वीडियो गेम खेलने, कार्टून देखने में बीत रहा समय
कोरोना की दूसरी लहर में एक बार फिर स्कूल बंद हैं। पढ़ाई ऑनलान पढ़ाई चल रही है।

जागरण संवाददाता, रांची : कोरोना की दूसरी लहर में एक बार फिर स्कूल बंद हैं। पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है। लॉकडाउन के कारण बच्चे घर में सिमट कर रह गए हैं। ऑनलाइन क्लास के बाद बच्चे इंडोर गेम में व्यस्त हो जाते हैं। कैरम, लूडो, चेस कम वीडियो गेम और कार्टून पर अधिक समय बिता रहे हैं।
लगभग सभी घरों में टीवी पर भी ज्यादातर बच्चों का कार्टून ही लगा रहता है। मोटू-पतलू, शिवा, रूद्रा, छोटा भीम, शिंगचेन, डोरेमॉन, टॉम एंड जेरी, लिटिल सिघम सहित अन्य मनपसंद कार्टून का बच्चों ने जमकर आनंद लेना शुरू कर दिया है। ज्यादातर घरों में टीवी रिमोट को बच्चों ने अपने कब्जे में ही कर रखा है। मजबूरी में ही सही, अभिभावकों ने भी फिलहाल अपनी मौन स्वीकृति बच्चों को दे रखी है। कुछ घरों में बच्चों को विशेष तौर पर अन्य चैनल भी दिखाया जा रहा है। कोरोना के संक्रमण या उससे बचाव की जानकारी दी जा रही है। कोरोना के बढ़ते प्रसार के कारण घरों में बच्चों को बेहतर तरीके से हाथ की सफाई भी कराई जा रही है। इस लॉकडाउन में बच्चे अपने दादा दादी के साथ भी पुराने खेल खेल रहे हैं। मौका का फायदा उठा नए गेम ला रही कंपनियां
कोरोना एक बार फिर लौटने से वीडियो गेम बनाने वाली कंपनियां भी मौके का फायदा उठाकर नए-नए वीडियो गेम ला रही हैं। कंपनियां जानती है कि इस समय स्कूल बंद होने के कारण बच्चे वीडियो गेम पर अधिक समय देंगे। न्यू पॉकमैन स्नैप औ रिटर्नल 30 अप्रैल को मार्केट में आ चुका है। इसके अलावा ऑड वर्ल्ड सोलस्ट्रॉम, रेसिडेंट इविल जैसे वीडियो गेम भी कुछ दिनों पहले आनलाइन उपलब्ध हुई है। सोलर एश, लिटिल डेविल इनसाइड, लाइफ इज स्ट्रेंज : ट्रू कलर, घोस्ट वायर जैसी कई नई वीडियो गेम लांच होने वाली है। किसी को फाइटिग तो किसी को पजल गेम पसंद
बच्चे मोबाइल और लैपटाप पर वीडियो गेम खेलने में व्यस्त रहते हैं। किसी को फाइटिग गेम पसंद है तो किसी को पजल गेम। फ्री फायर, कॉल आफ ड्यूटी फाइटिग गेम है। वहीं कैंडी क्रश पजल गेम है। 10 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे पजल गेम को पसंद करते हैं। माइन क्राफ्ट एनिमेटेड फाइटिग गेम है। बच्चे इसे भी खूब खेलना पसंद कर रहे हैं। कुछ गेम डरावनी भी होती है। इसमें घोस्ट आफ सुसिमा भी खूब डाउनलोड हो रहा है। डिप्रेशन का भी होते हैं शिकार
माना जाता है कि वीडियो गेम्स से बच्चों के व्यवहार पर नकारात्मक असर पड़ता है। इससे उनमें गुस्सैल प्रवृत्ति बन सकती है। कई रिसर्च में भी सामने आया है कि वायलेंट वीडियो गेम्स से बच्चों में गुस्सैल व्यवहार को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा बच्चों को वीडियो गेम्स की बहुत जल्दी लत भी लग सकती है। पैथोलॉजिकल गेम्स की वजह से बच्चों में एंग्जायटी, अनिद्रा, लोगों से दूरी बनाकर रखने और डिप्रेशन का खतरा हो सकता है। चढ़ जाते हैं चश्मे
वीडियो गेम्स से टीएनज बच्चों की स्कूल में परफॉर्मेंस भी खराब हो सकती है। कई घंटों तक वीडियो गेम्स खेलने से पढ़ाई पर बुरा असर पड़ता है। सेहत के लिए भी वीडियो गेम्स नुकसानदायक हो सकती हैं। वर्चुअल गेम्स कई घंटे तक खेलने से बच्चे फिजिकल एक्सरसाइज के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। इससे बच्चों में मोटापा बढ़ सकता है। कई बार बच्चे गेम के चक्कर में खाना तक नहीं खाते हैं जिसका बुरा असर उनकी सेहत पर पड़ता है। ज्यादा देर तक वीडियो गेम पर आंख गड़ाए रखने से यह रेटिना को प्रभावित करती है। इससे कम उम्र में ही पावर चश्मे चढ़ जाते हैं। अभिभावक बच्चों के साथ समय बिताएं। घर में बच्चों को पेंटिग, खिलौने या अन्य प्रकार के मनोरंजन की सामग्री दें। बच्चों के सामने खुद मोबाइल का उपयोग कम करें। ================= क्या कहते हैं बच्चे
- मुझे कार्टून देखना पसंद है। मोटू-पतलू और छोटा भीम देखती हूं। पढ़ती भी हूं, लेकिन मोबाइल पर कार्टून अधिक देखती हूं। स्कूल खुलेगा तो अधिक पढ़ाई करूंगी।
- आन्वी कुमारी - मेरे लैपटॉप में कोई भी वीडियो गेम डाउनलोड नहीं होता है। पापा ने इसे बंद करवा दिए हैं। कुछ गेम पहले से डाउनलोड है उसी को कभी-कभार देखता हूं। अधिक समय पढ़ाई पर देता हूं।
- चुनमुन कुमार - लॉकडाउन में पापा अधिक समय तक घर पर रहते हैं। वे हमेशा पढ़ाई करने के लिए कहते हैं। पढ़ाई करता हूं। लेकिन वीडियो गेम भी खेलता हूं। मम्मी मोबाइल नहीं देती है। इसलिए टीवी पर मोटू-पतलू और शिवा देखता हूं।
- वरेण्यं आर्य - नए वीडियो गेम का इंतजार है। अभी स्कूल में आनलाइन पढ़ाई होती है इसलिए वीडियो गेम खेलने का समय मिल जाता है। वैसे भी हर समय पढ़ाई करना संभव नहीं है। घर में बैठे-बैठे बोर हो जाता हूं।
- प्रिस कुमार - मुझे वीडियो गेम पसंद नहीं है। केवल कार्टून देखता हूं। मम्मी मोबाइल नहीं देती है। टीवी पर डोरेमोन और छोटा भीम देखता हूं। छोटा भाई के साथ भी खेलता हूं।
- अंकन प्रसाद
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