Dumka Murder Case: पेट्रोल से जिंदा जलाई गई किशोरी के हत्यारों को बचाने के लिए पुलिस ने बदली उम्र
Dumka Murder Case Jharkhand झारखंड के दुमका में पेट्रोल छिड़कर जिंदा जला दी गई किशोरी ने अपने बयान में उम्र 17 वर्ष लिखवाया था। इसे बदलकर पुलिस ने 19 वर्ष कर दिया। अब दुमका पुलिस की कार्यशैली की जांच हो रही है। किशोरी की रिम्स में मौत हो गई थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। Dumka Murder Case: दुमका की किशोरी को एकतरफा प्यार में जिंदा जलाकर मारने का मामला तूल पकड़ रहा है। पुलिस की कार्यशैली संदेह के घेरे में है। घटना के बाद पुलिस सक्रिय हुई और मुख्य आरोपित मोहम्मद शाहरूख हुसैन व उसके सहयोगी छोटू खान उर्फ नईम खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन घटना के दिन से ही पुलिस की गतिविधियां संदेह के घेरे में है। पुलिस ने जख्मी हालत में किशोरी का दुमका स्थित अस्पताल में जो फर्द बयान लिया था, उसमें पीड़िता ने उम्र 17 साल लिखवाया था, जिसे बाद में 19 वर्ष किया गया था।
उम्र की जगह की गई है ओवरराइटिंग
ऐसा बयान की कापी देखने से स्पष्ट हो रहा है। जहां उम्र लिखा गया है, उसपर ओवरराइटिंग स्पष्ट दिख रही है। आरोप है कि पीड़िता का उम्र 19 लिखकर पुलिस ने आरोपितों को शुरूआती दौर में मदद करने की कोशिश की थी। हालांकि, पीड़िता का बयान दंडाधिकारी की मौजूदगी में हुआ था। उम्र में ओवरराइटिंग की शिकायत संबंधित जांच के बिंदू पर पुलिस मुख्यालय ने भी दुमका के रेंज डीआइजी को निर्देशित किया है। जैक बोर्ड के प्रमाण पत्र के अनुसार पीड़िता की जन्मतिथि 26 नवंबर 2006 है।
पीड़िता की मौत के बाद बदली धाराएं
मालूम हो कि पीड़िता की रांची रिम्स में मौत के बाद मामला तूल पकड़ने पर केस से संबंधित धाराएं भी बदली गई हैं। अब पोक्सो एक्ट भी लगा है और धारा 302 भादवि को जोड़कर पूरे मामले में जांच चल रही है। लेकिन दुमका पुलिस की कार्यशैली पहले ही दिन से संदिग्ध नजर आ रही है। माना जा रहा कि जांच में पुलिस की करतूतें उजागर हो सकती हैं। पुलिस ने उम्र की जगह ओवरराइटिंग क्यों की, यह सबसे बड़ा सवाल है।
एक सप्ताह में पूरी होगी बिसरा जांच
दुमका पुलिस ने किशोरी की बिसरा को राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में इस आग्रह के साथ जमा कराया था कि जांच रिपोर्ट जल्द दी जाय। अब यह सूचना है कि एक सप्ताह के भीतर बिसरा जांच पूरी हो जाएगी, जिसकी रिपोर्ट दुमका पुलिस को दी जाएगी, ताकि इस पूरे प्रकरण में दुमका पुलिस पुख्ता तथ्यों के साथ चार्जशीट दाखिल कर सके। एसएफएसएल को ज्वलनशील पदार्थ के नमूने पर भी अपनी रिपोर्ट देनी है।