गरीबों के लिए वरदान हैं डॉक्टर भारती कश्यप, लाखों लोगों की आंखों का रख रहीं ख्याल; अब सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ छेड़ रखी है जंग
Ranchi News तमाम पेशेगत और सामाजिक चुनौतियों के बाद भी अगर कोई लगातार 32 वर्षों तक अपने काम में जुटा रहे तो वह निश्चित तौर पर अपने काम के प्रति समर्पित है। रांची की प्रमुख नेत्र चिकित्सक भारती कश्यप इसी जीवटता का जीता जागता उदाहरण हैं। अस्पताल में आम तौर पर डॉ. भारती सर्जन की ड्रेस में ही नजर आती हैं।

डिजिटल डेस्क, रांची। गांवों में हाशिये में पड़े लोगों की सेवा से अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों तक का निरंतर और मेहनती सफर बिना समर्पण के संभव नहीं है। अनेक संगठन और व्यक्ति जज्बे के साथ सामाजिक कार्य करने आते तो हैं लेकिन निरंतरता को कायम नहीं रख पाते हैं।
तमाम पेशेगत और सामाजिक चुनौतियों के बाद भी अगर कोई लगातार 32 वर्षों तक अपने काम में जुटा रहे तो वह निश्चित तौर पर अपने काम के प्रति समर्पित है। रांची की प्रमुख नेत्र चिकित्सक भारती कश्यप इसी जीवटता का जीता जागता उदाहरण हैं।
अस्पताल में आम तौर पर डॉ. भारती सर्जन की ड्रेस में ही नजर आती हैं। जब वह सर्जन की ड्रेस में नहीं होती है तो वे झारखंड के ग्रामीण इलाकों में नेत्र शिविर एवम महिला स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने में व्यस्त रहती हैं, यहां तक कि वे लोगों तक पहुंचने के लिए दूर दराज के इलाकों की यात्रा भी करती हैं।
नक्सल प्रभावित इलाकों में की लोगों की सेवा
एक नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में झारखंड के दूर दराज के हिस्सों और नक्सलवाद से ग्रस्त इलाकों में लोगों की सेवा में जीवन का मकसद दिखा। झारखंड में गरीब और हाशिये पर पड़े लोग बहुत कष्ट में है, लेकिन नक्सलवाद के कारण डॉक्टर उनके पास नहीं पहुंच पाते हैं।
डॉक्टर भारती ने 1991 में रांची में कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल में काम करना शुरू किया। उन्होंने अपने समय और कौशल का बराबरी से बंटवारा किया। उन्होंने तय किया कि वे जितना समय शहरी क्षेत्रों को देगीं, उतना ही समय सुदूर क्षेत्र के वंचितों की दृष्टि सुरक्षा में भी लगाएंगी।
डॉक्टर भारती इस चुनौती की गंभीरता का संकेत देते हुए कहती हैं कि झारखंड में अंधेपन की दर राष्ट्रीय औसत से लगभग दोगुनी है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चे उनकी प्राथमिकता बने। डॉक्टर भारती को आंखों की बीमारियों से जूझते हुए अनगिनत बच्चे मिले। यहां तक कि उनके माता-पिता को भी पता नहीं था कि क्या करना चाहिए।
मोबाइल विजन सेंटर मॉडल से किया लाखों लोगों का इलाज
नेत्र विशेषज्ञ और उनकी टीम ने 2007 में शुरू किए गए कम लागत वाले मोबाइल विजन सेंटर मॉडल का उपयोग करते हुए माओवादी क्षेत्रों में ग्रामीणों के आंखों से जुड़े लाखों मामलों को निपटाया।
उनके लो कास्ट मोबाइल विजन सेंटर मॉडल के द्वारा ही 20 लाख के करीब सरकारी स्कूल के गरीब बच्चों की स्क्रीनिंग संभव हो सकी और हजारों बच्चे जिन्होंने कभी आंख की बीमारी की वजह से पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी, उन बच्चों ने दुबारा स्कूल जाना शुरू किया।
हजारों टीचरों को झारखंड शिक्षा परियोजना की सहायता से उन्होंने इस काम के लिए विजन स्क्रीनिंग और आंख की बीमारियों को पहचानने की स्क्रीनिंग में प्रशिक्षित किया। जरूरतमंद हजारों बच्चों को मुफ्त चश्मे दिए और सैकड़ों बच्चों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन स्वयं अपने हॉस्पिटल में कर दुबारा स्कूल भेजा।
2011 की जनगणना के अनुसार, झारखंड के लगभग एक चौथाई दिव्यांग दृष्टि संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे। डॉक्टर भारती के रोगियों में मधुमेह रोगी, वृद्धाश्रम के वरिष्ठ नागरिक, दैनिक यात्री, रेलवे स्टेशन के कुली और आदिवासी शामिल हैं।
