Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Chhath Puja 2025: छठ व्रती गंदे पानी से बचें, डॉक्टर ने बताया 36 घंटे उपवास के बाद कैसे करें भोजन

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 08:01 AM (IST)

    छठ पूजा 2025 के दौरान उपवास रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए डॉक्टरों ने स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उपवास से पहले शरीर को तैयार करें, हल्का भोजन करें और पर्याप्त पानी पिएं। उपवास के दौरान फल, सब्जियां और सूखे मेवे जैसे पौष्टिक आहार लें। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें। भारी शारीरिक गतिविधि से बचें और किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह लें।

    Hero Image

    छठ पूजा 2025

    जागरण संवाददाता, रांची। लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत के साथ ही श्रद्धालु घाटों और तालाबों पर स्नान, अर्घ्य और पूजा की तैयारियों में जुटे हैं। लेकिन यदि जलाशयों का पानी साफ नहीं है, तो यह श्रद्धालुओं और व्रतियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम का कारण बन सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रिम्स के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात कुमार बताते हैं कि गंदे पानी में मौजूद बैक्टीरिया, फफूंद और रासायनिक तत्व से त्वचा रोग, फंगल इन्फेक्शन, पेट की बीमारियां और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

    गंदे पानी से हो सकते हैं ये नुकसान

    त्वचा संक्रमण: गंदे पानी में डूबने से खुजली, फोड़े-फुंसी, रैशेज और फंगल संक्रमण हो सकता है
    आंखों में जलन या लालिमा: संक्रमित पानी के संपर्क से कान्जंक्टिवाइटिस या एलर्जी हो सकती है
    पेट संबंधी रोग: स्नान या पूजा के दौरान गलती से दूषित पानी का सेवन करने पर उल्टी-दस्त, टाइफाइड जैसी बीमारियां हो सकती हैं
    घावों में संक्रमण: जिनके शरीर पर पहले से कट या घाव हैं, वे विशेष सावधानी बरतें, क्योंकि यह संक्रमण को बढ़ा सकता है।

    इन सावधानियों से रहें सुरक्षित

    - स्नान से पहले घाट के पानी की स्थिति देख लें, गंदगी दिखे तो जल का छिड़काव कर प्रतीकात्मक स्नान करें
    - पूजा के बाद घर लौटकर एंटीसेप्टिक साबुन से स्नान करें
    - छोटे बच्चों और बुजुर्गों को गहरे पानी में उतरने से बचें
    - खुले घाव पर वाटरप्रूफ पट्टी लगाकर ही पानी में जाए
    - नगर निगम और स्थानीय समिति द्वारा की जा रही ब्लीचिंग पाउडर और फिटकरी की व्यवस्था का पालन करें

    खरना के बाद निर्जला उपवास: कैसे रखें शरीर को तैयार

    छठ व्रत का सबसे कठिन हिस्सा निर्जला उपवास है, जो खरना के प्रसाद के बाद शुरू होता है और 36 घंटे तक चलता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर व्रती कुछ सावधानियां पहले से अपना लें तो इस व्रत को बिना कमजोरी या स्वास्थ्य जोखिम के पूरा किया जा सकता है।

    खरना के दिन प्रसाद के रूप में गुड़ की खीर, रोटी, दूध, पानी और नारियल पानी लेने के बाद निर्जला उपवास के दिन दिनभर छाया में रहें और खुद को ठंडा रखने की कोशिश करें। मानसिक शांति बनाए रखें, ज्यादा बोलचाल या मेहनत से बचें। मुंह में सूखापन महसूस हो तो नींबू या तुलसी की पत्ती सूंघ सकते हैं, इससे ताजगी बनी रहती है।

    व्रत खोलने के तुरंत बाद क्या करें?

    - सबसे पहले गुनगुना या सामान्य पानी एक-दो घूंट लेकर पिएं
    - इसके बाद नींबू पानी, नारियल पानी या मीठा जल लें, ताकि शरीर में ग्लूकोज की कमी पूरी हो सके
    - तुरंत ठंडा पानी या भारी भोजन न लें, इससे पेट में ऐंठन, दर्द या अपच की संभावना रहती है
    - पहला भोजन प्रसाद के रूप में लें इससे शरीर को ऊर्जा मिलेगी
    - खरना की तरह गुड़-चावल की खीर-रोटी, केला-दूध सबसे उपयुक्त माने जाते हैं या हल्का सुपाच्य युक्त भोजन लें
    - दूध में तुलसी या इलायची मिलाकर लेने से शरीर में तुरंत ऊर्जा और स्फूर्ति आती है
    - उपवास के तुरंत बाद चाय या काफी न लें

    धीरे-धीरे सामान्य आहार की ओर लौटें

    - अगले दिन सुबह हल्का दलिया, खिचड़ी या सूप लें
    - तला-भुना या मसालेदार खाना कुछ दिनों तक न खाएं
    - पर्याप्त पानी, नींबू पानी, छाछ और नारियल पानी लेते रहें ताकि शरीर में तरलता बनी रहे