Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Corona: कोरोना से ठीक होने के बाद भी स्वास्थ्य की करते रहें निरंतर मानिटरिंग, 100 में 5 मरीजों में आ रही परेशानी

    By Kanchan SinghEdited By:
    Updated: Mon, 11 Jan 2021 12:10 PM (IST)

    Corona संक्रमण ठीक होने के बाद भी चिकित्सक मरीज को रिव्यू करने के बाद एक बार एचआर सिटी की सलाह जरूर दें रहे है। रिम्स के एक्सपर्ट चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी स्वास्थ्य पर निरंतर नजर रखने की जरूरत है।

    Hero Image
    कोरोना से ठीक होने के बाद भी स्वास्थ्य की निरंतर मानिटरिंग कराने की सलाह चिकित्सक दे रहे हैं।

    रांची,जासं। अमूमन अस्पतालों में पोस्ट कोविड क्लीनिक की शुरुआत हो चुकी है। इसमें काउंसलिंग के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा होता दिख रहा है। चाहे संक्रमण ठीक हो चुका हो, पर एक बार फेफड़े की जांच जरूरी है। चिकित्सक मरीज को रिव्यू करने के बाद एक बार एचआर सिटी की सलाह जरूर दें रहे है। रिम्स के एक्सपर्ट चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद टेंशन फ्री होने की जरूरत नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य पर निरंतर नजर रखने की जरूरत है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सूत्रों के अनुसार हर 100 स्वास्थ्य हो चुके मरीजों में से 5 में अब भी परेशानी देखने को मिल रही है। पोस्ट कोविड क्लीनिक में कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिन्हें पहले से किसी तरह के कोई लक्षण नहीं थे। संक्रमित होने के बाद स्वस्थ भी हो चुके। कुछ समय बीतने के बाद अचानक स्वास्थ्य में परिवर्तन या तबीयत खराब महसूस हो रहा है। कई मरीजों का एचआर सिटी कराने के बाद उनके फेफड़े में संक्रमण देखने को मिल रहा है।

    ऐसे में चिकित्सकों की सलाह है कि अगर आप भी कोरोना से जंग जीतकर स्वास्थ्य हुए हैं तो एक बार अपने चेस्ट और लंग्स की जांच जरूर कराएं। हो सकता है संक्रमण ठीक होने के बाद भी उसके कोई अंश एक्टिव हो जो सेहत में प्रभाव डालकर शरीर के अंग को कमजोर कर रहा हो। अगर समय रहते जांच में पता चल जाए तो उसे ठीक किया जस सकता है।

    रिम्स के पोस्ट कोविड क्लीनिक में हर दिन पहुंच रहे दो दर्जन से अधिक मरीज

    रिम्स पोस्ट कोविड क्लीनिक के चिकित्सक डा देवेश कुमार ने बताया कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी लोगों में समस्या बढ़ रही है। इसके लिए पोस्ट कोविड क्लीनिक की शुरुआत की गई है। यहां हर दिन करीब डेढ़ से दो दर्जन मरीज पहुंच रहे हैं, जिनकी काउंसलिंग के साथ कई तरह की जांच लिखी जा रही है। जांच में अगर किन्हीं में कोई लक्षण दिखाई दे रहा होता है तो उन्हें अच्छे से इलाज कराने की सलाह दी जाती है।