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    Jharkhand Police: अफीम कारोबारियों के खिलाफ पुलिस ने बनाई स्ट्रैटजी, चलेगा विशेष अभियान, इन रणनीतियों पर चल रहा काम

    By Dilip Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Thu, 13 Nov 2025 07:05 PM (IST)

    राज्य में अफीम तस्करी के खिलाफ अभियान तेज हो गया है। अफीम की खेती के लिए बदनाम आठ जिलों पर अधिकारियों की नजर है। नवंबर के अंत से विशेष अभियान चलेगा, जिसमें तस्करों और उनके मददगारों को पकड़ा जाएगा। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि तस्करों ने खेती के लिए कोई नई जगह तो नहीं ढूंढ ली है। गृह सचिव ने अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए अतिरिक्त मशीनें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

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    राज्य में अफीम कारोबार के विरुद्ध एक बार फिर अभियान तेज किया गया है।

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में अफीम तस्करी के विरुद्ध एक बार फिर अभियान तेज किया गया है। अफीम की खेती के लिए बदनाम राज्य के खासकर उन आठ जिलों पर आला अधिकारियों की नजर है, जहां से सर्वाधिक तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं।

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    इन जिलों में चतरा, खूंटी, हजारीबाग, रांची ग्रामीण, सरायकेला-खरसांवा, लातेहार, पलामू व चाईबासा शामिल हैं। अफीम की खेती का मौसम अक्टूबर से जनवरी तक का है। नवंबर के अंतिम सप्ताह में इसकी फसल में फूल व फल आने लगते हैं।

    ऐसी स्थिति में नवंबर के अंतिम सप्ताह से उपरोक्त जिलों में विशेष अभियान चलेगा और तस्करों तथा उनके सहयोगियों को भी चिह्नित किया जाएगा। अभी प्री कल्टिवेशन ड्राइव चल रहा है, सर्वे जारी है।

    पुलिस अपने खुफिया सूत्रों से यह पता लगाने की कोशिश में है कि अफीम तस्करों ने पूर्व में की गई कार्रवाई के स्थान पर अफीम की खेती के लिए कोई नई जमीन की तलाश तो नहीं कर चुके हैं।

    पुलिस पदाधिकारी करेंगे अफीम प्रभावित जिलों का दौरा 

    इसी कड़ी में सीआइडी के आइजी असीम विक्रांत मिंज 19 नवंबर को चतरा में वहां के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में बोकारो के जोनल आइजी भी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही उनका अफीम प्रभावित जिलों में दौरा भी शुरू होगा।

    वे बैठक के दौरान पूर्व में अफीम की खेती के विरुद्ध दर्ज कांडों की स्थिति, सभी थानों के माध्यम से चलाए जा रहे अफीम के विरुद्ध जागरूकता अभियान, खेती विनष्टिकरण की स्थिति आदि का जायजा लेंगे।

    वे यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि करीब डेढ़ महीने पहले गृह सचिव के दिए गए निर्देश का कितना पालन हुआ। उन्होंने पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी अफीम की खेती के विरुद्ध अभियान चलाने का निर्देश दिया था।

    यह भी देखने के लिए कहा गया था कि जहां पूर्व में खेती को नष्ट किया गया था, वहां फिर खेती तो नहीं की गई है या फिर अफीम के तस्करों ने किसी नए स्थान की तो खोज नहीं कर ली है।

    गृह सचिव ने सभी डीसी को भी दिया था निर्देश

    सीआइडी की अनुशंसा पर गृह सचिव वंदना दादेल ने अफीम प्रभावित सभी संबंधित जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया था कि वे अफीम की खेती के विनष्टिकरण के लिए अतिरिक्त मशीनें उपलब्ध कराएं।

    संबंधित बीडीओ, सीओ व वन विभाग के अधिकारी जमीन को चिह्नित करने में सहयोग करें, ताकि अफीम के विरुद्ध कारगर अभियान चलाया जा सके। इस खेती के लिए प्रेरित करने वाले, फंडिंग करने वालों को भी चिह्नित करने को कहा गया है, ताकि उनके विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जा सके।