Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झारखंड में जमीन अधिग्रहण में पांच गुणा बढ़ा मुआवजा, अब किसानों को इतने रुपये प्रति डिसमिल मिलेगी राशि

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 11:26 PM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट ने पलामू जिले के एक किसान की जमीन के अधिग्रहण के मुआवजे की दर बढ़ाने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि मुआवजे की दर 5191 रुपये प्रति डिसमिल के बजाय अब 21039 रुपये प्रति डिसमिल होगी। मामला पलामू जिले के गांव सोनपुरवा की 2.82 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का है।

    Hero Image
    जमीन अधिग्रहण मामले में बढ़ाया मुआवजा, किसान को मिलेगा 21,039 रुपये प्रति डिसमिल।

    राज्य ब्यूरो, रांची।  झारखंड हाई कोर्ट ने पलामू जिले के एक किसान की जमीन के अधिग्रहण के मुआवजे की दर बढ़ाने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि मुआवजे की दर 5,191 रुपये प्रति डिसमिल के बजाय अब 21,039 रुपये प्रति डिसमिल होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह मामला पलामू जिले के गांव सोनपुरवा की 2.82 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का है। इस जमीन का अधिग्रहण आरंगा राइट मेन कैनाल परियोजना के लिए किया गया था।

    अधिग्रहण की अधिसूचना एक अगस्त, 2019 और घोषणा 25 फरवरी, 2020 को जारी की गई थी। विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी ने जमीन के मुआवजे की दर 5,191 रुपये प्रति डिसमिल तय की थी।

    इससे किसान तिलकधारी सिंह संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल की। पलामू की जिला अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए मुआवजे की दर बढ़ाकर 9,250 रुपये प्रति डिसमिल कर दी, लेकिन किसान ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल की।

    हाई कोर्ट की जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि निचली अदालत ने मुआवजे की दर 9,257 रुपये प्रति डिसमिल होने की बात कही, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि यह राशि कैसे निकाली गई।

    हाई कोर्ट ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की धारा 26 के तहत बिक्री दस्तावेजों (सेल डीड) में से आधे, जिनमें उच्चतम मूल्य वाले हैं, को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

    अदालत ने कहा कि इस मामले में कुल 13 बिक्री दस्तावेजों में से क्रम संख्या सात से 13 तक के दस्तावेजों को आधार बनाया जाना चाहिए।

    इन सात दस्तावेजों के औसत मूल्य की गणना करने पर प्रति डिसमिल 21,039 रुपये का मुआवजा तय हुआ। हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि किसान को बढ़े हुए मुआवजे के साथ-साथ अधिनियम के तहत मिलने वाले अन्य वैधानिक लाभ भी दिए जाएं।

    बताया गया है कि निचली अदालत द्वारा तय मुआवजे की राशि का भुगतान किसान को 12 अक्टूबर, 2023 को किया जा चुका है। अब बढ़ी हुई दर से शेष राशि का भुगतान किया जाएगा।