UPSC Result 2022: मात्र छह महीने की तैयारी... पहला प्रयास और यूपीएससी पास... सुनिए, दिव्या पांडे की कहानी
UPSC Success Story Divya Pandey रांची वीमेंस कालेज से एमबीए की पढ़ाई करने वाली गोरखपुर की दिव्या पांडे प्रथम प्रयास में ही यूपीएससी पास हो गई हैं। महज छह महीने की मेहनत में उन्होंने यह सफलता हासिल की है। बचपन से ही यूपीएससी पास करने का सपना था।

रजरप्पा (रामगढ़), जागरण संवाददाता। UPSC Success Story Divya Pandey सीसीएल रजरप्पा आवासीय कालोनी में रहने वाली दिव्या पांडे ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता अर्जित करते हुए 323वां रैंक प्राप्त कर रजरप्पा कोयलांचल का नाम रोशन किया है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाले सेवानिवृत्त सीसीएल कर्मी जेपी पांडेय की द्वितीय पुत्री दिव्या की प्रारंभिक पढ़ाई डीएवी रजरप्पा से हुई है। फिर, रांची वीमेंस कालेज से एमबीए पास करने के बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं।
बिना कोई टेंशन और बिना कोई कोचिंग कर गईं पास
दिव्या ने बताया कि मात्र छह महीने की तैयारी से ही उन्होंने यह सफलता अर्जित की है। तीन भाई बहनों में बड़ी बहन भी यूपीएससी की तैयारी कर रही है। जबकि छोटा भाई इंजीनियरिंग की तैयारी में लगा हुआ है। दिव्या की माता मनोरमा पांडेय हाउस वाइफ है। दिव्या ने इस सफलता का श्रेय माता-पिता तथा सभी परिवार के लोगों को देती हैं। उनका कहना है कि बिना कोई टेंशन और बिना कोई कोचिंग के यह मैंने पहली बार में ही यह यूपीएससी का एग्जाम दिया और सफल भी रही। आगे मुझे जो भी जिम्मेवारी दी जाएगी समर्पित भाव से कार्य करूंगी। दिव्या की सफलता पर उसे बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
गिरिडीह सांसद ने दी बधाई, कई लोग घर पहुंचे
दिव्या की सफलता के बाद राज्य के पूर्व मंत्री सह गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने उन्हें शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि यह ना सिर्फ रजरप्पा बल्कि पूरे झारखंड के लिए गौरव की बात है। बधाई देने वालों में आजसू के केंद्रीय उपाध्यक्ष रोशनलाल चौधरी, मजदूर नेता चंदेश्वर सिंह, किशोरी प्रसाद, रविंद्र प्रसाद वर्मा, अनिल प्रसाद, विशाल कुमार, सीडी सिंह, महेंद्र मिस्त्री, राजेंद्रनाथ चौधरी, विनोद कुमार, राजीव जायसवाल शामिल है।
माता पिता के साथ आइएएस बनना था मेरा सपना
दैनिक जागरण से बातचीत में दिव्या पांडे ने बताया कि मैंने अपने माता-पिता के साथ-साथ अपना सपना भी पूरा किया है। आज खुशी हो रही है कि मैंने अपने सपने को पूरा कर लिया। आइएएस बनने का ख्वाब 10वीं क्लास से ही मन में पाल रखा था।
मेहनत करने पर एक साल में भी मिल सकती सफलता
दिव्या ने बताया की एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही यूपीएससी की तैयारी में लग गई और पहली बार में ही यूपीएससी की परीक्षा दी तो सफलता मिली। हालांकि उससे काफी कुछ सिखने समझने को मिला। उन्होंने बताया कि यदि आपके पास एक साल भी है और आपने जी जान लगाकर पढ़ाई की है, तो सफलता मिल सकती है। प्रतिदिन वह 10 से 12 घंटे पढ़ती थी। परीक्षा नजदीक आने पर 14 से 15 घंटे भी पढ़ाई की।
दिव्या ने यूथ के लिए दिया टिप्स
दिव्या ने यूथ के लिए संदेश भी टिप्स के रूप में दिया है। उनका कहना है कि यूथ को मेहनत, मेहनत और सिर्फ मेहनत करें। भगवान और खुद पर भरोसा आपको गिरने नहीं देगा। इंटरनेट का प्रयाग खूब करें, सिर्फ इतना ही जो आपको सफलता दिलाए। साथ ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स से करियर बनने तक दूरी बनाकर रखें। और सबसे अहम, अपने माता-पिता को हमेशा सम्मान दें।
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