कोरोना का डर, वर्क फ्रॉम होम का लालच दे बैंक खाते से पैसे उड़ा रहे साइबर अपराधी, जानें बचने के लिए क्या करें
Jharkhand Samachar. साइबर थाने की पुलिस और साइबर सेल ने आम लोगों को ऐसे झांसे में न आने के लिए अलर्ट किया है। साइबर थाने की पुलिस इस तरह के मामलों की जांच कर रही है।
रांची, जासं। Cyber Attack कोरोना वायरस के खौफ और लॉकडाउन में लगातार छूट रहे रोजगार के बीच साइबर अपराधियों ने वर्क फ्रॉम होम की नौकरी देने के नाम पर ठगी के नए तरीके इजाद कर लिए हैं। अब लोगों को ई-मेल, वाट्सएप और टेक्स्ट मैसेज भेजकर झांसे में ले रहे हैं। खाते में पैसे मंगवाने का फॉर्मूला पुराना है। लेकिन बदमाश अब लिंक भेजकर खातों से रुपये उड़ा रहे हैं।
भेजे गए लिंक पर क्लिक करते ही लोगों के मोबाइल व कंप्यूटर हैक किए जा रहे हैं। पैसे निकालने की कोशिश भी हो रही है। रांची के साइबर सेल में लगातार इस तरह की शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं। ऐसा ही एक मामला रांची के रहनेवाले अनूप कुमार गुप्ता के साथ हुआ। उनके बेटे ने वर्क फ्रॉम होम से संबंधित लिंक पर विजिट किया। इसके बाद साइबर फ्रॉड ने संपर्क कर यूपीआइ के जरिए 350 रुपये ट्रांसफर कराए, लेकिन इसके बाद न तो ईमेल का जवाब मिल रहा है, न ही फोन का। साइबर थाने की पुलिस इस तरह के मामलों की जांच कर रही है।
साइबर सेल ने किया है अलर्ट
साइबर थाना रांची और साइबर सेल की पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी कर ऐसे मैसेज व लिंक से सावधान रहने की चेतावनी दी थी। इस चेतावनी में बताया गया था कि साइबर अपराधी लोगों के मोबाइल पर टेक्स्ट मैसेज और पॉप अप के जरिए लिंक भेज रहे हैं।
रिमोट एडमिनिस्ट्रेशन टूल की भेज रहे लिंक
साइबर अपराधी रिमोट एडमिनिस्ट्रेशन टूल (आरएटी) के जरिए क्रिम्सन मालवेयर भेज रहे हैं। इसी टूल के जरिए लोगों के कंप्यूटर और मोबाइल को हैक किया जा रहा है। इस लिंक के जरिए कंप्यूटर व मोबाइल को बैकग्राउंड में रहकर साइबर अपराधी रिमोटली एक्सेस कर रहे। रांची की साइबर सेल और साइबर थाने की पुलिस ऐसे मामले की जांच में जुटी है। लिंक भेजने वाले साइबर अपराधियों को पकडऩे का प्रयास किया जा रहा है।
ठगी के ये तरीके अपना रहे साइबर फ्रॉड
- कोरोना वायरस से संबंधित लिंक भेजकर मोबाइल को रिमोटली एक्सेस करने की कोशिश।
- मोबाइल पर कंप्यूटर साइबर अपराधियों के कंट्रोल में आ रहा।
- कोराना वायरस से बचाव के लिए साइबर अपराधियों ने कोविड लॉक नाम का एप बना लिया है। इस एप को इंस्टॉल करवा मोबाइल को रिमोटली एक्सेस किया जा रहा।
- मोबाइल की ऑपरेटिंग सिस्टम लॉक कर यूजर से पैसे मांगे जा रहे।
- साइबर फ्रॉड लोगों को कॉल कर बता रहे कोरोना वायरस की वजह से डिलीवरी नहीं मिलेगी।
- आपने ऑनलाइन साइट से जो ऑर्डर किया था उसकी एमाउंट वापस होगी। इसके लिए खाते की डिटेल्स देनी होगी। इस तरह डिटेल्स मांगे जा रहे।
बल्क मैसेजिंग एप से मैसेज भेजते हैं फ्रॉड
बल्क मैसेजिंग एप के जरिए साइबर अपराधी लोगों को मैसेज और ईमेल भेजते हैं। प्ले स्टोर पर बल्क एसएमएस के नाम से एप मौजूद हैं। जिन्हें इंस्टॉल करने के बाद शुल्क लेकर मैसेज का ऑप्शन दिया जाता है। उसमें सैकड़ों नंबर एक साथ इंपॉर्ट कर साइबर अपराधी मैसेज भेजते हैं। मैसेज भेजने वालों का जैसे-जैसे कॉल आता है, उनमें ठगी के शिकार होते हैं।
जागरण विचार
फ्रॉड द्वारा पूछे जाने पर कतई बैंक की डिटेल शेयर न करें। कोडेड मैसेज शेयर करने पर आप तुरंत ठगी के शिकार हो सकते हैं। इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए अपुष्ट स्रोतों से आने वाले कोडेड मैसेज को फॉरवर्ड न करें। ऐसा करने से आप तुरंत ठगे जा सकते हैं। विशेष परिस्थिति में तत्काल अपने बैंक शाखा से संपर्क कर इसकी जानकारी दें। इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए कोई भी ऑनलाइन या मैसेज से प्राप्त लिंक पर क्लिक न करें।
'कोरोना वायरस या ऑनलाइन जॉब से संबंधित किसी भी प्रकार के ङ्क्षलक पर क्लिक न करें। नौकरी का झांसा देने पर झांसे में न आएं। कोई खाते की डिटेल्स मांगे तो इससे बचने की जरूरत है। चूंकि साइबर अपराधियों ने अब कोरोना व लॉकडाउन का लाभ लेकर ठगी का खेल शुरू कर दिया है।' -सुमित प्रसाद, डीएसपी सह थाना प्रभारी साइबर थाना।