बड़े पैमाने पर झारखंड में बनेंगे कोल्ड स्टोरेज और गोदाम, प्रतिवर्ष 50 लाख टन सब्जियों और फल का उत्पादन
Jharkhand News झारखंड सरकार किसानों की सुविधा के लिए जिलों में कोल्ड स्टोरेज और गोदाम बनाने जा रही है। झारखंड में लंबे समय से इसकी मांग की जाती रही है ...और पढ़ें

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में प्रतिवर्ष करीब 50 लाख टन सब्जियों और फल का उत्पादन होता है। धान का उत्पादन भी हर वर्ष बढ़ रहा है। लेकिन इनके रखरखाव का ढांचा अब भी कमजोर है। नतीजा नुकसान के रूप में सामने आता है। किसान को उसकी उपज का मूल्य नहीं मिलता और विशेषकर सब्जियां-फल बड़े पैमाने पर खराब भी होते हैं। किसानों के पास अपनी उपज को अधिक दिनों तक सुरक्षित रखने की सुविधा नहीं होती, मजबूरी में वे कम कीमत पर अपने उत्पादों को बेचते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए अब सरकार का जोर कृषि क्षेत्र की आधारभूत संरचना को दुरुस्त कर इसके बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने पर होगा। राज्य बजट में इस पर विशेष जोर दिया गया है। यदि सरकारी योजनाएं समय पर धरातल पर उतरती हैं तो इसके दूरगामी परिणाम काफी सार्थक हाेंगे।
भंडारण के लिए मल्टीलेयर योजनाएं सरकार ने तैयार की
कृषि एवं सहकारिता विभाग के सहकारिता प्रभाग ने फल, सब्जियों और अनाज के भंडारण के लिए मल्टीलेयर योजनाएं तैयार की हैं और इसके लिए बजटीय उपबंध भी किया गया है। जिसमें पूर्व की अधूरी पड़ी योजनाओं को भी पूरा करने पर जोर होगा। राज्य सरकार अपने संसाधनों से तो योजनाओं को मूर्त रूप देगा ही साथ ही राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम की भी मदद ली जाएगी। फल और सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए पहली बार सौर ऊर्जा संचालित छोटे-छोटे कोल्ड रूम बनाने की योजना विभाग ने तैयार की है।
पांच टन क्षमता के 57 मिनी कोल्ड रूम बनाने की योजना
पांच टन क्षमता के ऐसे 57 मिनी कोल्ड रूम बनाए जाएंगे। इसके निर्माण पर करीब 12.48 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इसके अलावा पूर्व से स्वीकृत पांच हजार क्षमता के बड़े कोल्ड स्टोरेज के निर्माण को गति दी जाएगी। बता दें कि कृषि उत्पादों, फलों-सब्जियों और वनोपज के सुरक्षित भंडारण के लिए राज्य के 24 जिलों में पांच हजार टन क्षमता के 25 शीतगृह स्वीकृत किए गए हैं।
अगले वित्तीय वर्ष में बनाए जाएंगे 22 कोल्ड स्टोरेज
चतरा और पूर्वी सिंहभूम में निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। अन्य 22 जिलों में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण अगले वित्तीय वर्ष पूर्ण करने की योजना है। वहीं, ब्लाक स्तर पर 30 टन क्षमता के 130 प्रखंड में कोल्ड रूप बनाए जा रहे हैं। इस कड़ी में 45 और प्रखंडों में कोल्ड रूम का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। प्रत्येक कोल्ड रूम की लागत 32.64 लाख होगी।
प्रत्येक गोदाम पर खर्च किए जाएंगे 24 लाख रुपये
बात गोदाम की करें तो वित्तीय वर्ष 2022-23 में लैम्पस और पैक्स के स्तर पर 200 गोदाम-सह विपणन केंद्र का निर्माण का लक्ष्य साधा गया है। प्रत्येक गोदाम की लागत 24 लाख रुपये आंकी गई है। इसके अलावा 500 टन क्षमता वाले गोदाम के साथ माडल लैम्पस-पैक्स के रूप में ब्लाक स्तर पर उत्कृष्ट कार्यशील लैम्पस-पैक्स का विकास किया जाएगा। इसके तहत प्रखंड स्तर पर उत्कृष्ट कार्य कर रहे लैम्पस और पैक्स में 500 टन भंडारण क्षमता के बनाए जाएंगे। धान खरीद कार्य में तेजी लाने के लिए लैम्पस और पैक्स को माडल के रूप में विकसित करने की योजना है।

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