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    पवन ऊर्जा के लिए टरबाइन का निर्माण करेगी एचईसी

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 05 Feb 2021 08:40 AM (IST)

    एचईसी जल्द ही अक्षय ऊर्जा अभियांत्रिकी के क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगी।

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    पवन ऊर्जा के लिए टरबाइन का निर्माण करेगी एचईसी

    जासं, रांची : एचईसी जल्द ही अक्षय ऊर्जा अभियांत्रिकी के क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगी। कंपनी जल्द ही पवन ऊर्जा के लिए टरबाइन का निर्माण करना शुरू करने वाली है। एचईसी बड़े स्तर पर टरबाइन बनाने की तकनीकी जर्मन की कंपनी स्काई विड से लेगी। इसके लिए दोनों कंपनियों के बीच तकनीक हस्तांतरण को लेकर पहले ही एमओयू पर समझौता हो चुका है। वहीं एचईसी के अधिकारियों के मुताबिक जर्मनी की कंपनी के अधिकारियों का दल एचईसी के प्लांटों का दौरा भी कर चुका है।

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    एक टरबाइन से 3.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन

    एचईसी के द्वारा बनाई जानी वाली टरबाइन की तकनीक काफी उन्नत होगी।

    कुछ देशों में ही नवीनतम पवन चक्की निर्माण के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।

    इस टरबाइन से एक पवन चक्की 3.5 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर सकेगी।

    वर्तमान में देश में लगभग 27 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।

    केंद्र सरकार ने 2020 में इसको 60 गीगाबाइट तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

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    ये होगा खास

    दोनों कंपनियां ग्लोबल टेंडर में करेंगी साझेदारी

    अब स्काई विड कंपनी भारत में जितने भी कार्यादेश प्राप्त करेगी उसके टरबाइन का निर्माण एचईसी करेगी। इसके साथ ही पवन चक्की का कार्यादेश लेने के लिए दोनों कंपनियां संयुक्त रूप से टेंडर भरेंगी। दोनों कंपनियां अब ग्लोबल टेंडर में भी साझेदारी करेगी।

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    कंपनी एरिया में लगेगा छह मेगावाट बिजली उत्पादन का प्लांट

    सोलर ऊर्जा से रौशन होगी एचईसी

    एचईसी अपने आर्थिक संकट से गुजरते हुए कुछ नए बदलाव कर अपना खर्च कम रही है। योजना के तहत एचईसी ने ऊर्जा क्षेत्र में होने वाले खर्च में कटौती कर बड़ी राशि बचाने की योजना तैयार कर काम भी शुरू कर दिया है। कंपनी ने एनर्जी इफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड ( ईईएसएल कंपनी) के साथ इसके लिए एमओयू किया है। इसके तहत छह मेगावट बिजली उत्पादन का प्लांट कंपनी एरिया में लगाया जाएगा। अधिकारियों के मुताबित कंपनी प्लांटों में कोयला का इस्तेमाल धीरे- धीरे बंद करने और सौर ऊर्जा से प्लांटों को चला कर खर्च बचाया जाएगा। वर्तमान में टाउनशिप एरिया में सोलर प्लांट बनाकर कंपनी बिजली की खपत को 44 प्रतिशत तक नियंत्रित करेगी।

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    कोल इंडिया ने अक्षय ऊर्जा में व्यापारिक संभावनाओं के लिए ईईएसएल से किया समझौता

    कोल इंडिया एवं ईईएसएल ऊर्जा दक्षता, इलेक्ट्रिक वाहन, चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना, सौर ऊर्जा उत्पादन, हरित ऊर्जा निर्माण, स्मार्ट ऊर्जा समाधान, आदि क्षेत्रों में व्यापार के अवसरों की खोज करेंगे। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) ने एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेस लिमिटेड (ईईएसएल) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अंतर्गत वह कोल इंडिया की ऊर्जा दक्षता एवं डी-कार्बोनाइजेशन की दिशा में सहयोग करेगा। समझौते पर कोल इंडिया की ओर से निदेशक (वित्त) संजीव सोनी एवं ईईएसएल की ओर से निदेशक - परियोजना और व्यवसाय विकास वेंकटेश द्विवेदी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।

    क्या है समझौते में

    कोल इंडिया के 4600 एमयू ऊर्जा की वार्षिक खपत को 10-15 फीसद तक कम करने में ईईएसएल सहायता करेगा।

    कोल इंडिया को ऊर्जा दक्षता, संसाधन संरक्षण के साथ-साथ कार्बन फुटप्रिट को कम करने एवं संचालन कुशलता को बढ़ाते हुए कंपनी का लाभांश बढ़ाने में सहयोग करेगा।

    ईईएसएल, कोल इंडिया को ऊर्जा आडिट करने के साथ-साथ वित्तीय ईएससीओ/आरईएससीओ माडल के माध्यम से ऊर्जा खपत में होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करेगा।

    ईएससीओ/आरईएससीओ माडल के अंतर्गत आने वाली परियोजना लागत का वहन ईईएसएल द्वारा की जाएगी और ईईएसएल को भुगतान ऊर्जा बचत को मानिटाइज कर किया जाएगा।