झारखंड में कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष करने पर विचार,कर्मचारी हित में मंत्री ने दिए कई आश्वासन
राज्य सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार तथा दीपक बिरूवा ने राज्य कर्मियों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी सभी समस्याओं का समाधान करेगी। कहा कि वर्तमान सरकार ने राज्य कर्मियों को पुरानी पेंशन देने का काम किया। कर्मियों से सरकार का संबंध मजबूत है। दोनों मंत्रियों ने यह आश्वासन शनिवार को झारखंड आफिसर्स टीचर्स एवं एम्पलाइज फेडरेशन (झारोटेफ) के तत्वावधान में आयोजित कर्मचारी संकल्प महासम्मेलन में दिया।

राज्य ब्यूरो, रांची । राज्य सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार तथा दीपक बिरूवा ने राज्य कर्मियों को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी सभी समस्याओं का समाधान करेगी।
मंत्रीद्वय ने कहा कि वर्तमान सरकार ने राज्य कर्मियों को पुरानी पेंशन देने का काम किया। कर्मियों से सरकार का संबंध मजबूत है।
दोनों मंत्रियों ने यह आश्वासन शनिवार को झारखंड आफिसर्स टीचर्स एवं एम्पलाइज फेडरेशन (झारोटेफ) के तत्वाधान में आयोजित विशाल कर्मचारी संकल्प महासम्मेलन में दिया।
महासम्मेलन में राज्यसभा सदस्य महुआ माजी भी सम्मिलित हुईं। मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि कर्मचारी सरकार की बाहें हैं। न सरकार उनसे डरती है न ही कर्मचारी।
सरकार- कर्मचारियों के बीच जो बेहतर संबंध झारखंड में है, वह कहीं नहीं है। सरकार उनकी सभी मांगों पर संवेदनशील है। वहीं, दीपक बिरूवा ने कहा कि संवाद से ही समस्या का समाधान संभव है।
आपके संगठन का सरकार से संवाद करने और समर्थन लेने का तरीका अनोखा है। शिक्षकों को एमएसीपी, सेवानिवृत्ति आयु सीमा 62 वर्ष एवं शिशु शिक्षण भत्ता के अलावा ईएल समेत अन्य मांगें सरकार के संज्ञान में है। सरकार आपकी सभी समस्याओं का भी समाधान करेगी।
महुआ माजी ने कहा कि सरकार ने उनके सुझाव पर कला अकादमी, साहित्य अकादमी का गठन करने का निर्णय लिया। सरकार कर्मचारियों को भी बड़ा तोहफा देनेवाली है।
महासम्मेलन में तेलंगाना से पहुंचे एनएमओपीएस के राष्ट्रीय महासचिव प्रज्ञा ने कहा कि सभी कर्मचारी सौभाग्यशाली हैं कि वे झारखंड से हैं।
महासम्मेलन में कर्मचारियों ने राज्य कर्मियों की भांति शिक्षक संवर्ग को भी एमएसीपी का लाभ देने, राज्यकर्मियों की सेवानिवृत्ति की उम्र को 62 वर्ष करने, केंद्रीय कर्मचारियों की तरह राज्य कर्मियों को शिशु शिक्षण भत्ता का लाभ देने की मांग उठाई गई।
साथ ही राज्य कर्मियों की एनपीएस में जमा राशि को वापस लेने के लिए कदम उठाने, राज्य प्रशासनिक सेवा की सीमित परीक्षा में समस्त राज्य कर्मियों को बैठने का अवसर देने, विभिन्न विभागों के सेवा नियमावलियों में किए जा रहे अलाभकारी संशोधनों पर रोक लगाने की मांग की गई।
साथ ही बड़े शहरों की तरह छोटे शहरों/ ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापित कर्मियों को परिवहन भत्ता देने, 300 दिनों से अधिक अवकाश (ईएल) उपार्जित होने पर इसके उपभोग की स्वीकृति देने आदि की भी मांग की गई।
इस कार्यक्रम में कई कर्मचारी संगठनों की सहभागिता रही। महासम्मेलन को झारोटेफ के प्रांतीय अध्यक्ष विक्रांत सिंह तथा डा. शिवानंद कांशी, दिलीप कुमार राय आदि ने भी संबोधित किया।
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