नेत्रदान जागरुकता अभियान के लिए मैराथॉन का आयोजन
उन्होंने साल 1996 में झारखंड में नेत्रदान अभियान की शुरुआत की थी। 2005 से लगातार नेत्रदान जागरुकता अभियान ‘रन फॉर विज़न एवं ब्लाइंड फोल्डेड मैराथन’ का आयोजन झारखंड में कर रही हैं।
झारखंड-बिहार में सबसे ज्यादा 1000 के करीब नेत्र प्रत्यारोपण उनके द्वारा स्थापित कश्यप मेमोरियल आई बैंक के द्वारा किए जा चुके हैं। ज्यादातर आयुष्मान भारत द्वारा मुफ्त किए गए हैं।
डॉ. भारती डायबीटीज रेटिनोपैथी स्क्रीनिंग “ज्योत से ज्योत जलाओ” अभियान पूरे झारखंड राज्य में चला रही हैं। 2019 में उनके नेतृत्व में झारखंड राज्य सोसायटी को पूरे देश में सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीजों का रिसर्च डाटा भेजने के लिए ऑल इंडिया नेत्र सोसाइटी द्वारा सम्मानित भी किया गया था।
डाक्टर भारती कश्यप के प्रयासों को सम्मान देते हुए केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार 2017 से सम्मानित किया गया था।
डॉक्टर भारती को उत्कृष्ट योगदान के लिए मिले पुरस्कार
महिला सशक्तिकरण में उत्कृष्ट योगदान के लिए नारी शक्ति पुरस्कार 2017 और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, नई दिल्ली द्वारा रिकॉर्ड 5 पुरस्कार - मेड अचीवर्स अवार्ड, डॉक्टर ऑफ द ईयर अवार्ड, ज्योति प्रसाद गांगुली पुरस्कार और कनक गोयल पुरस्कार। वह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2014 पर महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आयोजित चाय पे चर्चा में माननीय नरेंद्र मोदी द्वारा आमंत्रित 6 महिलाओं में से एक थीं।
वर्तमान राष्ट्रपति महामहिम द्रोपदी मुर्मू ने झारखंड में राज्यपाल रहते हुए डा भारती कश्यप के नेत्रदान एवं सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान को अपना नैतिक समर्थन देने के अलावा उनके द्वारा आयोजित ऐसे कई आयोजनों में खुद भाग लिया था।
इस पहल का ही अब नतीजा निकला है कि महिलाओं के सर्वाइकल कैंसर की जांच और प्रारंभिक ईलाज में झारखंड पूरे देश में शीर्ष पर है।
खुद झारखंड सरकार ने भी इन उपलब्धियों की वजह से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के साथ इस अभियान के लिए उनके महिला डाक्टर्स विंग IMA झारखंड को अपना आधिकारिक सहयोगी बनाने की पेशकश की है।
2014 से वह महिलाओं, विशेष रूप से ग्रामीण, गरीब और आदिवासी, जनजातीय समुदायों की महिलाओं को, दुनिया भर में महिलाओं के दूसरे सबसे बड़े हत्यारे सर्वाइकल कैंसर का शिकार होने से बचाने के मिशन पर हैं।
सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान में झारखंड उभरा
अब झारखंड मॉडल के माध्यम से सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान में झारखंड अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। जैसा कि पूरे देश में दुनिया के दूसरे सबसे घातक प्रकार के कैंसर के खिलाफ लड़ाई जारी है, झारखंड भारत में सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग, झारखंड सरकार और महिला डॉक्टर विंग इंडियन मेडिकल एसोसिएशन झारखंड की 23 नवंबर को हुई समीक्षा बैठक में इस तथ्य की पुष्टि की गई, जहां यह पता चला कि अप्रैल 2021 और नवंबर 2023 के बीच 2,70,684 के लक्ष्य के मुकाबले, पूरे राज्य में प्रजनन और उच्च जोखिम श्रेणियों में, 2 साल और आठ महीने में कुल 2,90,871 महिलाओ की गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की जांच की गई है।
मेगा महिला स्वास्थ्य शिविरों में गर्भाशय ग्रीवा की सूजन के लक्षणों, सर्वाइकल कैंसर के रिस्क फैक्टर, महिलाओं को पोषण, जननांग स्वच्छता, एकाधिक गर्भधारण और अपनी लड़कियों को कम उम्र में विवाह कराने की बुराइयों के बारे में शिक्षित भी किया जाता है। ग्रामीण महिलाओं को अपनी और अपने परिवार की बेहतर देखभाल करने की आवश्यकता है।
