Jharkhand Politics: नगर निकाय चुनावों के लिए मजबूत और संगठित टीम तैयार करने में जुटी कांग्रेस, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को मिली जिम्मेदारी
कांग्रेस झारखंड के सभी 49 नगर निकायों में कमेटियों का गठन करेगी जिनकी अधिसूचना प्रदेश अध्यक्ष स्तर से जारी होगी। इसके लिए पर्यवेक्षकों का मनोनयन हो चुका है और विधायकों व वरिष्ठ नेताओं को एक से अधिक निकायों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन कमेटियों में विधायकों सांसदों पूर्व विधायकों और सांसदों को शामिल किया गया है।

राज्य ब्यूरो,रांची। Jharkhand Politics झारखंड में कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने के लिए निचले स्तर तक कमेटी गठन की कवायद शुरू कर दी है। संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत पार्टी ने नगर निकायों में कमेटियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया तेज कर दी है।
इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को सौंपा गया है। ठाकुर ने बताया कि उन्होंने सात निकाय क्षेत्रों का दौरा कर लिया है और वहां कमेटी गठन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
इसका मुख्य उद्देश्य आगामी नगर निकाय चुनावों के लिए एक मजबूत और संगठित टीम तैयार करना है। राजेश ठाकुर के अनुसार, वार्ड कमेटियों के गठन के लिए सभी निकाय समितियों को निर्देश जारी किए गए हैं।
नगर निकायों के साथ-साथ पंचायत स्तर पर भी अलग-अलग कमेटियां बनाई जाएंगी। इसके लिए एक चयन समिति का गठन होगा, जिसमें जिला पर्यवेक्षक, नगर निकाय पर्यवेक्षक, जिला अध्यक्ष, विधायक, सांसद, पूर्व विधायक या सांसद शामिल होंगे।
कार्यकारी अध्यक्षों को भी कमेटी में स्थान दिया जा रहा है। पार्टी ने सभी नेताओं को इस कार्य में जुटने का निर्देश दिया है, ताकि जल्द से जल्द कमेटियों का गठन पूरा हो सके।
49 नगर निकाय कमेटियों का होगा गठन
कांग्रेस झारखंड के सभी 49 नगर निकायों में कमेटियों का गठन करेगी, जिनकी अधिसूचना प्रदेश अध्यक्ष स्तर से जारी होगी। इसके लिए पर्यवेक्षकों का मनोनयन हो चुका है, और विधायकों व वरिष्ठ नेताओं को एक से अधिक निकायों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इन कमेटियों में विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों और सांसदों को शामिल किया गया है। इस प्रक्रिया से पार्टी के भीतर शक्ति का विकेंद्रीकरण होगा। अभी तक केवल जिला कमेटियों और रांची जैसे कुछ शहरों की कमेटियों को मान्यता थी।
अब 24 जिला कमेटियों के साथ 49 नगर निकायों में भी कमेटियां बनेंगी। यह कदम संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और नेताओं को अधिक जिम्मेदारी देने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
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