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    JRFRY Scheme: हेमंत सरकार दे रही चार हजार, 10000 किसानों ने कराया पंजीयन, जानिए क्या है फसल राहत योजना

    By M EkhlaqueEdited By:
    Updated: Sat, 30 Jul 2022 09:12 PM (IST)

    Hemant Soren News झारखंड के गुमला व देवघर से सबसे अधिक आवेदन आए हैं। सिमडेगा व खूंटी से सबसे कम। प्राकृतिक आपदा की स्थिति में किसानों को तीन से चार हजार रुपये प्रति एकड़ सहायता राशि देगी राज्य सरकार। इस योजना का लाभ किसानों को मिलेगा।

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    JRFRY Scheme: हेमंत सरकार दे रही चार हजार, 10000 किसानों ने कराया पंजीयन, जानिए क्या है फसल राहत योजना

    रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Fasal Rahat Yojana 2022 झारखंड में सुखाड़ के मौजूदा हालातों के बीच राज्य में दस हजार से अधिक किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन झारखंड राज्य फसल राहत योजना (जेआरएफआरवाइ) के तहत कराया है। राज्य सरकार की इस योजना में प्राकृतिक आपदा की स्थिति में किसानों को राहत राशि मुहैया कराने का प्रविधान किया गया है। फसल क्षति का आकलन कर किसानों को प्रति एकड़ तीन से चार हजार रुपये राज्य सरकार अपने कोष से देगी। राज्य सरकार ने पिछली कैबिनेट में इस योजना को मंजूरी दी है।

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    गुमला में सबसे अधिक, सिमडेगा में सबसे कम आवेदन

    झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत 27 जुलाई तक कुल 8666 किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं, इस योजना के तहत 1860 किसानों ने अपना आवेदन भी दाखिल कर दिया है। रजिस्ट्रेशन और फसल राहत के लिए आवेदन देने वाले किसानों की कुल संख्या 10526 है। फसल राहत योजना के लिए अब तक गुमला जिले से सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन और आवेदन कृषि विभाग को मिले हैं। करीब तीस प्रतिशत आवेदन ( 3269 आवेदन ) इसी जिले से आए हैं। इसके बाद देवघर से 2433, गिरिडीह से 878 और दुमका से 545 किसानों ने आवेदन दाखिल किया है। वहीं, सिमडेगा से सबसे कम 28, लोहरदगा से 32, प. सिंहभूम से 36 और खूंटी से 33 किसानों ने आवेदन दिया है। यह आंकड़े 27 जुलाई तक हैं। माना जा रहा है रविवार शाम तक यह आंकड़ा दोगुना हो सकता है। आवेदन से जिलों में सुखाड़ की स्थिति की भी पुष्टि हो रही है।

    फसल बीमा से इतर है यह योजना, कोई प्रीमियम नहीं

    बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से इतर इस योजना में किसानों को किसी भी तरह के प्रीमियम का भुगतान नहीं करना होगा। किसानों के आवेदन के आधार पर प्राकृतिक आपदा या प्राकृतिक दुर्घटना का सरकार के स्तर से आकलन किया जाएगा। 30 से 50 प्रतिशत फसल क्षति पर तीन हजार रुपये और 50 प्रतिशत से अधिक क्षति पर चार हजार रुपये प्रति एकड़ का भुगतान सरकार के स्तर से किया जाएगा। यह अधिकतम पांच एकड़ के लिए होगा। स्पष्ट है कि किसानों को फसल क्षति के रूप में अधिकतम 15000 से 20000 रुपये मिल सकेंगे। किसानों को यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में दी जाएगी। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आनलाइन पूरी करनी होगी।

    झारखंड में जून-जुलाई में 50 प्रतिशत कम हुई वर्षा

    झारखंड में वर्षा की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। मौसम विभाग की रिपोर्ट इस बात की पुष्टि कर रही है कि एक जून से 30 जुलाई तक सामान्य से 50 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। सामान्य तौर पर इन दो माह में 499 मिमी से अधिक वर्षा होती है लेकिन 30 जुलाइ तक महज 251.9 मिमी बारिश की राज्य में रिकार्ड की गई है। जो कि 50 प्रतिशत के विचलन को दर्शाता है। राज्य के तकरीबन सभी जिलों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जिसका फसलों पर सीधा असर पड़ रहा है। संताल, चतरा व पाकुड़ में सर्वाधिक 75 प्रतिशत विचलन, जामताड़ा में 72 प्रतिशत, गोड्डा में 69 प्रतिशत, गढ़वा व पलामू में 63 प्रतिशत विचलन पिछले दो माह में रिकार्ड किया गया है।