2015 में यह महसूस करते हुए कि बहुत कम समय अवधि में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है, डॉ कश्यप ने सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती स्टेज का शीघ्र पता लगाने और प्री-कैंसर इलाज के लिए और डिजिटल विडियो कोल्पोस्कोप के इस्तेमाल एवं क्रायो उपचार पर सभी सरकारी क्षेत्र के स्त्री रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षण देने के लिए शीर्ष कैंसर स्त्री विशेषज्ञों से मेगा महिला स्वास्थ्य शिविरों में प्रशिक्षण दिलवाना शुरू किया।
सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ डॉ कश्यप के अथक अभियान के कारण, झारखंड के 14 बड़े सरकारी अस्पताल अब सर्वाइकल कैंसर का शुरुआती स्टेज में पता लगाने और इलाज के लिए डिजिटल विडियो कोल्पोस्कोप और क्रायो सेट से लैस हो गए हैं। इससे लाखों महिलाएं उस गुप्त हत्यारे के चंगुल में जाने से बचाई गई हैं, जिनके बारे में आम तौर पर ग्रामीण महिलाओं को बहुत कम जानकारी होती थी।
सहिया नेटवर्क की मदद से प्रजनन आयु वर्ग की 6 प्रतिशत ऐसी महिलाओं जो सर्वाइकल कैंसर के लिए उच्च जोखिम की है और गर्भाशय ग्रीवा की सूजन के लक्षणों से ग्रसित हैं उनकी अनिवार्य जांच के लिए एक कम लागत वाला झारखंड मॉड्यूल तैयार किया गया था।
प्री-सर्वाइकल कैंसर के मामलों का पता लगाने और उनका इलाज करने में मदद के लिए झारखंड मॉडल बनाने के लिए देश भर के कैंसर स्त्री-रोग विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया था।
सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ डॉ. कश्यप की लड़ाई को एक बड़ी सफलता तब मिली जब राज्य सरकार ने उनके बनाए झारखंड मॉडल को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया। राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में महीने में 2 बार स्क्रीनिंग शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया गया।
2021 में पूरे झारखंड के सभी जिलों के लिए प्रजनन क्षमता वाली ऐसी 6 फीसदी महिलाओं की स्क्रीनिंग का लक्ष्य भी स्वास्थ्य विभाग ने निश्चित किया जिन्हें गर्भाशय ग्रीवा की सूजन के लक्षण हैं या जो सर्वाइकल कैंसर के लिए हाई रिस्क कैटेगरी में आती हैं।
डाक्टर भारती कश्यप के द्वारा झारखण्ड में चलाए जा रहे दृष्टि सुरक्षा अभियान, सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान, नेत्रदान जागरुकता अभियान, डायबिटिक रेटिनोपैथी स्क्रीनिंग “ज्योत से ज्योत जलाओ” अभियान के आंकड़े ही यह बताते हैं कि अपने इन सभी अभियानों को डॉ भारती कश्यप ने पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाया है।
डाॅक्टर भारती की उपलब्धियां
- पीएम नरेंद्र मोदी की प्रथम चाय पे चर्चा में शामिल
- राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय नारी शक्ति पुरस्कार 2017 से सम्मानित
- आईएमए के पुरस्कारों की लंबी सीरीज
- अमेरिका में साल 2018 सर्विस बियॉंड बॉडर्स USA का सम्मान मिला
- अमेरिका में साल 2017 में अमेरिकन सोसाइटी ऑफ़ कैटरेक्ट एंड रेफ्राक्टिव सर्जरी का विशेष ह्यूमैनीटेरियन आई केयर पुरस्कार
- 2018 में ब्रिटिश एक्सीलेंस अवार्ड
- राज्य के बीस लाख गरीब बच्चों का “मोबाइल विजन सेंटर” मॉडल द्वारा मुफ्त ईलाज
- सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन के लिए बनाए गए झारखंड मॉडल के जरिए तीन लाख से अधिक महिलाओं की जांच
- पूरे राज्य की महिला चिकित्सकों को प्रशिक्षण
- इस ईलाज में झारखंड को देश में सबसे आगे लाना
- बिहार झारखंड का पहला नेत्रदान एवं नेत्रप्रत्यारोपण का श्रेय
- झारखंड से सबसे ज्यादा डायबिटिक मरीजों का रिसर्च डाटा ऑल इंडिया नेत्र सोसाइटी को उपलब्ध कराना
- देश की पहली आई. एम. ए. की शाखा की नेतृत्वकर्ता जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के साथ आधिकारिक पार्टनर बनाने की पेशकश स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई है
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