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    कांग्रेस का हस्ताक्षर अभियान दस दिनों के लिए बढ़ा, नवनियुक्त जिलाध्यक्षों के आग्रह पर लिया गया फैसला

    By Ashish Jha Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Wed, 15 Oct 2025 10:12 PM (IST)

    कांग्रेस पार्टी ने नवनियुक्त जिलाध्यक्षों के अनुरोध पर अपने हस्ताक्षर अभियान को दस दिनों के लिए बढ़ा दिया है। इस निर्णय का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना और पार्टी के संदेश का प्रसार करना है, जिससे कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हुआ है।

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    वोट चोर, गद्दी छोड़ अभियान को 10 दिन और बढ़ाने का फैसला लिया गया है।

    राज्य ब्यूरो,रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ अभियान को 10 दिन और बढ़ाने का फैसला किया है। यह निर्णय नवनियुक्त जिलाध्यक्षों के व्यक्तिगत आग्रह पर लिया गया।

    उन्होंने अभियान की गति को तेज करने और लक्ष्य हासिल करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की थी। इस अभियान का मकसद विपक्षी दलों, खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए जनता के बीच अपनी पैठ बढ़ाना है।

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    अभियान की शुरुआत झारखंड में धीमी रही, जिसके कारण प्रदेश कांग्रेस को शुरू में आलोचना का सामना करना पड़ा। प्रदेश प्रभारी की मौजूदगी में शुरू हुए इस अभियान में शुरुआती दौर में विभिन्न जिलों में आयोजित कार्यक्रमों में मुट्ठी भर लोग ही जुटे थे।

    मंत्रियों और विधायकों को अभियान में सक्रिय भागीदारी का निर्देश

    रांची में भी अभियान की शुरुआत निराशाजनक रही, जिसके बाद पार्टी ने कड़ा रुख अपनाया। वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों और विधायकों को इस अभियान में सक्रिय भागीदारी का निर्देश दिया गया।

    पार्टी सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ नेताओं की सक्रियता से अब तक अभियान का लगभग 50 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। गोड्डा, जामताड़ा और अन्य जिलों में मंत्रियों और विधायकों को जनता के बीच सक्रिय रूप से देखा गया।

    उनकी मौजूदगी ने न केवल कार्यकर्ताओं में जोश भरा, बल्कि अभियान के आंकड़ों में भी सुधार हुआ। रांची में शुरू में कमजोर प्रदर्शन के बाद धीरे-धीरे स्थिति बेहतर हुई, जिसका श्रेय सीनियर नेताओं की भागीदारी को दिया जा रहा है।

    गोड्डा और जामताड़ा जैसे जिलों में मंत्रियों को लोगों के बीच घूमते देखा गया, जबकि कुछ अन्य जिलों में पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्रियों ने भी सक्रियता दिखाई।

    इन नेताओं की सक्रियता के बिना अभियान की सफलता संदिग्ध थी। अभियान के तहत जनता को जागरूक करने के लिए पंचायत और गांव स्तर पर सभाएं आयोजित की जा रही हैं।