Happy Diwali 2022: दिवाली पर आज आपके लिए शुभ-लाभ... लेकिन भूलकर भी न करें ये काम, अमावस्या का फेर सताएगा...
Happy Diwali 2022 दिवाली पर्व आज हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दीपावली के दौरान मंदिर से लेकर घरों तक सतरंगी प्रकाश से जगमगा रहे हैं। पटाखे की गूंज माहौल को ऊर्जावान बना रहे हैं। सड़कों से लेकर घरों और मैदान में पटाखा छोड़ने में सावधानी बरतें।

रांची, जेएनएन। Happy Diwali 2022 हर्ष और उल्लास के पर्व दीपावली के दौरान उन्मादी युवाओं के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती रही हैं और इन दुर्घटनाओं में लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है। सड़कों से लेकर घरों और मैदान तक में दुर्घटनाएं होती रही हैं और इनमें सबसे घातक मामले बमों में विस्फोट के कारण आग लगने की होती है। कई शहरों में पूर्व का इतिहास ऐसी बड़ी घटनाओं से भरे पड़े हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए सबसे अहम पहलू सावधानी है और यह सभी के लिए आवश्यक भी है।
सड़क पर चलने के क्रम में सावधानी बरतने से लेकर पटाखों को जलाने तक में सावधानी बरतनी होगी। झारखंड के लिए बेहतर बात यह है कि यहां कई अस्पतालों और चिकित्सकों ने भी अपने स्तर से लोगों को सावधान और जागरूक करना भी शुरू कर दिया है। अगलगी के शिकार लोगों का इलाज करनेवाले अस्पताल और वहां के चिकित्सक खास तौर पर लोगों को सावधान करने में जुटे हुए हैं। कई अस्पतालों और चिकित्सकों ने आम लोगों के लिए सावधानी बरतने से संबंधित टिप्स भी जारी किए हैं।
उल्लास के पर्व में कई बार अधिक जोश से किए गए कार्य लोगों के लिए घातक साबित होते हैं। ऐसे मौकों पर अक्सर दिखता है कि युवा अधिक जोश में आकर वाहनों को तेज गति से भगाते हैं जिस कारण से दुर्घटनाएं होती हैं। इतना ही नहीं पटाखों को लेकर भी कुछ युवा घोर लापरवाही बरतते हैं और इसी कारण से दुर्घटनाओं का शिकार बनते हैं। ऐसी दुर्घटनाओं से आर्थिक क्षति के साथ-साथ जान-माल की क्षति भी होती है।
दिवाली में सबसे अधिक खतरा बच्चों को होता है। कई चिकित्सकों ने इस तरह का परामर्श दिया है कि जहां पटाखे छोड़े जाएं वहां पानी की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए ताकि आग के कारण किसी प्रकार का जख्म होने पर पानी से धोकर प्रभावित व्यक्ति को राहत पहुंचाई जाए। ऐसी जगहों पर अभिभावकों की मौजूदगी भी आवश्यक है ताकि बच्चे बदमाशी ना कर सकें।
दिवाली में कई बार राकेट या अन्य पटाखे सावधानी से नहीं छोड़ने के चलते दूसरे के घरों में चले जाते हैं और आग लगने का कारण बनते हैं। झुग्गियों में आग लगने से जान-माल की क्षति की संभावना बढ़ जाती है। सरकार ने तमाम उपाय कर रखे हैं लेकिन सबसे अधिक सावधानी समाज को बरतनी होगी।
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