Jharkhand News: विदेशी धर्म की परिभाषा को लेकर कांग्रेस ने BJP से किया सवाल, पेसा कानून को लेकर भी साधा निशाना
कांग्रेस ने भाजपा से सवाल किया है कि वे किस धर्म को विदेशी मानते हैं। कांग्रेस ने भाजपा की संकीर्ण मानसिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा आदिवासियों के बीच अपनी घटती लोकप्रियता से चिंतित है इसलिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। कांग्रेस ने भाजपा से पेसा कानून लागू न करने का कारण भी पूछा।

राज्य ब्यूरो, रांची। कांग्रेस ने भाजपा पर तंज कसते हुए पूछा है कि भाजपा आखिर किस धर्म को विदेशी कहती है। भाजपा को बताना चाहिए कि विदेशी धर्म किया है? भारत के धर्म कोड में छह धर्म अंकित हैं, जिसमें हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन है। इसी में कांग्रेस सातवां कॉलम शामिल करने की मांग कर रही है।
भाजपा बताए कि विदेशी धर्म किसे कहते हैं
कांग्रेस ने कहा कि अब रघुवर दास और भाजपा को यह बताना चाहिए कि किसे विदेशी धर्म कहते हैं। यह भाजपा की संकुचित और मनु स्मृति की सोच को दर्शाती है। जब पांच साल सत्ता में थे तो आपने पेसा कानून लागू क्यों नहीं किया।
पार्टी की घटकी लोकप्रियता से BJP में घबराहट
भाजपा के नेता आदिवासियों के बीच पार्टी की घटती लोकप्रियता से घबराए हुए हैं। इसलिए भाजपा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीतिक कर रही है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी सतीश पाल मुंजनी ने कहा कि भाजपा की संकीर्ण मानसिकता दर्शाता है कि आदिवासी पारंपरिक व्यवस्था के लिए रूढ़िवादी शब्द उनपर थोपना चाहते हैं।
पारंपरिक शब्द उन प्रथाओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक मान्यताओं को संदर्भित करता है, जो पीढ़ियों से चली आ रही हैं। पारंपरिक चीजें समाज की एक सांस्कृतिक धरोहर होती हैं। इन्हें आमतौर पर लंबे समय से मान्यता प्राप्त होती है।
उन्होंने पूछा कि सबसे पहले भाजपा बताए कि इस राज्य में 14 साल से ज्यादा शासन करने पर भी पेसा नियमावली क्यों लागू नहीं किया। नियमावली तो दूर की बात है भाजपा ने पेसा पर कुछ किया भी नहीं किया, लेकिन आदिवासी अस्मिता को कमजोर करने का काम भी लगातार किया।
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