Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Lok Sabha Election: झारखंड की दो सीटों पर BJP की चाल में फंसेगी कांग्रेस! इन चेहरों को आगे कर चला बड़ा दांव

    पिछली बार भाजपा के हाथ से निकली दो सीटों पर पार्टी ने इस बूार बड़ा दांव खेला है। हाल में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं सांसद गीता कोड़ा को सिंहभूम से टिकट दिया है। वहीं राजमहल सीट से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी को मैदान में उतारा है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए झारखंड के 14 में 11 प्रत्याशियों की घोषणा शनिवार को घोषणा की थी।

    By Jagran News Edited By: Shashank Shekhar Updated: Sun, 03 Mar 2024 01:35 PM (IST)
    Hero Image
    Lok Sabha Election: झारखंड की दो सीटों पर BJP की चाल में फंसेगी कांग्रेस!

    राज्य ब्यूरो, रांची। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए झारखंड के 14 में 11 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इस बार दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों जयंत सिन्हा व सुदर्शन भगत के टिकट काट हजारीबाग और लोहरदगा से नए चेहरों को मौका दिया है। हजारीबाग भाजपा विधायक मनीष जायसवाल हजारीबाग लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किए गए, जबकि राज्यसभा सदस्य समीर उरांव को लोहरदगा से टिकट देने की घोषणा की गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पिछली बार हाथ से निकल गई दो सीटों सिंहभूम और राजमहल में भी पार्टी ने बड़ा दांव खेला है। हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं सांसद गीता कोड़ा को सिंहभूम से टिकट दिया गया है, जबकि राजमहल सीट से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी को उतारा गया है। बाकी सीटों पर कोई बदलाव नहीं किया गया है। हजारीबाग, लोहरदगा, सिंहभूम और राजमहल को छोड़कर शेष सात सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशियों में कोई बदलाव नहीं किया है।

    कोडरमा से केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी और खूंटी से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा प्रत्याशी बनाए गए हैं। इसी तरह गोड्डा से निशिकांत दूबे, रांची से संजय सेठ, जमशेदपुर से विद्युत वरण महतो और दुमका से सुनील सोरेन पर पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है। पलामू के सांसद वीडी राम की आयु 70 वर्ष से अधिक हो जाने के कारण उन्हें इस बार टिकट मिलेगा या नहीं, इसे लेकर संशय की स्थिति थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें पलामू सीट से तीसरी बार मौका दिया है।

    पार्टी ने अभी धनबाद, गिरिडीह और चतरा सीट पर अभी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। धनबाद के वर्तमान सांसद पीएन सिंह पीएन सिंह अब 75 वर्ष के हो चुके हैं। इसलिए उनके टिकट को लेकर संशय की स्थिति है। उधर, गिरिडीह सीट पिछली बार भाजपा ने अपनी सहयोगी पार्टी आजसू को दी थी। इस बार भी यह सीट आजसू को दी जा सकती है। चतरा को लेकर अभी ज्यादा स्थिति स्पष्ट नहीं है।

    जयंत सिन्हा ने चुनाव ना लड़ने के लिए पार्टी से किया आग्रह

    लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा किए जाने से पहले हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने ट्वीट कर जानकारी दी कि इस बार वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। एक्स पर पोस्ट किया- मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से आग्रह किया है कि मुझे प्रत्यक्ष चुनावी कर्तव्यों से मुक्त रखें ताकि मैं भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में काम कर सकूं।

    उन्होंने 10 सालों तक हजारीबाग और देश की जनता की सेवा का मौका देने के लिए पार्टी के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह को धन्यवाद दिया है। साथ ही उन्होंने पार्टी के लिए काम करते रहने की बात कही है।

    दो दिन पहले गिनाई थी सरकार की उपलब्धियां

    हालांकि, दो दिन पहले जयंत सिन्हा ने हजारीबाग में प्रेसवार्ता कर अपनी उपलब्धियां गिनाई थीं। 10 वर्षों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया था कि इस अवधि में 50 हजार करोड़ का काम किया था। कई नई योजनाओं की भी जानकारी दी थी। अचानक शनिवार को उनके दिल्ली पहुंचने के बाद एक्स पर उन्होंने यह पोस्ट किया। हाल में पार्टी की ओर से की गई रायशुमारी के बाद हजारीबाग से चुनाव के उम्मीदवार के रूप में सांसद जयंत सिन्हा व मनीष जायसवाल के नाम की अनुशंसा की गई थी।

    जमीन से जुड़े रहने का समीर को मिला इनाम 

    लोहरदगा लोकसभा सीट से तीन बार से सांसद रहे सुदर्शन भगत का टिकट इस बार काट कर गुमला के बिशुनपुर करमटोली निवासी राज्यसभा सदस्य समीर उरांव को भाजपा द्वारा टिकट दिया जाना ज्यादातर लोगों को चौंका रहा है।

    पार्टी से जुड़े सूत्रों की माने तो पार्टी के सर्वेक्षण में सुदर्शन भगत के साथ ही आशा लकड़ा, समीर उरांव, अरुण उरांव व गंगोत्री कुजूर का नाम प्रत्याशी के रूप में चल रही थी। समीर उरांव भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

    उन्हें जमीन से जुड़े रहने का फायदा मिला। उनकी सादगी और सक्रियता भी भारी पड़ी। जब समीर उरांव को राज्यसभा सदस्य के रूप में भाजपा ने उच्च सदन में भेजा था, तब भी लोगों को हैरानी हुई थी। अनुसूचित जनजाति समाज के बीच बेहद मजबूत पकड़ रखने वाले समीर उरांव ने पार्टी में भी एक स्वच्छ छवि बनाए रखी। उनके बारे में कहा जाता है कि वह खेत पर हल लेकर पहुंच जाते हैं। सामान्य लोगों के साथ उठते-बैठते हैं और सभी के साथ उनका एक मधुर संबंध है।

    यही कारण है कि जब पार्टी का सर्वेक्षण हो रहा था तो किसी ने भी उनके नाम का विरोध नहीं किया। हालांकि, सुदर्शन भगत की छवि भी बेदाग रही है। वह भी जमीन से जुड़े कार्यकर्ता व नेता रहे हैं। सुदर्शन भगत के बारे में कहा जा रहा है कि पार्टी उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे सकती है।

    मनीष को निरंतर सक्रियता का लाभ

    हजारीबाग से दो बार सांसद रहे कद्दावर नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के स्थान पर हजारीबाग सदर विधानसभा क्षेत्र से दो बार के विधायक मनीष जायसवाल को टिकट देकर भाजपा ने बड़ा संदेश दिया है। विधायक मनीष जायसवाल का जमीन से जुडाव और निरंतर सक्रियता सांसद जयंत सिन्हा पर भारी पड़ी और इसी ने पहली बार उनके लिए संसदीय चुनाव लड़ने का रास्ता साफ किया।

    दूसरी ओर जयंत सिन्हा के दूसरे संसदीय कार्यकाल के पूर्वाद्ध का अधिकांश समय वह अपने क्षेत्र से दूर रह गए थे। विधायक मनीष जायसवाल अपनी सक्रियता के कारण लगातार आम लोगों के बीच लोकप्रियता बरकरार रखी।

    ये भी पढ़ें-

    Lok Sabha Election: झारखंड की इस सीट पर अड़ी कांग्रेसी, क्या झामुमो के साथ बन पाएगी बात; पढ़ें यहां का गणित

    Lok Sabha Election: BJP के बाद अब Nitish की पार्टी ने दिया कांग्रेस को बड़ा झटका, इस दिग्गज नेता ने बदला पाला