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    NRHM Scam: एनआरएचएम निधि घोटाले में कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह गिरफ्तार, रिमांड पर ED करेगी पूछताछ

    कोयला कारोबारी प्रमोद कुमार सिंह को एनआरएचएम निधि घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने उसको बुधवार को रांची स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश किया। कोर्ट ने ईडी को सिर्फ तीन दिनों तक पूछताछ की मंजूरी दी है। प्रमोद कुमार सिंह पर 9.39 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। 12 समन के बावजूद ईडी के सामने उपस्थित नहीं होने पर उसकी गिरफ्तारी हुई है।

    By Dilip Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 19 Feb 2025 03:09 PM (IST)
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    एनआरएचएम निधि घोटाले में कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह गिरफ्तार (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    राज्य ब्यूरो, रांची। पद का दुरुपयोग कर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) निधि के 9.39 करोड़ रुपये के गबन के आरोपित कोयला कारोबारी प्रमोद कुमार सिंह को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने उसे बुधवार को रांची स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया।

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    ईडी ने प्रमोद कुमार सिंह से सात दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की अनुमति मांगी, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ तीन दिनों तक पूछताछ की मंजूरी दी है। 12 समन के बावजूद ईडी के सामने उपस्थित नहीं होने पर उसकी गिरफ्तारी हुई है। इससे पूर्व गत वर्ष ईडी ने उसकी 1.63 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त की थी।

    कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह। फाइल फोटो 

    क्या है पूरा मामला?

    कोयला कारोबारी प्रमोद कुमार सिंह पूर्व में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) झरिया सह जोड़ापोखर में संविदा आधारित तत्कालीन ब्लाक खाता प्रबंधक था। उसपर एनआरएचएम के विभिन्न कार्यक्रमों के एवज में आवंटित फंड के गबन का आरोप था।

    भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) धनबाद ने प्रारंभिक जांच के बाद प्रमोद कुमार सिंह व अन्य के विरुद्ध आठ जून 2016 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसी प्राथमिकी के आधार पर पर ईडी ने मनी लांड्रिंग अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था।

    ईडी को जांच में क्या मिला?

    • ईडी ने जांच में पाया कि प्रमोद कुमार सिंह व स्व. शशिभूषण प्रसाद ने पद का दुरुपयोग कर एनआरएचएम निधि के 9.39 करोड़ रुपये की निकासी की। ये रुपये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झरिया सह जोड़ापोखर के लिए जिला स्वास्थ्य सोसाइटी ने आवंटित किया था।
    • प्रमोद कुमार सिंह ने पीएचसी झरिया सह जोड़ापोखर धनबाद के दो बैंक खाते व पीएचसी प्रबंधन सोसाइटी जोड़ापोखर के एक बैंक खाते से उक्त धनराशि अवैध रूप से अपने व अपने परिवार तथा सहयोगियों के खाते में स्थानांतरित की थी।
    • यह भी पता चला कि प्रमोद कुमार सिंह ने अपराध की आय से अपने व अपनी पत्नी प्रिया सिंह और अपने सहयोगियों के नाम पर चल-अचल संपत्तियां अर्जित की है। उन संपत्तियों को प्रमोद कुमार सिंह ने पूछताछ में स्वच्छ बताया था।

    नवंबर 2008 से मार्च 2016 तक पीएचसी झरिया में पदस्थापित था प्रमोद कुमार सिंह

    प्रमोद कुमार सिंह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र झरिया में 17 हजार रुपये मासिक वेतन पर ब्लाक खाता प्रबंधक के रूप में कार्यरत था। वहां वह नवंबर 2008 से मार्च 2016 तक पदस्थापित रहा। वर्ष 2008 से 2012 तक उसे सिर्फ कैशबुक व रजिस्टर ही मेंटेन करना था। अप्रैल 2012 में उसे खातों से जुड़ा काम मिला। ब्लॉक खाता प्रबंधक के रूप में उसे संविदा आधारित कर्मियों को वेतन देना था।

    इसके अतिरिक्त उसे सीएमओ या जिला स्वास्थ्य सोसाइटी के निर्देश पर लाभार्थियों में धन वितरित करना था। प्रमोद कुमार सिंह को एक अन्य मेडिकल प्रभारी शशि भूषण प्रसाद (अब स्वर्गीय) के साथ संयुक्त रूप से विभिन्न कार्यक्रमों पर एनआरएचएम निधि खर्च करने के लिए अधिकृत किया गया था। ईडी ने प्रमोद कुमार सिंह के विरुद्ध जांच में पर्याप्त सबूत मिलने के बाद छह तलाशी और एक सर्वेक्षण अभियान चलाया था।

    अभियान के क्रम में गत चार जुलाई को ईडी ने छापेमारी में प्रमोद कुमार सिंह के तीन वाहनों को भी जब्त किया था। इनमें बिना नंबर की टाटा सफारी, एक एससैंगयोंग कार (जेएच10एएन-7777) व फोर्ड फियेस्टा कार (जेएच-10डब्ल्यू-8302) शामिल थी।

    ईडी ने जांच में पाया था कि तीनों गाड़ियां गबन की राशि से खरीदे गए थे। ईडी ने प्रमोद कुमार सिंह के आवास से 2.17 लाख रुपये जब्त किया था। इसके अलावा उसके बैंक खाते में पड़े चार लाख रुपयों को फ्रीज करवाया था। इस मामले की जांच जारी है।

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