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    सुनो किसान भाईयों! मोटे अनाज की कीजिए खेती, मिलेगी भरपूर प्रोत्साहन राशि; जानिए झारखंड सरकार का नया मिशन

    By Manoj Singh Edited By: Aysha Sheikh
    Updated: Tue, 02 Jan 2024 10:26 AM (IST)

    राज्य सरकार की तरफ से ज्वार बाजरा और मड़ुआ की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सबसे ज्यादा ज्वार की खेती के लिए किसानों को 11250 रुपये प्रति एकड़ राशि दी जाएगी। सरकार डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रासंफर) के माध्यम से किसानों के खाते में उक्त राशि भेजेगी। खेती करने वाले किसानों को इसके लिए पहले पंजीयन कराना होगा।

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    सुनो किसान भाईयों! मोटे अनाज की कीजिए खेती, मिलेगी भरपूर प्रोत्साहन राशि; जानिए झारखंड सरकार का नया मिशन

    मनोज सिंह, रांची।  राज्य सरकार की ओर से मिलेट्स मिशन के तहत किसानों को खेती करने के लिए प्रोत्साहन राशि दिए जाने की योजना है। इसके तहत राज्य सरकार किसानों को प्रति एकड़ राशि उपलब्ध कराएगी। सबसे ज्यादा ज्वार की खेती के लिए किसानों को 11250 रुपये प्रति एकड़ राशि दी जाएगी।

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    इसके अलावा बाजरा की खेती के लिए 10500 रुपये प्रति एकड़ और मड़ुआ के लिए प्रति एकड़ 8800 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार की ओर से 50 करोड़ रुपये की राशि आवंटित कर दी गई है। उक्त योजना राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से भी मिलेट्स मिशन के तहत किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

    डीबीटी के माध्यम से भेजी जाएगी राशि

    सरकार डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रासंफर) के माध्यम से किसानों के खाते में उक्त राशि भेजेगी। खेती करने वाले किसानों को इसके लिए पहले पंजीयन कराना होगा। इसके बाद सरकार की ओर से खेती का सर्वे किया जाएगा। तब जाकर राशि उनके खाते में भेजी जाएगी।

    किसानों को पहले अपने खर्च पर ही खेती करनी होगी। इसके बाद किसान इसकी जानकारी विभाग को देगा। ब्लाक चेन के जरिए किसानों के पंजीयन की जानकारी रखी जाएगी ताकि हर साल अलग-अलग किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जा सके।

    सुखाड़ के बाद वैकल्पिक खेती पर जोर

    राज्य में लगातार दो साल से सुखाड़ की स्थिति है। पहले साल राज्य में 226 ब्लाक में सुखाड़ की घोषणा की गई थी। इस बार 158 ब्लाक में सुखाड़ की स्थिति है। विभाग की ओर से जमीनी आकलन कर रिपोर्ट आपदा प्रबंधन विभाग को भेज दी गई है।

    अभी तक सुखाड़ की घोषणा नहीं हुई है। इन स्थितियों को देखते हुए सरकार किसानों को परंपरागत खेती की बजाय वैकल्पिक खेती करने पर जोर दे रही है, ताकि किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध किया जा सके। राज्य के किसान अभी भी परंपरागत खेती कर रहे हैं।

    सुखाड़ के चलते राज्य में धान की पैदावार भी कम हुई है। ऐसे में सरकार की मंशा है कि किसानों को वैकल्पिक खेती की तरफ मोड़ा जाए। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने मिलेट्स मिशन के तहत प्रोत्साहन राशि देने की योजना तैयार की है।

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