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    ED की कार्रवाई से आलमगीर पर गिरा मुसीबतों का पहाड़, अब गठबंधन के प्रचार अभियान से भी रखे जाएंगे दूर

    Alamgir Alam चंपई सरकार में नंबर दो की पोजीशन वाले मंत्री आलमगीर आलम ईडी की कार्रवाई से इन दिनों मुसीबतों से घिर गए हैं। उन्‍हें पहले राहुल गांधी की सभा से दूर रखा गया और अब वह गठबंधन के प्रचार अभियान से भी दूर रखे जांएंगे। कांग्रेस के एक वरिष्‍ठ नेता ने तो यह तक कह दिया कि आलमगीर आलम की वजह से फजीहत बढ़ गई है।

    By Pradeep singh Edited By: Arijita Sen Updated: Thu, 09 May 2024 08:15 AM (IST)
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    गठबंधन के प्रचार अभियान से भी दूर रखे जाएंगे आलमगीर आलम

    राज्य ब्यूरो, रांची। Alamgir Alam : चंपई  सरकार में मंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम का आगे का राजनीतिक सफर आसान नहीं होगा। उनके पीएस संजीव लाल व करीबी जहांगीर आलम के यहां से मिले नोटों के पहाड़ के बाद कांग्रेस के इस कद्दावर नेता की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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    ईडी की कार्रवाई से आलमगीर की बढ़ीं मुश्‍किलें

    सरकार में नंबर दो की पोजिशन रखने वाले आलमगीर आलम हमेशा मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के साथ गठबंधन के कार्यक्रमों के अलावा सरकारी कार्यक्रमों में भी नजर आते थे।

    गठबंधन के प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करने के दौरान भी उनकी मौजूदगी हर जगह देखी गई। राज्य में कांग्रेस पार्टी से संबंधित निर्णय उनके बगैर नहीं लिया जाता था। उन्हें दरकिनार करने की कोई सोच भी नहीं सकता था, लेकिन ईडी की कार्रवाई ने उन्हें भारी परेशानी में डाल दिया है।

    राहुल की सभा से आलमगीर को रखा गया दूर

    कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के झारखंड आगमन के दौरान एयरपोर्ट से लेकर चुनावी सभाओं में आलमगीर आलम को फटकने नहीं दिया गया। वे सार्वजनिक कार्यक्रमों से भी दूर हैं। उन्हें यहां तक हिदायत दी गई है कि वे फिलहाल कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखें।

    दरअसल ताजा घटनाक्रम से सत्तारूढ़ गठबंधन असहज है। आलमगीर आलम के करीबियों के यहां छापामारी से वे निशाने पर आ गए हैं। कहा जा रहा है कि जल्दी ही उनके विरुद्ध भी कार्रवाई आरंभ होगी। ऐसे में चुनाव में उनकी सक्रियता का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

    आलमगीर के कारण भारी फजीहत: कांग्रेस नेता

    कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, आलमगीर आलम के कारण भारी फजीहत हो रही है। पूरे राज्य में इसकी चर्चा है। चुनावी सभाओं में जुटे लोग भी इस पर सवाल पूछते हैं, जिससे असहज होना स्वाभाविक है। बीच का रास्ता यही है कि आलमगीर आलम सीन से गायब रहें। उन्हें इसके संकेत दे दिए गए हैं।

    बरामद पैसे को लेकर निशाने पर है गठबंधन

    आलमगीर आलम से दूरी बरतने की वजहें भी है। भाजपा ने ताजा घटनाक्रम को लेकर गठबंधन पर प्रहार तेज कर दिया है। निशाने पर शीर्ष नेतृत्व है।

    भाजपा विधायक दल के नेता अमर कुमार बाउरी ने तो यहां तक कह दिया है कि बरामद पैसे के स्त्रोत के बारे में स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस आलाकमान इसका जवाब दें।

    पूर्व से ही भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे गठबंधन के लिए आलमगीर आलम का बचाव करना मुश्किल होगा। इसका सीधा असर उनके राजनीतिक भविष्य पर पड़ेगा।

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