साहिबगंज से रांची तक एक्सप्रेस-वे और गढ़वा-दुमका के बीच ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर, CM ने केंद्र से की ये बड़ी मांग
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में संताल परगना के विकास पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल की कनेक्टिविटी में सुधार पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर के निर्माण और राजमहल-मानिकचक पुल के निर्माण का प्रस्ताव रखा। मुख्यमंत्री ने साहिबगंज में एक एयर कार्गो हब स्थापित करने की मांग की।

राज्य ब्यूरो, रांची। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संताल परगना के विकास पर जोर दिया, उससे संबंधित कई योजनाओं का प्रस्ताव भी सौंपा और केंद्र सरकार से इसके लिए मांग भी की।
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य तीनों राज्यों के प्रतिनिधियों के सामने राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर स्थित साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल की कनेक्टिविटी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संताल परगना आदिवासी बहुल क्षेत्र है। इसके विकास को गति देने के लिए साहिबगंज के मल्टी मॉडल टर्मिनल को जिलों से जोड़ा जाय।
इसके लिए रांची से साहिबगंज तक एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया जाय। इससे साहेबगंज स्थित मल्टी मॉडल टर्मिनल से ओडिशा के पारादीप बंदरगाह तक पोर्ट से पोर्ट तक कनेक्टिविटी होगी और पूर्ववर्ती राज्यों का छत्तीसगढ़ राज्य से सीधा संपर्क स्थापित होगा।
सीएम ने इसी तरह गढ़वा जिले के मुरीसेमर से दुमका जिले को जोड़ने के लिए पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे सिंगरौली, विंध्याचल, रिहंद, अन्नपाड़ा, ओबरा आदि कोयला खनन क्षेत्र भी साहिबगंज जिले के मल्टी मॉडल टर्मिनल से जुड़ जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड का पूर्वोत्तर राज्यों के बेहतर कनेक्टिविटी के लिए राजमहल (साहिबगंज, झारखंड) से मानिकचक (मालदा, पश्चिम बंगाल) के बीच प्रस्तावित पुल के निर्माण को यथाशीघ्र प्रारंभ कराया जाय। इसके निर्माण की लागत का 50 प्रतिशत व्यय का वहन राज्य सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि साहिबगंज में एयर कार्गो हब विकसित करने के उद्देश्य से वहां हवाई अड्डा निर्माण के लिए जमीन चिह्नित कर अधिग्रहित की चल रही कार्रवाई चल रही है।
इसका लाभ झारखंड के साथ-साथ सभी सीमावर्ती राज्यों को प्राप्त होगा। उन्होंने मांग की कि साहिबगंज में हवाई अड्डा निर्माण में होने व्यय का शत-प्रतिशत वहन भारत सरकार करे।
उग्रवाद विरोधी अभियान में लगे केंद्रीय बल पर होने वाले खर्च का भुगतान केंद्र करे
मुख्यमंत्री ने बैठक में केंद्र सरकार से मांग की कि उग्रवाद की समस्या से निपटना केवल राज्य सरकार के लिए ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। राज्य सरकार के पास जो संसाधन उपलब्ध हैं, उनका उपयोग इस कार्य के लिए किया जा रहा है।
केंद्रीय बलों की प्रतिनियुक्ति में केंद्र सरकार से भी पर्याप्त सहयोग मिल रहा है। लेकिन, इस प्रतिनियुक्ति के एवज में राज्य सरकार को एक बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार यह मानती है कि उग्रवाद को समाप्त करना केंद्र तथा राज्य सरकार की संयुक्त जिम्मेदारी है, तो ऐसी परिस्थिति में केंद्रीय बलों की प्रतिनियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार से राशि के भुगतान की मांग नहीं करनी चाहिए।
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