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    झारखंड हाई कोर्ट का आदेश: चौकीदार बहाली में बीट का निवासी होना अनिवार्य नहीं

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 07:44 PM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि चौकीदार बहाली में अभ्यर्थी को नियुक्ति के लिए उसी बीट का निवासी होना अनिवार्य नहीं है। कोर्ट ने गिरिडीह जिले के ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने चौकीदार बहाली मामले में स्पष्ट किया है कि अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए उसी बीट का निवासी होना अनिवार्य शर्त नहीं है। अदालत ने गिरिडीह जिले के पवन कुमार राय की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके नामांकन को रद करने के आदेश को निरस्त कर दिया।

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    मामले के अनुसार प्रार्थी की उम्मीदवारी इस आधार पर खारिज कर दी गई थी कि वह संबंधित बीट क्षेत्र का निवासी नहीं है। राज्य सरकार और गिरिडीह जिला प्रशासन ने भी अपने जवाब में इसी तर्क के आधार पर नियुक्ति से इन्कार किया था।

    याचिकाकर्ता ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही खंडपीठ का स्पष्ट निर्णय दिया जा चुका है।

    खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा था कि चौकीदार की नियुक्ति जिला स्तरीय प्रक्रिया है और इसमें केवल उसी बीट का निवासी होना अनिवार्य नहीं है। नियुक्ति नियमों के अनुसार पास या आसपास के बीट क्षेत्र के अभ्यर्थियों को भी नियुक्त किया जा सकता है।

    कोर्ट ने 13 सितंबर 2025 को पारित आदेश को रद करते हुए मामले को संबंधित अधिकारियों के पास पुनर्विचार के लिए भेज दिया है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह खंडपीठ के फैसले के आलोक में याचिकाकर्ता के मामले पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लें।

    कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि पवन कुमार राय अन्य सभी योग्यता पर खरे उतरते हैं तो उन्हें चौकीदार पद पर नियुक्ति पत्र जारी किया जाए। बता दें कि सरकार ने चौकीदार बहाली के लिए जो नियमावली बनाई गई है, उसमें कहा गया है जो एक बीट क्षेत्र (100 से 120 घर वाले गांव) का होगा, उसी की बहाली होगी।