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    रांची में कफ सीरप के लिए नशेड़ियों ने डॉक्टर की कर दी हत्या, गांव वालों ने एक आरोपी को पकड़ा

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 11:46 PM (IST)

    रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र में डॉक्टर स्वपन दास की गला रेतकर हत्या कर दी गई। ग्रामीणों ने एक आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंपा। हत्या का कारण नशे के लिए सीरप की मांग पर विवाद बताया जा रहा है। डॉक्टर पिछले दस साल से गांव में चिकित्सा सेवा दे रहे थे और गरीबों की मदद करते थे। उनकी हत्या से गांव में शोक है।

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    डॉक्टर की निर्मम हत्या। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, रांची। बुढ़मू थाना क्षेत्र के मतवे गांव में रविवार सुबह एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया।

    गांव में पिछले दस वर्षों से चिकित्सा सेवा दे रहे डॉक्टर स्वपन दास की गला रेत कर हत्या कर दी गई। हत्या के आरोप में ग्रामीणों ने गांव के ही वारिस अंसारी को मौके पर पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।

    एक अन्य आरोपित भाग निकला। भागने वाला युवक मांडर इलाके का रहने वाला है। पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। घटना रविवार सुबह करीब आठ बजे की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार स्वपन दास मतवे गांव में किराये के मकान में रहते थे और वहीं क्लीनिक चलाते थे।

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    सुबह ग्रामीणों ने उनके कमरे से चीखने की आवाज सुनी। जब लोग वहां पहुंचे तो नजारा देख सभी सन्न रह गए। डॉक्टर स्वपन दास खून से लथपथ फर्श पर पड़े थे और कमरे में वारिस अंसारी मौजूद था।

    ग्रामीणों ने तत्काल वारिस को पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी। घटना की सूचना मिलते ही बुढ़मू थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। एफएसएल की टीम ने भी स्थल पर पहुंचकर साक्ष्य एकत्र किए।

    पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया। पुलिस के अनुसार हत्या की वजह एक छोटी सी बात को लेकर विवाद बताया जा रहा है। वारिस अंसारी नशे का आदी था।

    रविवार सुबह वह डॉक्टर के क्लीनिक पहुंचा और नशे के लिए सीरप की मांग की। डाक्टर ने सिरप उपलब्ध न होने की बात कही, जिस पर वारिस और उसके साथी ने बहस शुरू कर दी। बात बढ़ने पर डाक्टर और युवकों में झड़प हुई। इसी दौरान वारिस ने डाक्टर का गला रेत दिया।

    हर वक्त डॉक्टरों करते थे ग्रामीणों की मदद

    मृतक डॉक्टर स्वपन दास मूल रूप से पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना जिले के राजापुर गांव के रहने वाले थे। वे पिछले करीब दस साल से मतवे गांव में तबारक अंसारी के घर में किराए पर रहकर स्थानीय लोगों को इलाज की सुविधा दे रहे थे।

    ग्रामीणों का कहना है कि स्वपन दास गांव के मेडिकल लाइफलाइन थे। वह दिन-रात जरूरतमंदों को इलाज देते थे और कभी भी पैसे की मांग नहीं करते थे। गरीबों के इलाज में वह खुद दवा तक उपलब्ध करा देते थे।

    डॉक्टर के औजार से ही कर दी हत्या

    पुलिस के अनुसार डाक्टर की हत्या उनके ही औजार से की गई। आरोपित हत्या के बाद भागने की कोशिश में था, लेकिन ग्रामीणों की तत्परता से वह पकड़ा गया। पुलिस ने मौके से खून से सना औजार बरामद कर लिया है। बुढ़मू थाना प्रभारी ने बताया कि हत्या के पीछे नशे से जुड़ा विवाद तो है ही, लेकिन पैसे के लेन-देन का मामला भी सामने आया है।

    प्रारंभिक जांच में पता चला है कि डॉक्टर और आरोपित के बीच कुछ आर्थिक लेन-देन हुआ था। फिलहाल पुलिस दोनों पहलुओं पर जांच कर रही है। आरोपित से लगातार पूछताछ जारी है। डॉक्टर की इतनी बेरहमी से हत्या होने पर ग्रामीणों में आक्रोश और गम दोनों है। मृतक के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं, जो वर्तमान में पश्चिम बंगाल के अपने गांव में रहते हैं।

    गांव में पसरा मातम

    मतवे गांव में घटना के बाद मातम पसर गया। जिस कमरे में डॉक्टर की हत्या हुई, वहां अब सन्नाटा है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव ने न सिर्फ एक डॉक्टर बल्कि एक सहारा खो दिया है। पुलिस प्रशासन से लोगों ने मांग की है कि हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।