Jharkhand Crime: साइबर अपराधियों पर शिकंजा,15 हजार म्यूल बैंक खातों की हुई पहचान, सात गिरफ्तार
साइबर अपराध थाने की पुलिस ने धोखाधड़ी की राशि छिपाने में उपयोग करने वाले लगभग 15000 म्यूल बैंक खातों की पहचान की है। इससे जुड़े सात साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपितों के पास से आठ मोबाइल 12 सिमकार्ड नौ एटीएम चार पासबुक नौ चेकबुक एक उद्यम पंजीयन व कांड से संबंधित वाट्सएप चैट बरामद किए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, रांची। सीआइडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने धोखाधड़ी की राशि छिपाने में उपयोग करने वाले लगभग 15000 म्यूल बैंक खातों की पहचान की है।
इससे जुड़े सात साइबर अपराधियों को अलग-अलग तिथियों में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों के पास से आठ मोबाइल, 12 सिमकार्ड, नौ एटीएम, चार पासबुक, नौ चेकबुक, एक उद्यम पंजीयन व कांड से संबंधित वाट्सएप चैट बरामद किए गए हैं।
साइबर अपराध थाना की थानेदार नेहा बाला के बयान पर 29 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह प्राथमिकी 10 लाख रुपये या उससे अधिक लेनदेन वाले लेयर-1 के 40 खातों पर दर्ज हुई थी।
इन्हीं खातों की जांच के क्रम में पुलिस ने 15000 म्यूल बैंक खातों की पहचान की, जिनके सहारे धोखाधड़ी की राशि को छुपाई जा रही थी।
जिन सातों आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनके माध्यम से संचालित म्यूल बैंक खातों का उपयोग मुख्य रूप से निवेश घोटाले में किया गया था।
निवेश के नाम पर लोगों से उन बैंक खातों में रुपये हस्तांतरण करवाए जा रहे थे। अनुसंधान के क्रम में साइबर अपराधियों का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ मिला है।
पूर्व के विभिन्न कांडों में मिले इनपुट के आधार पर ही साइबर अपराध थाने की थानेदार ने यह प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अधिक लाभ का प्रलोभन देने वाले प्रस्तावों से सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करें।
वे अपनी शिकायत डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट साइबरक्राइम डाट जीओवी डाट इन पर या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तत्काल दे सकते हैं। वे अपने बैंक खातों को किसी अज्ञात को संचालित करने के लिए न दें।
14 राज्यों में दर्ज हैं धोखाधड़ी की शिकायतें
गिरफ्तार सातों आरोपितों के पास से मिले बैंक खातों के विरुद्ध 14 राज्यों में धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज हैं। इन राज्यों में बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडू, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश व दिल्ली शामिल हैं।
इन राज्यों के लोगों से निवेश के नाम पर ठगी की गई, उनसे इन बैंक खातों में राशि जमा कराई गई, जिसके मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई हैं।
इनके विरुद्ध विभिन्न राज्यों में दर्ज हैं मामले
रौशन कुमार : ये झारखंड के रांची का रहने वाला है। इसका म्यूल बैंक खाता आइडीएफसी बैंक में खाता नंबर 10212450309 है। इस खाते में धोखाधड़ी के 10.2 करोड़ रुपये जमा हुए थे। इस खाते के विरुद्ध कर्नाटक, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश व आंध्र प्रदेश में मामले दर्ज हैं।
राजेंद्र कुमार साव : ये झारखंड के कोडरमा का रहने वाला है। इसका म्यूल बैंक खाता आइसीआइसीआइ बैंक में खाता नंबर 100605500583 है। इस खाते में धोखाधड़ी के 67 लाख रुपये जमा हुए थे। इस खाते के विरुद्ध दिल्ली में मामले दर्ज हैं।
प्राण रंजन सिन्हा : यह झारखंड के पलामू का रहने वाला है। इसका म्यूल बैंक खाता बंधन बैंक में खाता नंबर 20100048056523 है। इस खाते में धोखाधड़ी के 1.6 करोड़ रुपये जमा हुए थे। इस खाते के विरुद्ध आंध्र प्रदेश, दिल्ली व राजस्थान में मामले दर्ज हैं।
जितेंद्र कुमार पप्पू : यह झारखंड के जामताड़ा का रहने वाला है। इसका म्यूल बैंक खाता इंडसइंड बैंक में खाता नंबर 100275805970 है। इस खाते में धोखाधड़ी के 5.1 करोड़ रुपये जमा हुए थे। इस खाते के विरुद्ध केरल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ के मामले दर्ज हैं।
नुरेज अंसारी : यह झारखंड के लोहरदगा का रहने वाला है। इसका म्यूल बैंक खाता जम्मू एंड कश्मीर बैंक में खाता नंबर 520010100001057 है। इस खाते में धोखाधड़ी के 5.5 करोड़ रुपये जमा हुए थे। इस खाते के विरुद्ध दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व पश्चिम बंगाल में मामले दर्ज हैं।
सतीश कुमार : यह झारखंड के रांची का रहने वाला है। इसका म्यूल बैंक खाता इंडसइंड बैंक में खाता नंबर 251986100300 है। इस खाते में धोखाधड़ी के 6.2 करोड़ रुपये जमा हुए थे। इस खाते के विरुद्ध आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक व महाराष्ट्र में मामले दर्ज हैं।
गणेश चिक बड़ाईक : यह झारखंड के सिमडेगा का रहने वाला है। इसका म्यूल बैंक खाता बंधन बैंक में खाता नंबर 20200081019805 है। इस खाते में धोखाधड़ी के 3.2 करोड़ रुपये जमा हुए थे। इस खाते के विरुद्ध कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल में मामले दर्ज हैं।
क्या होता है म्यूल बैंक खाता
म्यूल बैंक खाता का इस्तेमाल अपराधी अवैध धन को सफेद करने के लिए करते हैं। अंजान व्यक्तियों के माध्यम से अक्सर ये खाते खाेले जाते हैं।
ये खाते आसानी से पैसा कमाने की लालच में या जबरन इसमें शामिल होने के लिए खोले जाते हैं। ये फर्जी नाम व पते पर खोले जाते हैं, ताकि खातेधारी की जल्दी पहचान न हो सके।
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