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    वर्दी वाले बाबुओं का दर्द, कहने को हैं डीएसपी, इंस्पेक्टर का कर रहे काम, सैलरी और सुविधाएं भी वही

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 07:31 PM (IST)

    राज्य में पुलिस निरीक्षक से डीएसपी के रैंक में प्रोन्नत राज्य के 63 अधिकारी कहने को तो डीएसपी बन चुके हैं लेकिन आज भी पुलिस इंस्पेक्टर का ही काम कर रहे हैं। वेतन तथा अन्य सुविधाएं भी इंस्पेक्टर वाला ही ले रहे हैं। राज्य में इन 63 नवप्रोन्नत डीएसपी के अलावा 39 नव नियुक्त डीएसपी भी पदस्थापन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इनका प्रशिक्षण पूरा हो चुका है।

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    डीएसपी में प्रोन्नत होने के बाद भी इंस्पेक्टर का काम कर रहे हैं।

    राज्य ब्यूरो, रांची । राज्य में पुलिस निरीक्षक से डीएसपी के रैंक में प्रोन्नत राज्य के 63 अधिकारी कहने को तो डीएसपी बन चुके हैं, लेकिन आज भी पुलिस इंस्पेक्टर का ही काम कर रहे हैं।

    कंधे पर डीएसपी का स्टार लगा है, बने हुए हैं इंस्पेक्टर और वेतन तथा अन्य सुविधाएं भी इंस्पेक्टर वाला ही ले रहे हैं। राज्य सरकार ने उन्हें 26 जून को प्रोन्नति दी थी।

    करीब ढाई माह हो चुके हैं, लेकिन उनकी प्रोन्नति को लेकर विभाग में किसी भी तरह की कोई सक्रियता नहीं दिख रही।

    सूची तैयार, ऊपर से हरी झंडी का इंतजार

    विभागीय अधिकारियों की मानें तो उनकी सूची तैयार है, ऊपर से हरी झंडी मिलते ही स्थानांतरण-पदस्थापन संबंधित प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

    राज्य में इन 63 नवप्रोन्नत डीएसपी के अलावा 39 नव नियुक्त डीएसपी भी पदस्थापन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इनका प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। इस प्रकार 102 डीएसपी का पदस्थापन होना है।

    स्थानांतरण-पदस्थापन की सूची में जो पहले से डीएसपी का पद संभाल रहे हैं, उनका भी नाम रहेगा। वैसे डीएसपी भी कहीं न कहीं स्थानांतरित होंगे।

    विभाग में इस बात की चर्चा है कि करीब 200 डीएसपी का स्थानांतरण-पदस्थापन होना है, जिसकी सूची पर गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग व विभागीय मंत्री की स्वीकृति ली जानी है।

    एडीजी सुमन गुप्ता सहित पांच आइपीएस भी वेटिंग में

    राज्य के पांच आइपीएस अधिकारी भी वेटिंग फार पोस्टिंग हैं। इन अधिकारियों में वर्ष 1997 बैच की एडीजी सुमन गुप्ता, वर्ष 2015 बैच के डा. एहतेशाम वकारिब, वर्ष 2016 बैच के दीपक कुमार पांडेय व अनिमेष नैथानी तथा वर्ष 2018 बैच के मनोज स्वर्गियारी शामिल हैं।

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    ये 27 मई से ही पदस्थापन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इन्हें वेतन मिलता रहे, इसके लिए इन्हें कंप्ल्सरी वेट सर्टिफिकेट निर्गत है। यह सर्टिफिकेट निर्गत नहीं होता तो इन्हें वेतन तब तक नहीं मिलता, जब तक कि इनका पदस्थापन नहीं हो जाता।