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    CRPF: सीआरपीएफ ने मनाया शौर्य दिवस, जानिए, क्या है इसका खास महत्व

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Tue, 09 Apr 2019 02:14 PM (IST)

    CRPF. सीआरपीएफ झारखंड सेक्टर ने मंगलवार को धुर्वा के 133 बटालियन में शौर्य दिवस मनाया। इस दौरान शहीदों को नमन किया गया। ...और पढ़ें

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    CRPF: सीआरपीएफ ने मनाया शौर्य दिवस, जानिए, क्या है इसका खास महत्व

    रांची, राज्य ब्यूरो। सीआरपीएफ झारखंड सेक्टर ने मंगलवार को धुर्वा के 133 बटालियन में शौर्य दिवस मनाया। इस भव्य समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सीआरपीएफ झारखंड सेक्टर के पुलिस महानिरीक्षक संजय आनंद लाटकर शामिल हुए। इस अवसर पर सर्वप्रथम शहीदों को नमन किया गया एवं उनके परिजनों को सम्मानित किया गया। इसके पश्चात वीरता पदक से अलंकृत अधिकारियों/कार्मिकों को सम्मानित किया गया।

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    इसके बाद पिछले एक वर्ष में झारखंड में तैनाती के दौरान महत्वपूर्ण कार्यों में उत्कृष्ट भूमिका निभाने वाले सीआरपीएफ के तीन कार्मिकों को पराक्रम पदक, 38 अधिकारियों एवं कार्मिकों को महानिदेशक सीआरपीएफ के प्रशंसा डिस्क एवं प्रशंसा पत्र तथा 47 अधिकारियों एवं कार्मिकों को महानिदेशक सीआरपीएफ एवं दो कार्मिकों को पुलिस महानिरीक्षक के प्रशंसा पत्र से नवाजा गया।

    कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड सेक्टर के गठन से अब तक के 11 साल की अल्प अवधि में 179 माओवादियों को मार गिराया गया है। इस अवधि में 111 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया एवं 1888 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अतिरिक्त 326 नियमित हथियार, 1333 देसी हथियार, 52514 गोला-बारूद, 3254 आइईडी तथा 25000 किलोग्राम से भी अधिक विस्फोटक सामग्री जब्त की गई।

    झारखंड सेक्टर सीआरपीएफ के जवानों को उनकी बहादुरी के लिए अभी तक पांच शौर्य चक्र, 193 पीपीएमजी-पीएमजी, 100 पराक्रम पदक एवं 1126 महानिदेशक के प्रशंसा पत्र भी प्राप्त हुए हैं। देश की सेवा करते हुए अब तक इस महान बल के झारखंड राज्य के 55 जवान सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों जवानों ने अपनी शहादत दी है।

    नक्सलियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के अतिरिक्त सेक्टर ने शहीदों के परिवारों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं। राज्य में आम जनता के लिए विभिन्न प्रकार के कल्याणकारी कार्य किए गए। इसमें राज्य के सभी जिलों में पौधरोपण, अधिकारियों एवं कार्मिकों का स्वेच्छा से अंगदान करने की शपथ, झारखंड सेक्टर के प्रयास से सीआरपीएफ के शहीद परिवारों को रांची के औद्योगिक प्रतिष्ठानों एवं अस्पतालों द्वारा गोद लिया गया।

    शहीदों के सम्मान में उनके गांव अथवा स्कूल में अर्धाकृत प्रतिमाओं का अनावरण, 2400 यूनिट से अधिक रक्तदान, सुदूर ग्रामीण इलाकों में पुस्तकालय तथा सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत कौशल विकास योजना का क्रियान्वयन एवं ढांचागत सुविधाओं का निर्माण तथा आजीविका एवं स्वरोजगार के लिए बेरोजगार युवाओं को विभिन्न वोकेशनल प्रशिक्षण दिया गया।

    इसके अलावा जमशेदपुर स्थित मैनेजमेंट संस्थान एक्सएलआरआइ के एनजीओ सीड्स को लगभग दस हजार कपड़े जरूरतमंद लोगों को बांटने के लिए उपलब्ध कराया गया। मुख्य अतिथि ने कहा कि हमारे बल के जवानों का मनोबल हमेशा ऊंचा रहता है और वह हर परिस्थितियों का सामना बड़ी बहादुरी से करने में सक्षम हैं।

    बता दें कि शौर्य दिवस सीआरपीएफ की एक महान वीर गाथा से जुड़ा हुआ आयोजन है। सन् 1965 में इसी दिन सीआरपीएफ के द्वितीय बटालियन की चार कंपनियां सरदार एवं टांक पोस्ट, जो कि रन ऑफ कच्छ (गुजरात) में पश्चिमी पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है, की सुरक्षा के लिए तैनात थी।

    8-9 अप्रैल की मध्यरात्रि में लगभग साढ़े तीन बजे सुबह पाकिस्तान की इन्फेंट्री ब्रिगेड ने सरदार एवं टांक की भारतीय सीमा पर आक्रमण कर दिया। सीआरपीएफ के जवानों की छोटी सी टुकड़ी ने पाकिस्तानी ब्रिगेड का डटकर व वीरता के साथ मुकाबला किया। इस आक्रमण में 34 पाकिस्तानी फौजी मारे गए तथा चार को सीआरपीएफ जवानों ने जीवित पकड़ा।

    इस घटना में सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हुए। सीआरपीएफ जवानों ने अपने अदम्य साहस एवं वीरता से पाकिस्तानी इन्फेंट्री ब्रिगेड को 13 घंटे तक ना सिर्फ आगे बढऩे से रोके रखा अपितु उन्हें पीछे हटने पर विवश कर दिया। उसी दिन से पूरे भारत में प्रत्येक वर्ष नौ अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।

    शौर्य दिवस की महत्ता एवं उपयोगिता को समझते हुए एक विशेष प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। इसमें स्कूली बच्चों के ज्ञानार्जन हेतु सीआरपीएफ के हथियारों का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा आज के आयोजन में केनाइन शो, ड्रोन शो एवं बैंड शो भी दिखाया गया। कार्यक्रम के अंत में सीआरपीएफ अधिकारियों एवं जवानों ने रक्तदान किया। इस शिविर में 80 यूनिट रक्त इक_ा किया गया।

    साथ ही इस अवसर पर स्कूली बच्चों के बीच वाद-विवाद, निबंध एवं चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के अलावा सीआरपीएफ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी अखिलेश प्रसाद सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक डीएस. राठौर, पुलिस उपमहानिरीक्षक मनीष सच्चर सहित सीआरपीएफ के जवान उपस्थित थे।