुपये का भुगतान लंबित है। रजिस्ट्रार महेंद्र कुमार ने बताया कि इन चार मामले के भुगतान की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।