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    सरना धर्म कोड मामले पर कांग्रेस नेता ने भाजपा पर किया हमला, बोले- पहले अपनी मंशा क्लीयर करें

    कांग्रेस ने सरना धर्म कोड पर भाजपा को घेरा है। प्रवक्ता सोनाल शांति ने भाजपा पर आदिवासियों को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे पर गोलमोल बातें कर रही है और आदिवासियों की धार्मिक पहचान को नकार रही है। कांग्रेस ने रघुवर दास के कार्यकाल में भी यह मुद्दा उठाया था पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    By Ashish Jha Edited By: Piyush Pandey Updated: Tue, 20 May 2025 06:49 PM (IST)
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    सोनाल शांति ने भाजपा पर कसा तंज। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। सरना धर्म कोड के मुद्दे पर कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि कांग्रेस एवं झामुमो पर आरोप लगाने से पहले भाजपा यह बताए कि वह अभी तक सरना धर्म कोड के मामले पर अपनी मंशा साफ क्यों नहीं कर रही है।

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    प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि भाजपा सरना धर्म कोड के मुद्दे पर गोल-गोल बातें करके मुद्दे को सिरे से खारिज करना चाहती है।

    आदिवासियों की धार्मिक पहचान को भाजपा शुरू से ही नकारती रही है और इसीलिए भाजपा ने आदिवासियों को वनवासी का नाम दिया है।

    रघुवर दास के शासनकाल में कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने मुख्यमंत्री प्रश्न काल में सरना धर्म कोड लागू करने की मांग की थी, लेकिन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इससे स्पष्ट इनकार करते हुए कहा था कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है।

    लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव ने सरना धर्म कोड की मांग को सिरे से खारिज कर दिया था। सोनाल ने आरोप लगाया कि भाजपा मुंह में राम बगल में छुरी लेकर चलती है।

    अपनी दोहरी बातों से भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा आदिवासी समुदाय को धोखा देने का काम किया है, जिसका नतीजा उन्हें विगत लोकसभा और विधानसभा चुनाव में देखने को मिला। पूरे झारखंड से आदिवासी सीटों से इनका सूपड़ा पूरी तरह से साफ हो गया।

    उन्होंने कहा कि पांच वर्षों तक अर्जुन मुंडा केंद्र सरकार में जनजातीय मंत्रालय के मंत्री रहे लेकिन आदिवासियों की प्रमुख मांग सरना धर्म कोड के बारे में कोई कार्रवाई नहीं की।

    सच्चाई यह है की साढ़े चार वर्ष पूर्व झारखंड के महागठबंधन सरकार ने सरना धर्म कोड बिल को पारित कर केंद्र सरकार के पास भेजा है, लेकिन आज तक केंद्र सरकार इस पर कुंडली मारे बैठी है और भाजपा अपने आप को आदिवासियों का सच्चा हितैषी घोषित कर रही है।