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    झारखंड में हुई थी Dharmendra की इन फिल्मों की शूटिंग, लोगों ने शेयर कीं दिलचस्प यादें 

    By SanjayEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Mon, 24 Nov 2025 04:02 PM (IST)

    झारखंड में धर्मेंद्र की कई फिल्मों की शूटिंग हुई, जिनकी यादें आज भी लोगों के मन में ताज़ा हैं। 'सत्यकाम' और ‘मोहब्बत जिंदगी है' इन फिल्मों में शामिल है। शूटिंग के दौरान Dharmendra Deol ने खूब मस्ती की थी। घाटशिला के खड़ग सिंह और गायिका मोनिका मुंडू ने उनसे जुड़े दिलचस्प किस्से सुनाए।  

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    संजय कृष्ण, रांची। बॉलीवुड के सुपरस्टार धर्मेंद्र देओल का आज निधन हो गया। धर्मेंद्र घाटशिला में ‘सत्यकाम’ की शूटिंग के लिए आए थे। इसके पूर्व वे ‘मोहब्बत जिंदगी है’ की शूटिंग के लिए वे धनबाद 1966 में आए थे। यहां तोपचांची झील में छलांग भी लगाई थी। यहां के जंगलों में गीत भी शूट हुआ था.. तुम्हारी मुलाकात से।

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    इसके साथ फिल्म झरिया कोल माइंस में भी शूट हुई थी। फिल्म के पर्दे पर यहां शूट के बारे में जानकारी दी गई है। इसके अलावा स्टूडियों के बारे में जानकारी है।

    घाटशिला में हुई सत्यकाम की शूटिंग

    धनबाद की खूबसूरती भी पर्दे पर दिखती है। इसके बाद वे तीन साल बाद फिर वे आए और घाटशिला में शूट किया। यह बात 1969 की है। घाटशिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां विभूति भूषण वंद्योपाध्याय रहे और उनसे इसकी ख्याति दूर-दूर तक गई। इसके पूर्व महान फिल्मकार ऋत्विक घटक यहां शूट कर चुके थे।

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    घाटशिला के खडग सिंह ने बताते हैं कि ‘सत्यकाम’ की शूटिंग यहां फरवरी से मार्च 1969 के बीच विभिन्न स्थानों पर हुई थी। वह उस समय आईसीसी स्कूल, माऊभंदर में छठी कक्षा में पढ़ रहे थे। मुकुल चक्रवर्ती, हृषिकेश दा के दूर के रिश्तेदार थे।

    उन्होंने कहा कि हृषिकेश मुखर्जी के अनुरोध पर, मुकुल चक्रवर्ती ने यहां शूटिंग का आयोजन किया। शूटिंग फुलडुंगरी हिल, रातमोहना और सुवर्णरेखा नदी के किनारे हुई। यहां आए कलाकारों में धमेंद्र, शर्मिला टैगोर, डेविड, मनमोहन और रोबी घोष शामिल थे। मुकुल बाबू की जीप का भी शूटिंग में उपयोग किया गया। हम रोज शूटिंग देखने जाया करते थे।

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    जब आप ‘सत्यकाम’ फिल्म से गुजरेंगे, तो उसे कस्बे को देख सकते हैं। फुलडुंगरी की पहाड़ियां और सुबर्णरेखा की चमकती लहरें। लोटे से धर्मेंद्र को पानी पिलाती शर्मिला और पीछे दिखता सुंदर पहाड़।

    धोती-कुर्ता पहने धर्मेंद्र नदी किनारे चट्टान पर खड़े नदी की ओर बढ़ती शर्मिला को निहार रहे हैं। घाटशिला के पूरमपूर सौंदर्य को हृषिकेश दा ने पर्दे पर जीवंत कर दिया था।

    भारतीय सिनेमा के महान अभिनेता धर्मेंद्रजी के निधन की समाचार अत्यंत दुःखद है। उनका जाना फिल्म जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके चाहने वालों की कमी नहीं, याद है हम जब छोटे थे, तब मेरे बाबा (पापा) उनकी फिल्म लगने पर जरूर हम सबों को लेकर देखने जाया करते थे। शोले फिल्म में उनका अभिनय..उफ्फ..उनका डायलाग ..बसंती ...आज भी बच्चों के जुबान पर है। धर्मेंद्रजी ने अपने करियर में अनगिनत यादगार किरदार दिए। मैं जट्ट यमला पगला दीवाना, मेरे दिल में आज क्या है, जैसे उनके सदाबहार गीत और सुपरहिट फिल्में आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेंगी। उनकी सरलता, विनम्रता और अभिनय की चमक हमेशा भारतीय सिनेमा के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज रहेगी। -मोनिका मुंडू, गायिका