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    Jharkhand Crime: बोकारो स्टील प्लांट वापस करने के लिए करता रहा पत्राचार, वन विभाग को नहीं वापस हो सकी थी जमीन

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 07:14 PM (IST)

    बोकारो के तेतुलिया मौजा की विवादित जमीन मामले में वन प्रमंडल बोकारो के प्रभारी वनपाल सह वनरक्षी रूद्र प्रताप सिंह ने अपनी शिकायत में बताया है कि अधिग्रहित भूमि का उपयोग नहीं होने पर वन विभाग को वापस करने के लिए बोकारो स्टील प्लांट पत्राचार करता रहा। इसके बावजूद उक्त विवादित जमीन वन विभाग को तो वापस नहीं हो पाई थी।

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    जमीन वापस करने के लिए पत्राचार का सिलसिला जारी रहा।

    राज्य ब्यूरो, रांची। बोकारो के तेतुलिया मौजा की विवादित जमीन मामले में वन प्रमंडल बोकारो के प्रभारी वनपाल सह वनरक्षी रूद्र प्रताप सिंह ने अपनी शिकायत में बताया है कि अधिग्रहित भूमि का उपयोग नहीं होने पर वन विभाग को वापस करने के लिए Bokaro Steel Plant पत्राचार करता रहा। इसके बावजूद उक्त विवादित जमीन वन विभाग को तो वापस नहीं हो पाई थी, लेकिन जमीन माफिया ने उस जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसकी खरीद-बिक्री कर डाली थी।

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    शिकायतकर्ता रूद्र प्रताप सिंह ने सबसे पहले बोकारो सीजेएम की अदालत में शिकायत की थी। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया था कि आरोपित इजहार, अख्तर व शैलेश कुमार सिंह जमीन माफिया हैं, जिन्हें चास अंचल में कार्यरत रहे हल्का कर्मचारी रंगनाथ सिंह सहयोग करते हैं।

    Jharkhand Crime अन्य आरोपित बोकारो स्टील प्लांट के वरीय पदाधिकारी हैं, जो उन्हें सहयोग करते हैं। तेतुलिया मौजा की विवादित जमीन पहले शालू महतो, साहेब राम सिंह, कांदु सिंह, भिखारी सिंह, दुखी सिंह, छुटू सिंह, राम सिंह के दखल में था।

    वर्ष 1947 में उक्त जमीन बिहार प्राइवेट फारेस्ट एक्ट 1946 की धारा 14 के तहत 24 अप्रैल 1947 को प्राइवेट प्रोटेक्टेड फारेस्ट के रूप में अधिसूचित किया गया था। वर्ष 1955-56 में बिहार भूमि सुधार अधिनियम के तहत उक्त जमीन राज्य सरकार की हो गई थी।

    इसके बाद 24 मई 1958 को भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत बोकारो के चास थाना स्थित तेतुलिया मौजा के प्लाट संख्या 426, 450, 554 व 479 के कुल रकबा 95.65 एकड़ जमीन को संरक्षित वन के रूप में अधिसूचित किया गया था।

    यह चार सितंबर 1961 को बिहार गजट व 29 जनवरी 1962 को तत्कालीन राजस्व विभाग के सचिव के पत्र के आलोक में तत्कालीन धनबाद वन प्रमंडल (वर्तमान में बोकारो वन प्रमंडल) ने चास वन प्रक्षेत्र के अंतर्गत 11 मौजाओं के कुल 908.98 एकड़ वन भूमि मेसर्स हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड (वर्तमान में बोकारो स्टील प्लांट) को इस्पात संयंत्र की परियोजना व टाउनशिप के निर्माण के लिए हस्तांतरित की थी।

    इसी में तेतुलिया मौजा भी शामिल था। किसी कारण वश बोकारो स्टील प्लांट ने केवल 864 .21 एकड़ वन भूमि ही प्राप्त किया था, जिसमें तेतुलिया मौजा के प्लाट नंबर 426, 450, 483, 554 व 479 में कुल रकबा 95.65 एकड़ वन भूमि भी शामिल था।

    यह बोकारो स्टील सिटी के 11 मार्च 1976 व नौ जून 2010 के पत्र में भी स्पष्ट है। इसके बाद बोकारो स्टील प्लांट ने उक्त 95.65 एकड़ वन भूमि को वन भूमि को वापस करने का अनुरोध किया था, लेकिन अब तक वन भूमि को वापस नहीं हो सका।

    तेतुलिया मौजा की 95.65 एकड़ वन भूमि अब भी बोकारो स्टील प्लांट के अधीन वन भूमि के रूप में है। इस जमीन का बोकारो स्टील प्लांट ने न उपयोग किया और न हीं वापस किया। इसे जमीन माफिया ने हस्तांतरित व गबन कर लिया।